लॉकडाउन के कारण परिजन को अस्पताल पहुंचने में खासी समस्या का सामना करना पड़ा। ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने सुन्नी के परिजन को रिपोर्ट लिखाने थाने नहीं जाने दिया। अस्पताल तक पहुंचने में भी परिजन को कई जगह रोका। अस्पताल पहुंचते ही जब परिजन ने सुन्नी को देखा तो सुन्नी के गर्दन पीठ पर चोट के निशान थे एवं एक हाथ फ्रै क्चर था। सुन्नी के मामा खूम सिंह ने बताया कि 8 दिन पहले ही सुन्नी के ससुराल में बाबा की लडक़ी की शादी में 13000 रुपए का मामेरा दिया था। जमाई ने मेरी भानेज को मारकर टांग दिया। सुन्नी के पिता दुला मेड़ा ने बताया कि रात को 9 बजे सुन्नी ने फ ोन करके उसके साथ मारपीट होने की जानकारी दी थी। गर्दन व कमर पर चोट के निशान और एक हाथ टूटा है। फिर भी पुलिस हत्या की जगह आत्महत्या का केस बना रही है। कमलेश, श्यामा, केशू, भूरा ने बताया राणापुर रोड पर बावड़ी पर पुलिसकर्मी बैठे थे उन्होंने रोका। फिर भंडारी पेट्रोल पंप पर बैठे पुलिसकर्मियों ने थाने पर पहुंचने नहीं दिया। उन्होंने एडीएम से परमिशन लाने की बात कही, लेकिन परमिशन के लिए सिर्फ दो को जाने का कहा। मिन्नतें करने पर गाड़ी जब्त करने की धमकी दी। जैसे-तैसे अस्पताल तक पहुंचे। पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लेकर आए थे। वहां डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया। पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। मर्ग कायम कर लिया है।