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भागीरथी प्रयास से झकास हुई चंद्रावती बावड़ी

locationझालावाड़Published: May 19, 2019 10:32:17 am

Submitted by:

jitendra jakiy

-श्रमदान की आहूति में झलका उत्साह-अमृतं जलम् अभियान

Chandravati Bawdi shocked with Bhagirathi effort

भागीरथी प्रयास से झकास हुई चंद्रावती बावड़ी

भागीरथी प्रयास से झकास हुई चंद्रावती बावड़ी
-श्रमदान की आहूति में झलका उत्साह
-अमृतं जलम् अभियान
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत शहर की चंद्रावती बावड़ी का वैभव रविवार की सुप्रभात में फिर लौट आया। शहर के दर्जनों श्रमवीरों ने उत्साह से भागीरथी प्रयास कर बावड़ी का रुप निखार दिया व बावड़ी झकास हो गई। श्रमदान की इस पुनित आहूति में हर उम्र के लोगों ने पुण्य कमाया। हमारे परम्परागत जल स्त्रोतों की सुध लेकर उनके जल को उपयोग के लायक बनाने जैसे सामाजिक सरोकार के राजस्थान पत्रिका के इस अभियान का शुभारम्भ शहर में पंचमुखी बालाजी के निकट स्थित चंद्रावती बावड़ी पर रविवार सुबह 7.30 बजे से हुआ। देखते ही देखते शहर की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के श्रमवीरों ने कुछ ही समय में गंदगी व कचरें से अटी पड़ी बावड़ी का स्वरुप बदल दिया। इस दौरान बावड़ी के जल पर तैरती व घाटों पर फैली कचरा व गंदगी को बाहर निकाला गया। कलात्मक स्तम्भों पर लगी धूल व जालों की सफाई की गई। सफाई के बाद मूल स्वरुप में निखरी बावड़ी के परिसर से जल ही जीवन का संदेश देने के साथ ही वक्ताओं ने मुक्त कंठ से पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान की प्रशंसा की।
-विरासत की दशा सुधारने की इन संस्थाओं ने की पहल
राजस्थान पत्रिका के आव्हान पर हमारे परम्परागत जल स्त्रोतो को सहेजने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए शहर की विभिन्न संस्थाओं में गायत्री शक्तिपीठ, स्काउट गाइड संगठन, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, चंद्रावती प्रेस क्लब, पर्यटन विकास समिति, गढ़ पार्क सेवा समिति, झालावाड़ विकास मंच सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
-श्रमदान की आहूति में भागीदारी का इन्हे मिला सौभाग्य
अपनी भव्य धरोहर को आत्मियता से भावनापूर्ण रुप से निखारने में जुटे श्रमवीरों में लक्ष्मीचंद जैन, डॉ.सुरेंद्र गर्ग, राम पाटीदार, खेराज काशवानी, दिनेश बोहरा, दिनेश सक्सेना, कन्हैया कश्यप, सुहास शर्मा, महेंद्र सिंह लोधा, सुभाष शोत्रिय, मनोज पारेता, श्रवण गौतम, मदन सिंह, हरिबल्लभ सोनी, घनश्याम नागर, मोहन लाल राठौर, लोकेंद्र शर्मा, भंवर सिंह राठौड़, रवि मोदी, बिरमचंद, रामनिवास, हरिओम, हरि बाबू, श्रीलाल जतावा, विनोद, जतन कुमार, मोहित कुमार, शुभम् सोनी की अगुवाई में कई लोग शामिल रहे।
-मातृ शक्ति ने भी दिखाई शक्ति
रमदान के इस महायज्ञ में महिला शक्ति ने भी बराबर भागीदारी की इसमें रुकमणी पाटीदार, पुष्पलता दुबे, रामकन्या तंवर,गायत्री सोनी व अंजली मेहरा की अगुवाई में महिलाओं ने श्रमदान किया।
-वक्ताओं ने की मुक्त कंठ से प्रशंसा
इस अवसर पर श्रमदान के बाद जल ही जीवन है विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई इसमें पूर्व विधायक ज्वाला प्रसाद शर्मा, गायत्री शक्ति पीठ के गोपाल शर्मा, लायंस क्लब के प्रवीण भाटिया, स्काउट गाइड के सीताराम गौड़, गढ़ पार्क सेवा समिति के भूपेंद्र अग्रवाल, कवि शेलेंद्र जैन, नरेंद्र दुबे, बसंत कासट ने अपने सम्बोधन में राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान सहित पत्रिका के सामाजिक सरोकार के कार्यो की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। संचालन ओम पाठक ने व पत्रिका संवाददाता जितेंद्र जैकी ने आभार व्यक्त किया।
-गौरवशाली इतिहास है बावड़ी का
इतिहासकार ललित शर्मा ने बताया कि झालावाड़ राज्य के प्रथम महाराजराणा मदनसिंह झाला ने अपनी महारानी चंद्रावती, जिसका पूरा नाम सूरजकंवर चंद्रावत था। इसके नाम से उन्होने सन् 1838-1845 के बीच में इसका निर्माण करवाया था। उस समय इसके आसपास के क्षेत्र में इसी बावड़ी के पेयजल का उपयोग करते थे। धार्मिक कार्यक्रमों में भी इसके जल का उपयोग होता था। यहां से कलश आदि भरे जाते थे। इस भव्य व कलात्मक बावड़ी को बाद में निकट में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के कारण पंचमुखी की बावड़ी भी कहा जाने लगा था।
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