गर्मी के दौरान हर साल हजारों पक्षी प्यास के कारण मर जाते हैं। इस स्थिति को देखते हुए इनरव्हील क्लब की सदस्यों ने अपनी ओर से लोगों से भी आह्वान किया है कि वे अपने घर पर पक्षियों के लिए मिट्टी के पात्रमें पानी भरकर जरूर रखें। अभियान को मूर्तरूप देने में इनरव्हील क्लब शक्ति की अध्यक्ष डॉ. शैलू बाबेल, सचिव शीतल जादौन, कोषाध्यक्ष रक्षा गादिया, कार्यकारिणी सदस्य प्रीति चौधरी व निक्की जैन, सीआईसीसी सदस्य श्वेता जैन, निशा भंडारी, विधि जैन, प्रिया कटकानी, निकिता जैन, परी गादिया, नीधिता रूनवाल, हंसा कोठारी, नेहा संघवी, खुशबू भंडारी, श्रद्धा जैन व सोनम जैन मौजूद थी।
छोटा सा प्रयास देगा सुकून-
पक्षी प्रकृति को जीवंतता देते हैं। ये चहचहाते हैं तो जिंदगिया खिलखिला उठती है। प्रकृति के हर बदलाव का ***** ये जीव सही मायने में हमें जीवन को जीना सिखाते हैं। वर्तमान में प्रकृति के साथ ही हमारी ज्यादतियों कीमार इन्हें झेलनी पड़ रही है। कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है और कई इसकी कगार पर हैं। इन्हें बचाने के लिए कम से कम हम अपने घर में परिंडे तो लगा ही सकते हैं। ताकि ताकि भीषण गर्मी में प्यास से दम तोड़ते पक्षियों को बचाया जा सके।
डॉ. शैलू बाबेल, अध्यक्ष, इनरव्हील क्लब झाबुआ शक्ति
आप भी अपनेस्तर पर ये कर सकते हैं-
– पक्षियों के पानी के लिए जो बर्तन रखें वह ज्यादा गहरे न हों,किनारे भी ज्यादा तीखे या कठोर न हों, इससे कोमल पंख व अंग घायल होने से बच सकें।
– इन बर्तनों को समय-समय पर साफ करते रहें, ताकि गंदगी जमा न हो।
– प्रतिदिन पानी जरूर बदलें।
– बर्तन ऐसी जगह रखें, जहां पक्षी सुरक्षित रहें।
– प्लास्टि या धातु की बजाय पानी भरने के लिए मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें।
– बच्चों को भी इन बर्तनों में पानी भरने के लिए प्रेरित करें ताकि इनमें पक्षियों के लिए दया व प्रेम भाव विकसित हो।
इन पक्षियों पर मंडरा रहा खतरा-
गौरेया, मैना, बंगाल फ्लोरिकन, जेरडन कॉरसर, टिटहरी, उल्लू, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, चील, गिद्ध।
(स्त्रोत: वन विभाग)
पक्षी प्रकृति को जीवंतता देते हैं। ये चहचहाते हैं तो जिंदगिया खिलखिला उठती है। प्रकृति के हर बदलाव का ***** ये जीव सही मायने में हमें जीवन को जीना सिखाते हैं। वर्तमान में प्रकृति के साथ ही हमारी ज्यादतियों कीमार इन्हें झेलनी पड़ रही है। कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है और कई इसकी कगार पर हैं। इन्हें बचाने के लिए कम से कम हम अपने घर में परिंडे तो लगा ही सकते हैं। ताकि ताकि भीषण गर्मी में प्यास से दम तोड़ते पक्षियों को बचाया जा सके।
डॉ. शैलू बाबेल, अध्यक्ष, इनरव्हील क्लब झाबुआ शक्ति
आप भी अपनेस्तर पर ये कर सकते हैं-
– पक्षियों के पानी के लिए जो बर्तन रखें वह ज्यादा गहरे न हों,किनारे भी ज्यादा तीखे या कठोर न हों, इससे कोमल पंख व अंग घायल होने से बच सकें।
– इन बर्तनों को समय-समय पर साफ करते रहें, ताकि गंदगी जमा न हो।
– प्रतिदिन पानी जरूर बदलें।
– बर्तन ऐसी जगह रखें, जहां पक्षी सुरक्षित रहें।
– प्लास्टि या धातु की बजाय पानी भरने के लिए मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें।
– बच्चों को भी इन बर्तनों में पानी भरने के लिए प्रेरित करें ताकि इनमें पक्षियों के लिए दया व प्रेम भाव विकसित हो।
इन पक्षियों पर मंडरा रहा खतरा-
गौरेया, मैना, बंगाल फ्लोरिकन, जेरडन कॉरसर, टिटहरी, उल्लू, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, चील, गिद्ध।
(स्त्रोत: वन विभाग)