जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के निर्देश पर पुलिस उपअधीक्षक विमल सिंह व सुरजीत ठोलिया के निर्देशन में गठित टीम ने गुरूवार रात डोंडा के एक फार्म हाऊस में दी दबिश में राज्य के कुख्यात गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह के भाई चिन्टू बना उर्फ विजय प्रताप सिंह, सांवरिया उर्फ सांवरा फागणा, ओम उर्फ ओमप्रकाश फागणा के पास से ४५ जिंदा कारतूस समेत एक यूएसए की ९ एमएम पिस्टल, तीन ३१५ बोर देशी कट्टे, दो देशी माऊजर, एक टोपीदार दो नाली बन्दूक, इसके अलावा ७.६५ एमएम के १२ जिंदा कारतूस, .९ एमएम के २२ जिंदा कारतूस, .८ एमएम के ७ जिंदा कारतूस, ८ एमएम के दो जिंदा माउजर कारतूस व १२ बोर के २ जिंदा कारतूस भी फार्महाऊस में दी दबिश में इनके पास मिले। दबिश के दौरान नंदू उर्फ नरेन्द्र शूटर व विकास गुर्जर मौके से फरार हो गए।
संरक्षण देने वालों पर भी पुलिस की निगाह पुलिस ने खुलासा किया कि नरेन्द्र उर्फ नंदू के २० आपराधिक मामलों में लिप्त है। इन मामलों में डकैती, रंगदारी समेत चौथवसूली व हत्या के प्रयास जैसे कई संगीन मामले शामिल है। इन अपराधियों के पीछे जिन लोगों का संरक्षण है पुलिस उन पर भी निगाह रखे हुए है।
इस बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस का मानना है भानुप्रताप के भाई चिन्टू का इस तरह की वारदात में शामिल होने पर पुलिस के कान खड़े कर दिए है। पहली बार आया सामने
पुलिस का मानना है कि कुख्यात गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह जो गैंगवार में शिकार हो चुका है। उसका भाई चिन्टू बना उर्फ विजय प्रताप सिंह पहली बार इस तरह की वारदात में सामने आया है। इस घटना के पीछे उसका क्या मकसद था। पहले भी वह गाहे-बगाहे इस तरह की घटनाओं के पीछे की भूमिका में था।
इन सबकी पुलिस छानबीन कर रही है। इस तरह के मामलों में अवैध हथियार अपने कब्जे में रखना व सप्लाई करने की बात भी सामने आ रही है। वहीं माउजर व यूएसए मेड पिस्टल मिलने पर पुलिस अब इनके भविष्य में किन वारदातों को अंजाम दिया जाना था, इस बारे में भी जांच कर रही है।
आपराधिक रिकॉर्ड भी खानपुर में भारी मात्रा में हथियार बरामद करने के पीछे इनकी क्या मंशा थी। किन वारदातों को जिले में अंजाम दिया जाना था। वहीं पहले भी यह रंगदारी के मामलों में लिप्त रहे या नहीं ।
इन विभिन्न मामलों में पुलिस अलग-अलग एंगल से पूछताछ करेगी। इसमें विकास गुर्जर पर झालावाड़ कोतवाली में १६ मुकदमे है। यह फरार घोषित है। जबकि सावंरा व ओमप्रकाश पर ८-८ मुकदमे दर्ज है। यह थे टीम में
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खुशाल सिंह राजपुरोहित, खानपुर उपअधीक्षक विमल सिंह, थानाधिकारी सुरजीत ठोलिया, कांस्टेबल राजेश कुमार, राजाराम, हरिराम, रविन्द्र कुमार, हनुमान, जितेन्द्र सिंह, संजय कुमार व मुकेश शामिल थे।