पत्रिका टीम ने अस्पताल का दौरा किया तो अस्पताल के सभी वार्डों में कमोबेश एक जैसी स्थिति देखने को मिली। वार्ड मरीजों से ठसाठस भरे हैं। बैंचों पर भी मरीजों को भर्ती कर ड्रिप चढ़ाई जा रही है। एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती कर ड्रिप चढ़ाई जा रही है। मरीजों के दबाव में अस्पताल प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है।
डॉक्टरों को पलभर की भी फुर्सत नहीं
पिछले दस-पन्द्रह दिन से डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या यकायक बढ़ गई है।
पलभर की फुर्सत नहीं वार्डों में डॉक्टरों को मरीजों को देखने से पलभर की भी फुर्सत नहीं मिल रही है। पत्रिका टीम जब अस्पताल का जायजा ले रही थी, तब वार्ड में डॉ. राहुल सिनसिनवार, डॉ. पंकज डामोर, डॉ. जगदीश, डॉ. प्रेरणा शर्मा, डॉ. तृप्ति, डॉ. वैभव, डॉ. विनायक माथुर, डॉ. सीमा गुप्ता तथा नर्सिंग स्टाफ राजेश लोधा और जावेद खान मरीजों के उपचार में जुटे थे।
यह रखे सावधान
. कूलर की नियमित सफाई करें।
. घर के आसपास बारिश का व गंदा पानी का जमाव नहीं होने दें। गमलों में पानी नहीं भरने दें।
. जहां पानी भरता है वहां जला हुआ ऑयल डाल दें, ताकि म’छर नहीं पनपे।
. शरीर को हमेशा कपड़ों से ढककर रखें। फुल आस्तीन के शर्ट और पेंट पहनें।
. म’छरदानी लगाकर ही सोएं।