इसमें शामिल कार्यकर्ता हाथों में कांग्रेस का झंडा उठाए नारे लगाते चल रहे थे। रैली थांदला गेट, मुख्य बाजार, आजाद चौक, नेहरू मार्ग होती हुई दोपहर करीब ढाईबजे कलेक्टोरेट पहुंची। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, प्रकाश रांका, नपा अध्यक्ष मन्नूबेन डोडियार, कल्पना भूरिया, डॉ.शीना भूरिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव सक्सेना, प्रवक्ता हर्ष भट्ट सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।
मुहूर्त से 35 मिनट पहले पहुंच गए फॉर्म भरने- नामांकन फॉर्म भरने का समय दोपहर 1.30 बजे का था, लेकिन डॉ. विक्रांत भूरिया इसके 35 मिनट पहले ही कलेक्टोरेट पहुंच गए। उनके साथ उनके पिता एवं सांसद कांतिलाल भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता व वरिष्ठ नेता रमेश डोशी मौजूद थे। चूंकि अन्य औपचारिकताएं पहले ही पूरी की जा चुकी थी। लिहाजा सभी नेता रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष के बाहर बरामदे में ही खड़े होकर चर्चा करते रहे। जैसे ही मुहूर्त का समय हुआ। उन्होंने फॉर्म दाखिल कर दिया।
&पार्टी ने डॉ.विक्रांत भूरिया को उम्मीदवार बनाया है। वे न केवल जीत हासिल करेंगे। बल्कि क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदलने का काम भी करेंगे। मतदाता कांग्रेस को जिताने के लिए तैयार बैठे हैं और इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना तय है।
कांतिलाल भूरिया, सांसद
कांग्रेस से दावेदारी कर रहे पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने मंगलवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दूसरा नामांकन फॉर्म दाखिल कर दिया। हालांकि अब भी उन्हें टिकट में बदलाव की कुछ उम्मीद है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे की बात पर उनका कहना था कि 12 तारीख को इस बारे में अंतिम निर्णय लेंगे। कांग्रेस की ओर से अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने के बावजूद जेवियर ने सोमवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नाम निर्देशन पत्र भरा था। उस वक्त वे बोल रहे थे कि पार्टी टिकट बदल सकती है, लेकिन मंगलवार दोपहर में जेवियर अपने कुछ साथियों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म जमा किया।
नाम वापसी के अंतिम दिन लेंगे चुनाव लडऩे का निर्णय : विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख 9 नवंबर है। इसके बाद 12 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। जेवियर मेड़ा के मुताबिक वे नाम वापसी के अंतिम दिन तय करेंगे कि आगे क्या करना है? यदि नामांकन वापस नहीं लिया तो उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩा होगा।
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