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Jhalawar Engineering College…इंजीनियरिंग कॉलेज के 38 सहायक प्रोफेसर की गई नौकरी

locationझालावाड़Published: Oct 15, 2021 05:46:59 pm

Submitted by:

Ranjeet Singh

– केन्द्र और राज्य के बीच फंस गया सहायक प्रोफेसरों का भविष्य

Jhalawar Engineering College...इंजीनियरिंग कॉलेज के 38 सहायक प्रोफेसर की गई नौकरी

Jhalawar Engineering College…इंजीनियरिंग कॉलेज के 38 सहायक प्रोफेसर की गई नौकरी

झालरापाटन। केन्द्र और राज्य सरकार के बीच खींचतान के कारण झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज के 38 सहायक प्रोफेसर का भविष्य दांव पर लग गया है। दोनों सरकारों के बीच फैसला नहीं होने से सहायक प्रोफेसर भविष्य को लेकर चिंतित है। देश में तकनीकी शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से विश्व बैंक के सहयोग से वर्ष 2017 में केंद्र ने एक कायक्रम शुरू किया था, जिसके तहत अभियांत्रिकी महाविद्यालय झालावाड़ में 38 सहायक प्रोफेसर नियुक्त किए गए थे। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार के बीच करार हुआ था कि 3 साल तक वेतन केंद्र देगा और इसके बाद राज्य सरकार इनका रिटेंशन प्लान बनाएगी । तीन साल पूरे होने के बाद केंद्र सरकार ने तीन- तीन माह के दो एक्सटेंशन दे दिए, ,लेकिन अब आगे यह मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। राज्य सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। इससे महाविद्यालय में लगे सहायक प्रोफेसर के भविष्य पर संकट के बादल छा गए हैं। इन असिस्टेंट प्रोफेसर का अंतिम कार्य दिवस 30 सितंबर को पूरा हो गया है । नौकरी बचाने की मांग को लेकर यह पिछले एक माह से नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री से लेकर सभी सांसद से गुहार लगा चुके हैं । सहायक प्रोफेसर मामले में केंद्र सरकार का तर्क है कि शिक्षा राज्य का विषय है और करार के तहत राज्य सरकार को रिटेंशन प्लान लागू करना चाहिए। वहीं राज्य सरकार का तर्क है कि नियुक्ति केंद्र ने दी है तो खर्चा भी वहीं वहन करे । केंद्र और राज्य सरकार के अपने तर्क के बीच यह गेट क्वालिफ ाइड आईआईटी एनआईटी जैसी संस्थाओं से उच्च शिक्षित युवा अब भविष्य पर संकट के बादल छाए हुए हैं। 14 जुलाई को केंद्रीय शिक्षा सचिव अमित खरे ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर बताया कि इस कार्यक्रम से तकनीकी शिक्षा में सुधार आया है और 30 सितंबर के बाद जिसमें वित्तीय सहयोग उपलब्ध नहीं करवा पाएंगे। मुख्य सचिव ने संबंधित कालेज को पत्र भेजकर इस में आने वाले खर्च की जानकारी मांगी थी। जिसे भेजने के बाद भी अभी तक इस पर कोई कार्र्रवाई नहीं हुई है। इंजीनियरिंग कॉलेज झालावाड़ पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि केशव दत्त 30 सितंबर को कार्यकाल समाप्त हो गया है। केन्द्र और राज्य सरकार एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रही है। दोनों सरकारों के बीच करार से भविष्य अधर में लटक गया है। हमारे में से कई अभ्यार्थी ओवर एज हो गए हैं । वर्ष 2017 में जब नौकरी लगी थी तब वह अच्छी नौकरी छोड़ कर यहां आए थे। अब क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है। —
अभियांत्रिकी महाविद्यालय झालावाड़ के प्राचार्य डा करतार सिंह का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच टेकयूप के तहत एमओयू हुआ था, जिसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गई है । अभी नया एमओयू नहीं हुआ है । इसलिए आगे के लिए जिस प्रकार के विभागीय दिशा निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार काम किया जाएगा।
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