व्यापारियों संजय शाह, राजेंद्र नीमा , मुर्तजा बोहरा ने बताया कि मंडी में हाट बाजार लगने के कारण व्यापार करने के लिए स्थान नहीं बचता। माल लेकर आ रहे भारी वाहन को आने जाने में समस्या होती है। कम जगह होने के बावजूद यहां हर रविवार नुक्कड़़ नाटक और हाट बाजार की दुकानें खेला गाडिय़ां पार्किंग आदि लगाए जाते हैं। मंडी प्रशासन को आने को आवेदन देकर बताया कि यहां पर व्यापार करने के लिए 30 से 40 व्यापारी आ रहे हैं। जबकि दुकानें सिर्फ 10 हैं। वह भी छोटी पड़ती हैं।
बामन सेमलिया रहने वाले कालू भाबोर, खेमचंद पिता सकरिया नरवरिया, कसया पिता दीता परमार, भूरा पिता मढिय़ा भाबोर, झकेला के हकरु पिता हुमला हटीला ने बताया कि बारिश की वजह से सभी फसलें चौपट हो गई। कपास सोयाबीन मक्का, उड़द, गेहूं, मूंगफली उगाने वाले छोटे से लेकर बड़े सभी किसानों को नुकसान हुआ है। इस बारिश में किसानों को अनुमानित दो हजार से लेकर पचास हजार रुपए तक का नुकसान हुआ है। किसानों को फसल की आधी कीमत मिल रही है। मवेशियों के खाने के लिए घास तक नहीं बची। अभी तक पानी नहीं रुकने के कारण चावल की जो फसल थी वह तत्क्षण चुकी है। पानी गिरने का डर अब तक किसानों को सता रहा है। किसान नया खेत तैयार करने के लिए अपनी बारिश से बर्बाद हुई फसल उखाड़ कर फेंक रहे हैं। मक्का की फसल तो लगभग पूरी तरह बर्बाद हुई।
हाट बाजार के लिए शहर के आसपास स्थान देख रहे है। फि़लहाल हमारे पास मंडी के अतिरिक्त कोई दूसरा स्थान नहीं है।
-एलएम डोडिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी।