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रोजगार की जुगाड़ में पलायन पर गए मजदूरों के शव देख बिलख उठा पूरा गांव

locationझाबुआPublished: Jun 08, 2023 12:43:52 am

Submitted by:

binod singh

पेटलावद तहसील की ग्रामपंचायत मोहकमपुरा के गांव जूनापानी में पसरा मातम

रोजगार की जुगाड़ में पलायन पर गए मजदूरों के शव देख बिलख उठा पूरा गांव
रोजगार की जुगाड़ में पलायन पर गए मजदूरों के शव देख बिलख उठा पूरा गांव
झकनावदा. राजस्थान के कोटा में सीवरेज कि सफाई करते समय चार मजदूर 25 फीट गहराई में फंस गए। दम घुटने से तीन की मौत हो गई, ये मजदूर पेटलावद तहसील के झकनावदा पुलिस चौकी क्षेत्र के मोकमपुरा ग्राम पंचायत के जूनापानी गांव के निवासी थे। गुरुवार को सभी मृत मजदूरों के शव गांव में पहुंचे तो पूरे गांव में मातम छा गया। शव को देखते ही परिजन रोने बिलखने लगे। परिजनों को बिलखता देख पूरा गांव रोने लगा। मरने वाले तीनों मजदूरों की उम्र महज 20 से 25 वर्ष की थी। तीनों मृतकों की पत्नी सीमा ,सोनू और सुनीता ने बताया कि परिवार सहित पलायन पर गए थे,अब कमाने वाला ही चला गया है, परिवार का भरण पोषण कौन करेगा। दोपहर में कमल डामोर (25), गलिया गुंडीया (24), किरे ङ्क्षसह गुंडिया (20) तीनों मृतकों का पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। विधायक वाल ङ्क्षसह मेड़ा, अनुसूचित मोर्चा के अजमेर ङ्क्षसह भूरिया , तारखेड़ी से प्रदीप ङ्क्षसह , कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष दीपक चारण ने परिजनों के साथ शवों का अंतिम संस्कार किया।
ऐसे मामलों में टेस्ट जरूरी
जानकारों की मानें तो ऐसे मामलों में पहले टेस्ट जरूरी होता है। गहराई में कीचड़ होने से जहरीली गैस बनती है। इसका पता लगाने के लिए पहले टेस्ट किया जाता है। लालटेन जलाकर उसको नीचे लटकाया जाता है। अगर लालटेन बुझ जाए तो पता लगता है कि नीचे ऑक्सीजन नहीं है। अगर लालटेन जलती रही तो नीचे उतरने का रिस्क लिया जा सकता है। यहां लापरवाही बरती गई। मजदूरों को नीचे उतारने से पहले टेस्ट नहीं किया गया। नीचे ऑक्सीजन की कमी थी। फिर भी चार लोग एक के बाद एक नीचे उतरे। तीन बाहर नहीं निकल सके। नीचे उतरे तीनों मजदूर अचेत होकर कीचड़ में गिर गए। मजदूरों का मुंह खुला का खुला ही रह गया।
विधायक ने लगाए सरकार पर आरोप : झाबुआ जिले मे रोजगार के अवसर नहीं होने से गरीब आदिवासी राजस्थान व गुजरात जाते हैं। यहां मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। इससे पहले भी कर्नाटक में मजदूरों को बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था। इससे पहले भी जिले के मजदूरों की पलायन से लौटते समय या
पलायन पर जाते समय दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है।
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