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शोपीस बनकर खड़ी है स्वचालित सिढि़ेयां

locationझालावाड़Published: Nov 05, 2019 11:52:37 am

Submitted by:

jitendra jakiy

-डेढ़ साल बाद भी शुरु नही हो पाई

Automatic steps stand as showpiece

शोपीस बनकर खड़ी है स्वचालित सिढि़ेयां

शोपीस बनकर खड़ी है स्वचालित सिढि़ेयां
-डेढ़ साल बाद भी शुरु नही हो पाई
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. शहर से गुजर रहे राष्ट्रीय राज मार्ग के सिटी फोर लेन के किनारे स्थित राजकीय चिकित्सालय में आवागमन के लिए लगाई जाने वाली स्वचालित सिढिय़ां (एस्केलेटर) इन दिनो शोपीस बनकर खड़ी है इसे करीब डेढ़ साल पहले शुरु करना था लेकिन आज तक भी यह शुरु नहीं हो पाई। विभाग की ओर से इसमें कुछ छोटे मोटे काम बाकी बताए जा रहे है। निर्माण में देरी पर संवेदक पर जुर्माना लगाने की भी कार्रवाई की जाएगी। पूरी तरह से तैयार होने के बाद इसे शुरु कर नगर परिषद को हेण्डओवर किया जाएगा। सह स्वचालित सिढिय़ां 18 जून 2018 को शुरु होनी थी लेकिन डेढ़ साल बीत जाने पर भी अभी भी इसका काम अटक रहा है। वर्तमान में भी एस्केलेटर का काम बंद पड़ा है। इससे आमजन व राहगीर भी परेशान हो रहे है। वहीं दूसरी ओर विभाग का कहना है कि काम में देरी पर संवेदक पर जुर्माना लगाया जाएगा। शहर में सार्वजनिक निर्माण विभाग विद्युत खंड़ की ओर से 2 करोड़ 67 लाख 35 हजार 538 रुपए की लागत से सिटी फोर लेन पर राजकीय चिकित्सालय में आने जाने के लिए पैदल पुल के तहत लोहे की सामान्य सिढिय़ों के अलावा स्वचालित सिढिय़ों का निर्माण 19 जून 2017 को शुरु किया गया था। इसे एक वर्ष में तैयार कर शुरु करना थाए लेकिन एक वर्ष के अलावा भी डेढ़ साल ज्यादा बीत जाने के बाद भी अभी तक इसे शुरु नही किया गया।
-इस तरह होगा पुल
पैदल पुल के तहत पुल के दोनो ओर लोहे की चालिस चालीस सामान्य सिढिय़ां बनाई गई है। मरीजों व बुर्जुगों के लिए दोनो ओर चढऩे व उतरने के लिए स्वचालित सिढिय़ों का निर्माण किया गया। इससे लोगों को हाई वे पर ट्रेफिक के बीच में से गुजरने की मशक्कत व समस्या से निजात मिल सकेगी। लोग राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क पार करने के लिए पुल का इस्तेमाल कर सके व अस्पताल परिसर से सुरक्षित तरीके से आ व जा सकेगेंंं। स्वचालित सिढिय़ों के लिए दोनो ओर अलग अलग साढ़े सात हार्स पावर की मोटरे लगेगी व इसमें करीब 45 किलोवाट विद्युत खर्च होगी।
-सुरक्षा के होगे इंतजाम
स्वचालित सिढिय़ों के निर्माण में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। बारिश व धूप से बचाव के लिए ऊपर छाया के लिए शेड़ लगाया गया है। इसके ऊपर लाइटिंग की जाएगी ताकी रात्री में लोगों को असुविधा ना हो। स्वचालित सिढिय़ा जमीन से 17 फीट ऊपर बनाई व इसकी चौडाई 11 फीट रखी गई। सुरक्षा की दृष्टि से एक्सेलेटर जमीन से पांच फीट ऊपर लोहे की सिढिय़ां चढ़कर व इसके बाद बनाए प्लेटफार्म पर करीब पांच फुट पैदल चलने के बाद शुरु होगा। प्लेटफार्म से तीन फीट दूरी से पैर रखते ही सिढिय़ां चलना शुरु हो जाएगी व व्यक्ति का भार खत्म होते ही स्वत. ही बंद हो जाएगी। इससे सिढिय़ां अनावश्यक नही चल सकेगी। सिढिय़ों के निकट आपातकालीन स्वीच रहेगा ताकि अचानक दुर्घटना के समय सिढिय़ों को स्थिर किया जा सके।
-इसी माह कर दिया जाएगा शुरु
इस सम्बंध में सार्वजनिक निर्माण विभाग विद्युत खंड़ झालावाड़ के सहायक अभियंता दीपक पारीक ने बताया कि के सिटी फोर लेन पर अस्पताल के सामने एस्केलेटर का करीब डेढ़ वर्ष देरी से चल रहा है। इसमें कुछ टाईल्स लगाने का काम बाकी है। फिलहाल संवेदक ने इसी माह के अंत तक काम पूरा करने का आश्वासन दिया है फिर भी देरी के कारण उस पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। इसी माह इसकी टेस्टिंग कर व शुरु कर नगर परिषद को हेण्डओवर कर दिया जाएगा।

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