किसी ने नहीं ली दुकानों की सुध- दरअसल यहां साल 2003 में स्वर्ण जयंती रोजगार योजना अंर्तगत दुकानों का निर्माण हुआ था।, लेकिन यहां बनाई गई 5 दुकानों पर फिलहाल ग्रामीणों ने कब्जा कर रखा है, जबकि इन दुकानों में उपले भर कर रखे हुए मिले। ये सभी दुकानें अटल सेवा केंद्र के नजदीक बनाए गए थे। अगर ग्राम पंचायत ने सही समय पर इनकी सुध ली होती तो आज इन सभी दुकानों को किराए पर देकर इनसे अच्छी खासी आमदनी प्राप्त की जा सकती थी। तो वहीं सुध नहीं लेने के कारण दुकानों के हालात काफी खराब चुके हैं, और दुकानें वीरान पड़ी हैं। इतना ही नहीं सुनसान हालात का फायदा उठाकर इन दुकानों पर शाम को शराबी भी पहुंच जाते हैं।
जर्जर हो चुके हैं सभी दुकान- अगर दुकानों की स्थिति की बात करें तो इनके हालात इतने जर्जर चुके हैं कि कभी भी इनके गिरने का डर बना रहता है। दुकानों की हालात पर नवयुवक मंडल अध्यक्ष सुरेन्द्र बसुनियां ने बताया कि ग्राम पंचायत इन दुकानों की मरम्मत करा कर आवंटन करे तो अच्छी कमाई हो सकती है। लेकिन ग्रामीणों ने अवैध कब्जा जमाकर दुकानों में कण्डे भर रखे हैं। वहीं पूर्व सरपंच मोड़ी भीमसागर रमेशचंद्र सेन ने बताया कि मेरे समय वर्ष 2003 दुकानों का निर्माण हुआ था। उस वक्त दुकानें आवंटन की थी। इस की जानकारी नहीं है। अगर दुकानों की मरम्मत की जाए तो ग्राम पंचायत को आय होगी।
ये कहना है इनका- मामले पर मोड़ी भीमसागर के सरपंच गरिमा वर्मा का कहना है कि ग्राम पंचायत की दुकानें वीरान हो चुकी हैं। इनकी मरम्मत के लिए लिखित में पीडब्ल्यूडी को दे रखा है। दुकानें गलत जगह बना दी गई हैं। इससे इन्हें कोई किराए पर नहीं लेना चाहता है। हालांकि ग्राम सचिव पुरषोतम बैरवा ने कहा कि जिस किसी ने भी अवैध कब्जा जमा रखा है, उन्हें पहले ही नोटिस दिया गया है। दुकानों की स्थिति के बारे में पीडब्ल्यूडी को भी लिखित में दे रखा है। अब इनकी मरम्मत कराने जैसे स्थिति नहीं है।