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झाबुआ

आ गया है वक्त यारों, पाक को सबक सिखाएंगे…

कवि सम्मेलन देर रात तक श्रोताओं ने लिया आनंद

झाबुआSep 17, 2019 / 12:32 am

अर्जुन रिछारिया

आ गया है वक्त यारों, पाक को सबक सिखाएंगे...

आ गया है वक्त यारों, पाक को सबक सिखाएंगे…

झाबुआ. गणेश उत्सव समिति के तत्वावधान में स्थानीय नेचुरल ग्रीन पार्क कॉलोनी में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सूत्रधार अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिलाध्यक्ष एवं साहित्यकार भेरूसिंह चौहान ‘तरंगÓ थे।

सर्वप्रथम मंगला गरवाल ने सरस्वती वंदना के साथ ही भारत माता की तुम लाज रखना, जन-जन मिलकर सीखो आजÓ प्रस्तुत की। प्रवीणकुमार सोनी ने ‘साहस नहीं है मुझमें, तुमसे कुछ कह पाने का, तुम ही अर्थ समझ लो मेरे किसी बहाने का …., मनोज जैन ने ‘ छोटी शतरंज ने मोटा प्यादा सकड़ी सड़क ने गाड़ी ज्यादा …., पीडी रायपुरिया ने ‘हमारा भारत देश महानÓ, श्रृंगार एवं हास्य की कविताएं सुनाकर सभी को आनंदित किया। वीरेन्द्र मोदी ‘दर्दÓ ने ‘यारो ने अपने वतन बेच डालेÓ काव्य रचना प्रस्तुति से सभी में राष्ट्रीयता की भावना का संचार किया।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई सब मिलकर वंदे मातरम् गाएंगे-
भेरूसिंह चौहान ‘तरंगÓ ने सर्वप्रथम हास्य की रचना ‘गली-गली में गूंज रहे है गणपति बाप्पा मोरिया …., के साथ ‘चोटी कट गई …Ó मालवी रचनाएं सुनाकर सभी श्रोताओं को हसंने के लिए मजबूर किया। तत्पश्चात् पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत रचना ‘आ गया है वक्त यारो …. पाक को सबक सिखाएंगे …. हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई सब मिलकर वंदे मातरम् गाएंगे …., सुनाकर श्रोताओं से जमकर दाद बंटोरी ….। श्रोताओं के विशेष आग्रह पर ‘माछलिया घाटÓ पर भी कविता पाठ किया। डॉं. रामशंकर चंचल ने श्रृंगार गीत और हास्य कविताएं सुनाकर सभी को मन मोहित किया। गणेशप्रसाद उपाध्याय ने संचालन करते हुए हास्य रचना ‘उठ मुर्दे मसान घाट कÓे एवं शहीद चन्द्रशेखर आजाद पर केंद्रित पर रचना सुनाई।
सभी साहित्यकारों का किया सम्मान
कवि सम्मेलन में आमंत्रित कविगणों का गणेश उत्सव समिति के पदाधिकारियों में अध्यक्ष राजा ठाकुर, सचिव प्रकाश धाकड़, संरक्षक हेमेन्द्रकुमार पाठक, अरेमर्दन परमार, आरएन चौरसिया, मदन किशोर वर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों ने पुष्पमालाओं से एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मान किया। कवि सम्मेलन देर रात्रि तक सतत चलता रहा। सभी रसिक श्रोतागणों ने कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद लिया।
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