scriptअनुयायियों में शोक की लहर, वैष्णव रामानंदी परंपरा के धर्मदास महाराज का देवलोक गमन | A wave of mourning among the followers, the devotion of Dharmadas Maha | Patrika News

अनुयायियों में शोक की लहर, वैष्णव रामानंदी परंपरा के धर्मदास महाराज का देवलोक गमन

locationझालावाड़Published: Jan 11, 2020 04:09:08 pm

Submitted by:

arun tripathi

लोगों को जानकारी मिलते ही कुटिया पहुंचे

अनुयायियों में शोक की लहर, वैष्णव रामानंदी परंपरा के धर्मदास महाराज का देवलोक गमन

लोगों को जानकारी मिलते ही कुटिया पहुंचे

झालावाड़. धर्मदास महाराज का शहर के रूपनगर की सन्त कुटिया में सुबह देवलोक गमन हो गया, वे वैष्णव रामानंदी परंपरा के संत थे। उनके पार्थिव शरीर को पीपाधाम ले जाया गया। नदी के संगम पर उनका भागवत लीला में अंतिम संस्कार हुआ। संत धर्मदास ने विगत वर्षों में हरिद्वार उज्जैन के कुंभ में पीपाजी आश्रम लगाकर हजारों भक्तों को धर्म लाभ दिया था। उन्हें नि:शुल्क आवास व भोजन की सुविधाएं प्रदान की थी। जैसे ही लोगों को जानकारी मिली बड़ी संख्या में लोग रूपनगर पहुंचे। कोटा रोड स्थित रूपनगर से चकडोल फूलों से सजाकर बैण्ड बाजों ओर रामधुन के साथ शहर में निकाला। चकडोल शहर के रूपनगर कॉलोनी से शुरू हुआ जो मामा भान्जा चौराहा से मूर्ति चौराहा यहां से मंगलपुरा शहर से घण्टाघर चौराहा होते हुए गढ़ दरवाजा सर्राफा बाजार धोकड़े के बालाजी होते हुए मुख्य मार्गों से पीपाधाम पहुंचा। इस दौरान शहर के व्यापारी धार्मिक संगठनों समाजिक राजनीतिक दलों के गणमान्य लोग शामिल रहे। संत करीब 107 साल के थे। इस दौरान शहर के कई मार्गों पर एकत्रित लोगों ने पुष्पांजलि दी और व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखे। जिले में करीब 25 साल से संत धर्मदास रह रहे थे, जो पहले खानपुर क्षेत्र के झूमर और इस दौरान वह भाग्य माताजी के स्थान सहित अन्य कई आश्रम पर रहे। 7-8 साल से वह झालावाड़ आते जाते रहे।
श्रद्धांजलि अर्पित की
खेजड़ी बालाजी समिति अध्यक्ष जितेन्द्र गौड़ ने बताया कि संत श्री धर्मदास महाराज के देवलोक गमन होने पर चकडोल की अतिम यात्रा निकालने पर मूर्ति चौराहे पर पुष्पों से श्रंदाजलि अर्पित की। इस दौरान करण सिंह, ओम पाठक, कालूराम, बोस पेंटर, दिनेश शर्मा, मोहनलाल, राजेश, शिव शर्मा, टीकमचन्द, दिलीप देवड़ा और कन्हैयालाल भी मौजूद रहे।
शरीर से भोग-सुख की मत करो इच्छा
खानपुर. कस्बे के मेगा हाइवे बायपास पर पिछले 7 दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का पूर्णाहुति के साथ समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन यहां हजारों का सैलाब उमड़ पड़ा ऐसे मे समूचे कस्बे में 2 घण्टे तक हर और जाम के हालात बने रहे।
कथा के दौरान प्रेमनारायण शास्त्री ने कहा कि देह का संग करना ही कुसंग है और देह का सदुपयोग करना सत्संग है। शरीर से भोग व सुख की इच्छा मत करो। अचेत नहीं सचेत बनकर रहो। शरीर के गुलाम न बनकर धणी बनो तथा शरीर से सुख नहीं सेवा करो। उन्होंने कहा कि जो ईश्वर के चरण रज के अलावा घर व देह को अपना न माने वहीं सच्चा भक्त है। जीवन में अपना किसी को बनाना नहीं और उलझन में जीवन बिताना नहीं। जब एक कथा सबकी हो सकती है तो कृष्ण गोपियों के क्यों नहीं हो सकते। कृष्ण का नाम व छवि से मीठा कुछ नहीं है। कण्ठ में भगवान को नाम हो तो हद्य के बाहर व भीतर प्रकाश ही प्रकाश है। मान-अपमान, लाभ-हानि, सुख-दुख, अपना-पराया जिसके ह्द्य में नहीं पनपते वही सत्संगी है। क्लेश और माया से सत्संग के शब्द ही पार लगाते हैं, जीवन में सहन करो और दूसरे की सेवा करो। कथा के समापन पर मुख्य यजमान भैरूलाल सुमन, सह यजमान अंतिम गौतम, गौशाला समिति अध्यक्ष महावीर गौतम ने हवन यज्ञ मे आहुतियां दी। कथा के समापन पर संत को भावभीनी विदाई दी। इस दौरान संत ने गुरूदक्षिणा के रूप में केवल तुलसी पत्र ग्रहण किया।
पदाधिकारियों ने भाग लिया
यहां कथा के समापन पर जिले भर से आए पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसमें पूर्व विधायक अनिल जैन, मीनाक्षी चन्द्रावत, पीसीसी सदस्य सुरेश गुर्जर, महिला आयोग सदस्य डॉ. अरुणा मीणा, पुलिस उप अधीक्षक भंवरसिंह हाड़ा, पूर्व मण्डी चेयरमेन शिवराजसिह गुर्जर, पूर्व जनपद ओमप्रकाश खंडेलवाल, पूर्व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष देवलाल मीणा सहित जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। संत ने पूरी भागवत कथा के संचालन, आयोजन, अनुशासन व श्रद्धालुओं की सराहना की

