थांदला क्षेत्र के ग्राम बड़ी धामनी निवासी ललिता पति लुईस (26 ) को थांदला स्वास्थ्य केंद्र से झाबुआ जिला अस्पताल रैफर किया गया था। 11 नवंबर की रात करीब साढ़े 12 बजे वे यहां पहुंचे। ललिता उस वक्त दर्द से तड़प रही थी। रात में आरएमओ डॉ.एसएस चौहान, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.सोनल रावत और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन बावनिया की ड्यूटी थी। ललिता की गंभीर हालत को देखते हुए उन्होंने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। रात करीब 2 से साढ़े तीन बजे तक चले ऑपरेशन के बाद ललिता ने तीन बेटियों को जन्म दिया। वजन कम होने से एसएनसीयू में रखा तीनों लड़कियों में से एक का वजन 1.4 किलोग्राम, दूसरी का 1.2 किलोग्राम और तीसरी का वजन 1.4 किलोग्राम है। तीनों को एसएनसीयू में रखा गया है। उनकी हालत सामान्य है।
पूर्व में एक बच्चे की जन्म के बाद हो गई थी मौत : ललिता ने पांच साल पहले एक बच्चे को जन्म दिया था,पर उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद उसे एक साथ तीन बेटियों की मां बनने की खुशी मिली।
डॉ. सोनल रावत ढाई साल पहले जिला अस्पताल में नियुक्ति हुई थी। अब तक करीब 150 ऑपरेशन कर चुकी हंै, उन्होंने बताया जिस तरह की परिस्थितियां थी उसमें महिला को रैफर नहीं कर सकते थे। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा।
डॉ. एसएस चौहान एनेस्थिसिया (निश्चेतना) विशेषज्ञ और जिला अस्पताल में आरएमओ ने महिला की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और अपनी टीम को इसके लिए तैयार किया।
डॉ. सचिन बावनिया शिशु रोग विशेषज्ञ ने तीनों बच्चियों को संभाला। वजन कम था इसलिए तत्काल उन्हें एसएनसीयू में ले जाया गया। डॉ. बावनिया ने बताया तीनों बच्चियों की हालत पहले से बेहतर है। उसमें और सुधार हो रहा है।
सुरैया पठान सीनियर सिस्टर गायनिक ऑपरेशन थियेटर का जिम्मा इनके पास है। उन्होंने बताया कि 2012 से वे गायनिक ओटी संभाल रही हैं, लेकिन तीन बच्चियों का ऑपरेशन से जन्म होने का यह पहला मामला है।
पूर्व में एक बच्चे की जन्म के बाद हो गई थी मौत : ललिता ने पांच साल पहले एक बच्चे को जन्म दिया था,पर उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद उसे एक साथ तीन बेटियों की मां बनने की खुशी मिली।
डॉ. सोनल रावत ढाई साल पहले जिला अस्पताल में नियुक्ति हुई थी। अब तक करीब 150 ऑपरेशन कर चुकी हंै, उन्होंने बताया जिस तरह की परिस्थितियां थी उसमें महिला को रैफर नहीं कर सकते थे। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा।
डॉ. एसएस चौहान एनेस्थिसिया (निश्चेतना) विशेषज्ञ और जिला अस्पताल में आरएमओ ने महिला की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और अपनी टीम को इसके लिए तैयार किया।
डॉ. सचिन बावनिया शिशु रोग विशेषज्ञ ने तीनों बच्चियों को संभाला। वजन कम था इसलिए तत्काल उन्हें एसएनसीयू में ले जाया गया। डॉ. बावनिया ने बताया तीनों बच्चियों की हालत पहले से बेहतर है। उसमें और सुधार हो रहा है।
सुरैया पठान सीनियर सिस्टर गायनिक ऑपरेशन थियेटर का जिम्मा इनके पास है। उन्होंने बताया कि 2012 से वे गायनिक ओटी संभाल रही हैं, लेकिन तीन बच्चियों का ऑपरेशन से जन्म होने का यह पहला मामला है।