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नोटा का प्रयोग करने में आदिवासी क्षेत्र के मतदाता प्रदेश में सबसे आगे

locationझाबुआPublished: May 25, 2019 06:23:27 pm

– पहले नंबर पर रतलाम संसदीय क्षेत्र: 35 हजार 431 मतदाताओं ने किया नोटा का उपयोग, कुल वोटिंग का 2.5 फीसदी, दूसरे पर मंडला व तीसरे पर बैतूल, तीनों अजजा आरक्षित संसदीय क्षेत्र- 2014 के चुनाव में भी यही क्रम था तीनों आदिवासी सीटों का- मुरैना में सबसे कम 2098 मतदाताओं ने किया नोटा का प्रयोग

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नोटा का प्रयोग करने में आदिवासी क्षेत्र के मतदाता प्रदेश में सबसे आगे

झाबुआ. लोकसभा चुनाव के जो नतीजे सामने आए हैं उनमें नोटा ने सबको चौकाया है। अधिकांश जगह नोटा तीसरे नंबर पर रहा है। अन्य प्रत्याशियों को इससे कम वोट मिले। यदि मप्र की बात करें तो 29 लोकसभा क्षेत्रों में नोटा का प्रयोग करने के मामले में पहले तीन पायदान पर तीन आदिवासी संसदीय क्षेत्र रतलाम, मंडला व बैतूल है, जहां सर्वाधिक मतदाताओं ने उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प चुना। यानी उन्हें एक भी प्रत्याशी पसंद नहीं था। तीनों अजजा आरक्षित संसदीय क्षेत्र में भी पहले नंबर पर रतलाम तो दूसरे नंबर पर मंडला व तीसरे नंबर पर बैतूल संसदीय क्षेत्र है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी तीनों आदिवासी लोकसभा क्षेत्रों का यही क्रम था।
रतलाम-झाबुआ सबसे आगे, मुरैना सबसे पीछे
प्रदेश की सबसे बड़ी आदिवासी सीट रतलाम-झाबुआ की आठ विधानसभा में सर्वाधिक 35 हजार 431 मतदाताओं ने नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं विकल्प चुना। इसमें 21 डाक मतपत्र भी शामिल है। यह कुल वोटिंग का 2.5 प्रतिशत है। इसी तरह दूसरे नंबर पर रहे मंडला लोकसभा क्षेत्र में 32 हजार 240 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। यह कुल वोटिंग का 2.12 फीसदी है। वहीं नोटा का प्रयोग करने में तीसरे नंबर पर बैतूल लोकसभा क्षेत्र के 22 हजार 78 7 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया। यह कुल वोटिंग का 1.8 6 प्रतिशत है। सबसे कम मुरैना लोकसभा सीट पर 2098 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। यह कुल वोटिंग का 0.18 प्रतिशत है।
13, 15 व 23 नंबर पर 2-2 जिले
मप्रके 29 लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं द्वारा नोटा का प्रयोग किए जाने के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो 13, 15 व 22 नंबर पर 2-2 जिले आए। जैसे राजगढ़ और खजुराहो में हुई कुल वोटिंग में से 0.82 फीसदी ने नोटा का बटन दबाया। ये दोनों क्षेत्र संयुक्त रूप से 13वें नंबर पर है। इसी तरह मंदसौर और वीदिशा में 0.69 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। ये दोनों क्षेत्र संयुक्त रूप से 15वें नंबर पर है। वहीं बालाघाट और इंदौर में 0.31 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया।ये दोनों क्षेत्र संयुक्त रूप से 23वें नंबर पर है।
नोटा के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं-
-नोटा का अर्थहै नन ऑफ द एबव। यानी इनमें से कोई नहीं।
– इवीएम में नोटा का बटन गुलाबी रंग का होता है।
– वर्ष-2013 के चुनाव में पहली बार इवीएम में नोटा का प्रयोग किया गया।
– भारत के अलावा बांग्लादेश, यूनान, यूके्रन, स्पेन, स्वीडन, फ्रांस, चिली, बेल्जियम, कोलंबिया, ब्राजील और फिनलैंड ऐसे देश हैं। जहां चुनाव में नोटा का प्रयोग किया जाता है।
ये हैं मप्र के 29 लोकसभा क्षेत्रों में नोटा की स्थिति-
क्रमांक संसदीय क्षेत्र नोटा वोट प्रतिशत
1. रतलाम 35431 2.53
2. मंडला 32240 2.12
3. बैतूल 2278 7 1.6 8
4. शहडोल 20027 1.6 2
5. छिंदवाड़ा 20324 1.6 3
6 . होशंगाबाद 18 413 1.45
7. धार 17929 1.33
8 . खरगोन 18 423 1.29
9. खंडवा 16 005 1.09
10. गुना 12403 1.05
11. टिकमगढ़ 10599 0.97
12. सागर 8733 0.8 4
13. राजगढ़ 10375 0.8 2
13. खजुराहो 10306 0.8 2
14. उज्जैन 10197 0.8 1
15. मंदसौर 9431 0.6 9
15. विदिशा 8 6 19 0.6 9
16 . दमोह 76 56 0.6 6
17. देवास 9034 0.6 5
18 . भिंड 46 30 0.48
19. ग्वालियर 5343 0.45
20. सीधी 56 26 0.44
21. भोपाल 5430 0.39
22. जबलपुर 4102 0.32
23. बालाघाट 4242 0.31
23. इंदौर 5045 0.31
24. रीवा 28 91 0.29
25. सतना 26 44 0.24
26 . मुरैना 2098 0.18
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