scriptभवन निर्माण सामग्री रखने से मैदान के खराब होने की आशंका | There is a possibility of deterioration of the ground due to building | Patrika News

भवन निर्माण सामग्री रखने से मैदान के खराब होने की आशंका

locationझाबुआPublished: Oct 10, 2019 10:56:40 pm

खिलाडिय़ों ने कलेक्टर को बताया बी 4 सिनेमा के पास के मार्ग का उपयोग करने से ग्राउंड खराब नहीं होगा

भवन निर्माण सामग्री रखने से मैदान के खराब होने की आशंका

भवन निर्माण सामग्री रखने से मैदान के खराब होने की आशंका

झाबुआ. खिलाडिय़ों ने गुरुवार शाम 4 बजे कलेक्टर प्रवल सिपाहा से मुलाकात कर खेल मैदान में निर्माण सामग्री रखने हो होने वाली समस्या से अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि पीआइयू एवं कॉलेज प्रशासन द्वारा मैदान की सुरक्षा के उद्देश्य से लगाए गए गेट के ताले की चाबी मांगी जा रही है। दोनों अधिकारी द्वारा खिलाडिय़ों पर दबाव बनाया जा रहा है। खिलाडिय़ों ने कलेक्टर को बतायाकि ग्राउंड में अतिरिक्त स्थान पर 6 बड़े कमरे बनाने के लिए कंस्ट्रक्शन सामग्री को परिसर में लाने ले जाने के लिए ग्राउंड में से प्रवेश कराया जा रहा है। खिलाडिय़ों ने नक्शे पर कलेक्टर को समझाया कि ग्राउंड में आने जाने के लिए बी 4 सिनेमा के पास से एक स्थान है। जो ग्राउंड के पीछे से होकर जाता है। इस मार्ग का उपयोग करने से ग्राउंड खराब नहीं होगा एवं पुराने कंस्ट्रक्शन का काम रोककर नया निर्माण कार्य पीआईयू कर रही है। इससे मैदान के निर्माण में फिर से बाधा पहुंचेगी । कलेक्टर ने खिलाडिय़ों को मामले को दिखाने की बात कही।
वहीं प्राचार्य एचएल अनिजवाल ने कहा कि महाविद्यालय की जरूरतों के हिसाब से 6 अतिरिक्त क्लास रूम ग्राउंड के कोने में छूटी खाली जगह पर बनाने के लिए प्रस्ताव है। ग्राउंड पर लगे ताले की चाबी के संबंध में खिलाडिय़ों को बुला कर बात कर देखेंगे कि क्या स्थिति है। खिलाडिय़ों ने बताया कि खेल मैदान की वर्षों से उपेक्षा झेल रहे खिलाड़ी पिछले कुछ सालों से लगातार वाहन सीखने वालों को मैदान में घुसने से रोकने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे। पत्रिका ने इस मामले को लगातार उठाया। इन खिलाडिय़ों को कुछ समय पहले ही राहत मिली, जब मैदान में टूटी दीवारों की रिपेयरिंग की गई एवं लोहे के गेट लगाए गए। इससे मैदान में वाहन सीखने वाले लोग प्रवेश न कर सकें। गेट लगने के बाद खिलाडिय़ों ने गेट पर ताला लगाकर मैदान की चाबी अपने पास रख ली। खिलाडिय़ों की भावनाओं को समझते हुए प्रशासन ने इस बार दशहरे पर कॉलेज मैदान पर होने वाले कार्यक्रम के स्थान पर रावण दहन के लिए बिलीडोज में निजी खेत को चुना, लेकिन दशहरे के 2 दिन बाद ही खिलाडिय़ों से मैदान के गेट पर लगे ताले की चाबी मांग ली। मैदान की सुरक्षा को लेकर चिंतित खिलाड़ी मदद की गुहार लगाने के लिए कलेक्टर के पास पहुंचे। कॉलेज प्रशासन अपने परिसर में एक भवन तैयार करना चाहता है। इसके लिए उन्होंने मैदान की चाबी खिलाडिय़ों से वापस मांगी। पीआईयू एवं महाविद्यालय प्राचार्य दोनों ही मैदान की सुरक्षा को लेकर इन खिलाडिय़ों को कोई तर्कसंगत जवाब नहीं दे सके। एक बार फि र से मैदान की बहाली का इंतजार कर रहे खिलाड़ी मैदान की सुरक्षा के लिए चिंतित होने लगे। खिलाडिय़ों ने बताया कि मैदान में फुटबॉल ट्रैक के निर्माण के साथ ही एथलेटिक ट्रैक, शॉट पुट फील्ड , हैमर फ ील्ड , हाई जंप फ ील्ड, डिस्कस थ्रो फ ील्ड एवं वॉलीबॉल कोर्ट तैयार करने का एस्टीमेट बनाया गया है, लेकिन 2 सालों में सिर्फ फुटबॉल मैदान ही आकार में आ सका। वह भी अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हो सका। इस धीमी रफ्तार से खिलाड़ी खेलों से दूर हो रहे हैं।
दो साल से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे
शहर के लगभग तीन हजार खिलाडिय़ों के लिए एक मात्र कॉलेज मैदान दो साल से स्टेडियम और मल्टीपरपस ग्राउंड फैसिलिटी मुहैय्या कराने के उ्देश्य से तैयार किया जा रहा है। दो साल से खेल मैदान के अभाव में शहर के खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। खेल के अभाव में कंपीटिटिव एग्जाम्स कि तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को दूसरे जिले के प्रतिभागियों से पिछडऩे का डर सता रहा है। मॉर्निंग क्लब, जिला फुटबॉल संघ, राजा क्लब डीआरपी, जिला एथलेटिक्स संघ के खिलाड़ी मैदान की सुरक्षा के लिए चिंतित है
४२ लाख की लागत से बनना है मैदान
दरअसल पीआईयू की ओर से मैदान को नया रूप देने के लिए काम किया जा रहा है। जिसमें स्टेडियम एवं सीटिंग व्यवस्था के अतिरिक्त कुल 42 लाख रुपए की लागत से सर्व सुविधा युक्त खेल मैदान तैयार किया जाना प्रस्तावित है। इसमें एथलेटिक एवं वॉलीबॉल कोर्ट जिसकी प्रस्तावित लागत तेरह लाख 80 हजार , 12 लाख 51 हजार की लागत से बनने वाली फुटबॉल फ ील्ड एवं 14 लाख 75 हजार की लागत से लड़के एवं लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था किया जाना तय है। 2 साल बीत जाने के बाद भी दोनों शौचालय का निर्माण अपने मानकों पर खरा खरा नहीं उतरता।
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