script

इधर-उधर रैफर के चक्कर में बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत!

locationझाबुआPublished: Dec 10, 2019 06:33:20 pm

Submitted by:

kashiram jatav

डिलीवरी के बाद प्रसूता का खून बंद नहीं हुआ, अधिक खून बहने से प्रसव के 10 घंटे बाद मौत हो गई

इधर-उधर रैफर के चक्कर में बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत!

इधर-उधर रैफर के चक्कर में बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत!

झाबुआ. खून की कमी और रैफर प्रणाली के फेर में एक और महिला की प्रसव के बाद मौत हो गई। सोमवार सुबह एक प्रसूता ने नवजात को जन्म दिया। पेटलावद सिटी हॉस्पिटल में नार्मल डिलीवरी हुई। बच्चा स्वस्थ्य था, लेकिन डिलीवरी के बाद प्रसूता का खून बंद नहीं हुआ। अधिक खून बहने से महिला की प्रसव के 10 घंटे बाद मौत हो गई। इधर-उधर रैफर के चक्कर भी महिला की मौत का कारण बना। महिला जिला अस्पताल समय पर नहीं पहुंच पाई। महिला के परिजन ने स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए।
डूंगरा धन्ना निवासी 19 वर्षीय मेसी पति संजय भूरिया को रविवार शाम लेबर पेन होने पर परिजन जिला चिकित्सालय लाए। डॉक्टरों ने महिला को भर्ती किया। रातभर भर्ती रखने के बाद प्रसूति का समय पास आने पर स्टाफ ने महिला को पेटलावद रैफर कर दिया। पेटलावद पहुंचते ही सुबह 6 बजे महिला ने नार्मल डिलीवरी से एक स्वस्थ्य बालक को जन्म दिया। महिला का यह पहला प्रसव था। डिलीवरी के बाद महिला का खून बहना बंद नहीं हुआ। पेटलावद चिकित्सालय का स्टाफ परिजनों को सब कुछ ठीक होने का आश्वासन देता रहा। शाम 4 बजे जब महिला की तबियत ज्यादा खऱाब हुई तो स्टाफ द्वारा रतलाम या झाबुआ ले जाने की बात कही। परिजन झाबुआ में खून आसानी से उपलब्ध होने का सोचकर महिला को शाम 5 बजे एक बार फिर झाबुआ जिला चिकित्सालय में लेकर आए। यहां आने के बाद आधे घंटे तक परिजन ड्यूटी डॉक्टर को ढूंढते रहे। डॉक्टर के आने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। मंगलवार सुबह पोस्टमॉर्टम करने के बाद शव परिजन को सौंप दिया।
कमजोरी से बचाने के लिए बोतल भी चढ़ाई-
मृतक महिला के ससुर रूपसिंह ने झाबुआ और पेटलावद के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि पेटलावद में सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे के बीच 10 घंटे तक बहु का खून बंद नहीं हुआ। कमजोरी से बचाने के लिए बोतल भी चढ़ाई गई। बहु ने समय-समय पर नारियल पानी, केला, दुग्ध का सेवन किया। आखरी समय में खून उपलब्ध नहीं होना कहकर झाबुआ या रतलाम रैफर करने की बात कह दी। रतलाम में खून की व्यवस्था नहीं हो सकती थी। इसलिए झाबुआ लेकर पहुंचे। अस्पताल पहुंचने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिला। इंतज़ार में बहू ने दम तोड़ दिया।
आने में देर होने से हुई मौत
महिला यहां भर्ती हुई क्रिटिकल केस था, तो काउंसिल करके उसे पेटलावद रैफर किया। पेटलावद में उसे नॉर्मल डिलीवरी हुई। उसे यहां आने में देर हुई इस वजह से उसकी मौत हुई।
-डॉ एनके पठान , प्रभारी सीएमएचओ

ट्रेंडिंग वीडियो