Jhalawar Corona Update…कोरोना: तीसरी लहर से लडऩे की अधूरी तैयारी
झालावाड़. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद सरकार अलर्ट हो गई है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। लोगों को मास्क लगाकर व सोशल डिस्टेसिंग की पालना करने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण से लडऩे की तैयारियों की समीक्षा की और निर्देश दिए। राजस्थान पत्रिका की जिलेभर की टीम ने जिले की चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी ली, तो सामने आया कि जिले का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर से लडऩे के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। ज्यादातर स्वास्थ्य केन्द्रों में तो शिशु रोग विशेषज्ञ ही नहीं हैं। जबकि तीसरी संभावित लहर में बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होने की आशंका है। ऑक्सीजन में जिले को आत्मनिर्भर बनाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सेटेलाइट अस्पताल में तो ऑक्सीजन प्लांट चालू ही नहीं हुआ है। कोरोना के नए वेरियेंट को लेकर सरकार भी चिंतित है। जिला कलक्टर हरिमोहन मीणा ने बताया कि पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लान्ट के प्रारम्भ होने से मेडिकल कॉलेज की ऑक्सीजन क्षमता 500 सिलेण्डर प्रतिदिन हो गई है इसके अतिरिक्त एलएमओ टैंक भी तैयार है जिसमें रिजर्व में ऑक्सीजन भर के मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। एसआरजी अधीक्षक डॉ.संजय पोरवाल ने बताया कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन पैदा करने की क्षमता रखता है जो कि लगभग 200 बडे डीटाइप सिलेंडर के बराबर है। मेडिकल कॉलेज की प्रतिदिन 500 बडे डीटाइप सिलेण्डर पैदा करने की क्षमता है। झालरापाटन. कस्बे की 40 हजार की आबादी और आसपास के 100 गांव के एक लाख लोगों की चिकित्सा का जिम्मा लिए राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय पर है। यहा चिकित्सकों के स्वीकृत 22 पद में से 10 पद रिक्त है। वर्तमान में 12 चिकित्सक यहां कार्यरत हैं। इनमें भी एक शिशु रोग विशेषज्ञ, एक जनरल सर्जन व शेष 8 पद मेडिकल ऑफि सर के रिक्त है। जानकारों का कहना है कि तीसरी लहर को देखते हुए मेन पावर बढ़ाई जाए, लेकिन यहां चिकित्सालय में आधे चिकित्सकों के पद रिक्त हो ना गंभीर मामला है। ऐसे में विभाग को समय रहते इन पदों को भरने का प्रबंध करना जरूरी है। क्षेत्र की आबादी को देखते हुए अस्पताल में आईसीयू बेड बढ़ाने की अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए।
प्रशिक्षित करने की जरूरत
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से फ ायर सेफ्टी की ट्रेनिंग कराई जाती है उसी तर्ज पर अस्पताल में डॉक्टर, नर्स,सुरक्षाकर्मी इन सभी लोगों को कोविड की ट्रेनिंग करानी चाहिए, जिससे लहर से निपटने में आसानी होगी। चिकित्सा सेवा से जुड़े हर कर्मचारी का इस्तेमाल होना चाहिए।
खानपुर. कोरोना की दूसरी लहर में जिले में खानपुर क्षेत्र में सबसे अधिक मौते हुई थी, इसके बावजूद यहां कोरोना की तीसरी लहर से लडऩे की अभी कोई तैयारी नहीं है, केवल बातें ही बातें हो रही यहां लाखों की लागत से गोयल प्रोटीन गु्रप द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का गत 14 सितम्बर को लोकार्पण किया था। अब तक किसी रोगी को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पडऩे से प्लांट पर ताला लटका है। इसके अलावा ऑक्सीजन प्लांट को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए गत माह यहां चिकित्सा विभाग द्वारा करीब 20 लाख की लागत से 125 किलोवाट का जनरेटर भेजा था। एक माह गुजरने के बाद भी जनरेटर का इंस्टालेशन नहीं होने से नीम के पेड़ के नीचे खुले में रखा है। कस्बे की सीएचसी में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के बाहर बायो मेडिकल वेस्ट व फैली गंदगी व दुर्गन्ध के मारे हाल बेहाल है।
चिकित्सकों के पद खाली: अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। यहां फि जिशियन, कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन, दंत रोग, नैत्र रोग, शिशु रोग विशेषज्ञ, गायनिक, एनेस्थेसिया सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे है।
भवानीमंडी : चिकित्सा प्रशासन हुआ अलर्ट
भवानीमंडी. नगर के सीएचसी पर 100 ऑक्सीजन सिलेण्डर की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट तैयार है। ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल भी किया जा चूका है। प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर सीएचसी के जनरल वार्ड एवं जनाना वार्ड में पाइप लाइन डालकर 50 पाइंट रखे हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. रोहिताश्व ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर बाहर से आने वाले लोगो की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही सीएचसी पर पॉजीटीव मरीजों के लिए 50 बेड वार्ड भी तैयार कर दिया है। ऑक्सीज प्लस की जांच करने के लिए सीएचसी पर 35 ऑक्सोमीटर उपलब्ध है। साथ ही हॉस्पिटल स्टाफ के 2 हजार मास्क स्टोर रूम के स्टॉक पर उपलब्ध हैं। वहीं संदिग्ध लगने पर आरटीपीसीआर भी की जा रही है। शनिवार को 12 लोगों कोरोना जांच को लेकर सैंपलिंग ली। मरीजों के ईलाज के लिए अब फिजिशियन डॉ. रवि काबरा के साथ 12 डॉक्टरों की टीम 24 घंटे तैयार हैं। इसके अलावा बच्चों के इलाज के लिए शिशु रोग चिकित्सक डॉ. विनोद चावला तैनात।