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सर्द रातों में ठिठुरते हुए फसलों की हिफाजत कर रहे अन्नदाता

locationझालावाड़Published: Jan 07, 2020 04:36:18 pm

Submitted by:

arun tripathi

तारबंदी का अनुदान अटका, जंगली जानवरों से बचाने रतजगा

सर्द रातों में ठिठुरते हुए फसलों की हिफाजत कर रहे अन्नदाता

तारबंदी का अनुदान अटका, जंगली जानवरों से बचाने रतजगा

झालावाड़. जिले में पिछले कई दिनों से तेज सर्दी पड़ रही है। लोगों का कड़ाके की सर्दी में घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अन्नदाता खेत की तारबंदी नहीं होने के कारण जंगली जानवरों से रात में अपनी फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं। रात के समय तेज सर्दी होने के कारण जान तक जा रही है। क्षेत्र में पिछले दो दिनों में तेज सर्दी में खेत पर फसल की रखवाली कर रहे दो किसानों की मौत हो चुकी है।
-अभी तक एक भी फाइल नहीं स्वीकृत
भवानीमंडी. राज्य सरकार की ओर से खेतों की तारबंदी को लेकर दिए जा रहे अनुदान का फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है। इसका प्रमुख कारण स्थानीय अधिकारी बजट का अभाव बता रहे हैं। कस्बे में अभी तक 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन एक भी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ऐसे में सर्द रातों में ठिठुरते किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा करनी पड़ रही है।
पिड़ावा पंचायत समिति के गांव शेरपुर के कल्याणपुरा गंाव निवासी पे्रम बाई ने बताया कि उन्होंने तारबंदी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। फाइल भी जमा करवा दी। इसके बावजूद अभी तक कोई जवाब तक नहीं आया। सर्द रात में जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए रखवाली करनी पड़ती है। अगर तारबंदी के लिए राशि मिल जाए तो कुछ हद तक राहत मिलेगी। भवानीमंडी निवासी लोकेश चौहान ने बताया कि आवेदन किए हुए लंबा समय हो गया। अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाने से रात में परिवार के एक व्यक्ति को खेत में ही रहना पड़ता है।
सुलिया गांव निवासी काश्तकार बनेसिंह ने बताया कि दो काश्तकारों को ओर मिला कर तारबंदी के लिए आवेदन कर रखा है। कृषि विभाग के आए दिन चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारी विभाग से अभी तक स्वीकृति नहीं मिलने तथा बजट का अभाव बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। जंगली जानवरों व निराश्रित पशु फसलों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाते हैं। उनसे बचाने के लिए खेतों की तारबंदी आवश्यक है, लेकिन खर्च ज्यादा होने के कारण अधिकांश किसान अपने स्तर पर तारबंदी कराने में सक्षम नहीं होते है। किसानों की पीड़ा समझते हुए सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की, लेकिन नियम सख्त बना दिए। इस कारण किसानों ने योजना के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई। सरकार ने अब नई गाइड लाइन जारी कर 20 बीघा जमीन की तारबंदी पर अनुदान देने की घोषणा की है। जिले में 57 हजार 800 मीटर का लक्ष्य रखा है।
-10 में से 7 आवेदन हो गए स्वीकृत
सुनेल. क्षेत्र के किसानों को कड़ाके की ठंड में खेतों में खड़ी हुई फसलों की निगहरानी करनी पड़ी है। गौरतलब है कि इन दिनों नील गाय सहित जंगली जानवरों का आतंक हो रहा है। इसके लिए किसानों को सर्दी में खेतों पर रात बितानी पड़ रही है। वही कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी स्कीम चलाई जा रही है। कृषि पर्यवेक्षक हरिप्रसाद दानी ने बताया कि सुनेल ब्लॉक में कुल 10 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया था इनमें से 7 को स्वीकृति दे दी है। शेष तीन आवेदन रोक हैं। उल्लेखनीय है कि रात को सुनेल क्षेत्र में किसान की खेत में रखवाली करते मौत हो गई थी।
-अनुदान राशि मिले तो दूर हो समस्या
रटलाई. कड़ाके की सर्दी में किसानों को अपने खेतों की जंगली जानवरों से बचाने के लिए रात में रखवाली करनी पड़ रही है। किसानों ने अपने खेतों में तारबंदी के लिए मिलने वाले अनुदान के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिलने से समस्या ज्यों की त्यों है। ग्राम पंचायत किशनपुरा के गांव बोरखेड़ी व किशनपुरा के छह किसानों ने खेतों पर मेड़बंदी व तारबंदी के लिए वर्ष 2017 में आवेदन किया था। किसानों ने सारी प्रक्रिया नियमों के अनुसार पूरी करते हुए ऑनलाइन आवेदन किया। लम्बा समय बीत जाने के बाद भी अनुदान राशि उनके खातों में नहीं आई। किशनपुरा निवासी बालचंद मीणा ने बताया कि खेत पर तारबंदी एवं मेड़ पर 100 पौधे लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। करीब 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी अनुदान राशि नहीं मिली। ऐसे में रखवाली नहीं करें तो जंगली जानवर फसलों को नष्ट कर जाते हैं। लालचंद मीणा, श्रीकिशन मीणा, डूंगरसिंह मीणा एवं बोरखेड़ी निवासी रामचंन्द्र मीणा व मदनलाल आदि के खेत पास होने की वजह से एक समूह बनाकर तारबंदी लगवाने के लिए आवेदन किया था।
-योजना के तहत अभी तक बजट नहीं मिला था। प्रशासनिक स्वीकृति निकाल दी गई है। फरवरी तक बजट आने के बाद भवानीमंडी उप जिले की सभी फाइलें स्वीकृत कर किसानों को राहत देने का प्रयास करेंगे।
राजेश, सहायक निदेशक कृषि विभाग।
-पंचायत समिति बकानी में सलावद क्षेत्र की 5 पत्रावलिया मिली थी। जिनको भवानीमण्ड़ी कार्यालय में भेज दिया गया है जिसकी स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही किसानों को अनुदान मिल जाएगा।
ओपी गौड़, सहायक कृषि अधिकारी, बकानी
खेत में रखवाली करते किसान की सर्दी से मौत
बकानी. दांत्या गांव में रात किसान की खेत में रखवाली करते समय शीत लहर की चपेट में आने से मौत हो गई।
एएसआई अब्दुल हमीद ने बताया कि गोपाललाल ने मामला दर्ज कराया की पिता कालूलाल भील (70) खेत पर रखवाली करने गए थे। सोमवार सुबह मैं चाय लेकर खेत पर गया तो वह चारपाई पर मृत पड़े मिले। इसके बाद परिजन और ग्रामीण उन्हें लेकर सीएचसी ले गए, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्ट मार्टम कराकर पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा। वहीं मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पिछले कई दिनों से क्षेत्र में लगातार शितलहर एवं कोहरे का दौर जारी है।
-मेडबंदी का नहीं मिल रहा लाभ
राज्य सरकार ने खेतों की सुरक्षा के लिए मेड बन्दी योजना तो चला रखी है, लेकिन किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है, किसानों को योजना की जानकारी नहीं है। यदि जानकारी और लाभ दिया जाए तो किसानों को कड़ाके की जान लेवा सर्दी में रखवाली के लिए खेतों पर नहीं सोना पड़ेगा।
-मृतक का मेडिकल किया है। रिर्पोट के आधार पर ठंड के कारण ही मौत होना पाया गया है।
मृत्युजय मंडल, चिकित्सक।
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