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झालावाड़

कालीसिंध थर्मल प्लांट की राख के दिनभर उड़ते गुबार

आमजन के लिए मुसीबत का सबब बनी

झालावाड़Dec 19, 2023 / 10:53 am

jagdish paraliya

Clouds of ash flying throughout the day from Kalisindh Thermal Plant

झालावाड़ कालीसिंध थर्मल से ट्रकों से सड़कों पर राख बिखर रही है, इससे दिनभर सड़कों पर राख उड़ती रहती है।

काली सिंध सुपर थर्मल पावर परियोजना से रोजाना निकलने वाली हजारों टन राख आमजन के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। पावर प्लांट से रोजाना बिजली उत्पादन के बाद से सैंकड़ों टन का उत्पादन होता है। इसे ट्रक व ट्रैक्टर ट्राॅलियों में भरकर विभिन्न सीमेंट फैक्ट्रीयों में भेजा जाता है, लेकिन परिवहन के दौरान इन वाहनों से राख उड़ती है। इससे थर्मल प्लांट इलाके में रहने वाले लोग परेशान हैं। थर्मल प्लांट से रोजाना विद्युत उत्पादन के दौरान 4 हजार मेट्रिक टन राख निकलती है। इसमें ड्राई राख व पोंड एश शामिल है। प्लांट से निकलने वाली राख को रोजाना सैंकड़ों ट्रक व ट्रैक्टर ट्राॅलियों में भरकर सीमेंट फैक्ट्रीयों में परिवहन किया जाता है।

 

घर की दीवारों पर जम जाती है परत
कमलेश विजय, दीपक व आकाश ने बताया कि खुले में राख के परिवहन के कारण वातावरण में हमेशा राख का गुब्बार बना रहता है। ऐसे में जब सुबह उठते हैं तो दीवारों पर राख की परत जमी दिखती है। राख के प्रदूषण के कारण आसपास के इलाके में लगे पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। राख के प्रदूषण के कारण लोग बीमार भी पड़ जाते हैं।


रोजाना सैंकड़ों बड़े वाहनों से होता परिवहन
वाहन चालक राजवीर सिंह, कपिल मेहर, राकेश दांगी व पप्पू यादव ने बताया कि थर्मल से रोजाना सैंकड़ों गाड़ियों के माध्यम से राख का परिवहन होता है। ऐसे में कई बार थर्मल को जोड़ने वाली सड़क पर जाम की स्थिति बन जाती है। थर्मल मार्ग की सड़क मुख्य मार्ग के दर्जनों गांवों को जोड़ती है। इन गांव में जाने वाले वाहन भी इसी सड़क मार्ग से गुजरते हैं। इसके कारण सड़क पर वाहनों के ज्यादा होने से आए दिन हादसे होते हैं।


ठेकेदार सड़क बनाने में काम लेते
उन्होंने बताया कि इस राख का उपयोग ठेकेदार सड़क बनाने के कार्य में भी लेते हैं। थर्मल प्लांट से टोल प्लाजा और कपासिया कुआं तक रोजाना सड़क पर राख के गुबार उड़ते दिखाई देते हैं। इससे अन्य वाहन चालक और राहगीर तथा सड़क किनारे पर स्थित दुकानदार भी परेशान हैं।


दुर्घटना का कारण बनी
वाहनों से उड़ने वाली यह राख दुपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी और दुर्घटना का कारण बनी हुई है। राख भरकर ले जाने वाले वाहन निर्धारित क्षमता से अधिक वजन में राख भर कर ले जाते हैं। राख भरकर ले जाने वाले वहां ट्रिपल लगाकर नहीं ले जाए जाते हैं। इससे रास्ते में जगह-जगह राख बिखरती जाती है। खास तौर पर ब्रेकर पर यह परेशानी ज्यादा है।


थर्मल से असुरक्षित तरीके से राख भरकर ले जाने वाले वाहन चालकों को समझाकर सुरक्षित तरीके से राख को भरकर ले जाने के लिए पाबंद किया जाएगा।
रमेश कुमार, थानाधिकारी, शहर पुलिस थाना, झालरापाटन

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