शिव ***** रुद्राभिषेक
पिड़ावा. क्षेत्र के माथनिया ग्राम पंचायत के नकलंग में स्थित प्रसिद्ध निष्कलंक महादेव मंदिर पर माथनिया निवासी आचार्य दीनदयाल शर्मा एंव दुर्गाशंकर शर्मा की ओर से सात दिवसीय सवा लाख पार्थिव शिव ***** रुद्राभिषेक एंव श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। रुद्राभिषेक में 108 जोड़े भाग ले रहे हैं। वहीं श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक सत्यनारायण त्रिवेदी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वाचन किया। इस दौरान गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाया गया। जिसमें उन्होंने भगवान कृष्ण द्वारा गोकुल वासियों को इंद्र देवता के प्रकोप से रक्षा करने का वृतांत सुनाया। धार्मिक आयोजन में माथनिया सहित नकलंग, सिरपोई गुजरान, मोड़ी, पगारिया, नयागांव, चावंडिया, ओसाव आदि गांवों के श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।

श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन
रायपुर. कस्बे में बरड़ी के बालाजी मन्दिर परिसर में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओ का वर्णन किया गया। कथा वाचक हरिनारायण वैष्णव ने भगवान श्रीकृष्ण के माखन चोरी, छप्पन भोग-अन्नकूट व मटकी फोड़ का वर्णन किया। पाण्डाल मे भगवान श्रीकृष्ण अपने साथियो के साथ आए व दही की मटकी फोडऩे का मंचन भी किया गया। इस दौरान पाण्डाल में स्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए व संगीतमय भजनो पर झूम उठे। इस दौरान पाण्डाल मे छप्पन भोग व्यंजनों को सजाया गया। कथा वाचक ने श्रीमदभावत कथा के दौरान भगवान श्रीकृृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। श्रीमद्भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए कहा कि उस समय पापाचार बढ़ रहे थे, जिस समय भगवान श्रीकृष्णका अवतार हुआ व पाप से मुक्त किया। भगवान श्रीकृष्ण के प्रतीक बने बालक को पाण्डाल में लाया गया तब पाण्डाल में श्रद्धालुओं ने बालक को निहारा व श्रद्धालु झूम उठे। कथा के दौरान महिलाओ के लिए जीवन मेंं पांच नियम बताते हुए पालन करना चाहिए। इस दौरान भगवान-शिव पार्वती का विवाह प्रसंग आने पर शिव बारात निकाली गई व भगवान शिव-पार्वती का विवाह हुआ।

रामलीला में लंका दहन
भीमसागर. खानपुर क्षेत्र के खेड़ा गांव में कलम के बालाजी मंदिर परिसर में रामलीला का आयोजन नवयुवक मंडल के तत्वावधान में समस्त ग्रामवासियों के जनसहयोग से हो रहा है। रात्रि को रामलीला में सीता खोज एवं लंका दहन का प्रसंग सुनाया गया। उसके अलावा रामलीला में शबरी भेंटए राम.सुग्रीव मित्रता के साथ बालीवध के साथ अन्य प्रसंगों पर वर्णन किया गया। इसके अलावा शनिवार को लक्ष्मण शक्ति एवं श्रीराम विलाप के साथ सोमवार को रावण वध एवं राज तिलक के साथ रामलीला समाप्त होगी । रामलीला देखने के लिए आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण उमड़ रहे है।

नानी बाई रो मायरो का समापन
झालावाड़. कस्बे की गायत्री कॉलोनी स्थित संकट हरण हनुमान मंदिर पर संगीतमय नानीबाई रो मायरो का मारवाड़ी भाषा में शिल्पा पारीक वाचन किया। आयोजक रामदयाल शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को कथा का समापन हुआ। इस दौरान सभापति मनीष शुक्ला भी मौजूद थे। सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की गई। अमित शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुषों ने आनन्द लिया। कार्यक्रम समापन के पश्चात प्रसादी वितरण की गई।
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