अपने भाई को स्वयं बनाई राखी बांधेगी आदिवासी किशोरियां
-महिला शिक्षण विहार में उत्साहित है बहने
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. जिला मुख्यालय पर संचालित महिला शिक्षण विहार में रह रही बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र की गरीब किशोरियां रक्षा बंधन के दिन अपने हाथों से बनाई राखियां ही अपने भाईयों को बांधेगी। रक्षा बंधन पर उनके भाई महिला शिक्षण विहार में आएगे। इसके लिए किशोरियों ने अपनी अध्यापिका रौशनी गौरी से राखी बनाना सीख लिया है और सुंदर सुंदर राखियां तैयार भी कर ली है। मंगलवार शाम महिला शिक्षण विहार में राखियों को नये नये रुप देकर सुंदर बनाने में जुटी मनीषा सहरिया, रविना सहरिया, कृष्णा, नीरु, निर्मला, निशा, जसोदा, उर्मिला, रेखा, राधा, पलक व रानी आदि ने बताया कि इस साल उन्होने कई प्रकार की डिजाईदार व विभिन्न वैराईटी की राखी बनाना सीख ली है। रक्षा बंधन पर विहार में आने पर उनके भाईयों की कलाई पर वह यहीं राखियां सजाएगी। प्राचार्या निर्मला सोगानी ने बताया कि रक्षा बंधन का त्यौहार महिला शिक्षण विहार में ही मनाया जाएगा। लड़कियों को उनके गांव नही भेजा जाएगा। इनके भाई यहीं आएगें व राखी बंधवाएगे।
-महिला शिक्षण विहार में उत्साहित है बहने
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. जिला मुख्यालय पर संचालित महिला शिक्षण विहार में रह रही बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र की गरीब किशोरियां रक्षा बंधन के दिन अपने हाथों से बनाई राखियां ही अपने भाईयों को बांधेगी। रक्षा बंधन पर उनके भाई महिला शिक्षण विहार में आएगे। इसके लिए किशोरियों ने अपनी अध्यापिका रौशनी गौरी से राखी बनाना सीख लिया है और सुंदर सुंदर राखियां तैयार भी कर ली है। मंगलवार शाम महिला शिक्षण विहार में राखियों को नये नये रुप देकर सुंदर बनाने में जुटी मनीषा सहरिया, रविना सहरिया, कृष्णा, नीरु, निर्मला, निशा, जसोदा, उर्मिला, रेखा, राधा, पलक व रानी आदि ने बताया कि इस साल उन्होने कई प्रकार की डिजाईदार व विभिन्न वैराईटी की राखी बनाना सीख ली है। रक्षा बंधन पर विहार में आने पर उनके भाईयों की कलाई पर वह यहीं राखियां सजाएगी। प्राचार्या निर्मला सोगानी ने बताया कि रक्षा बंधन का त्यौहार महिला शिक्षण विहार में ही मनाया जाएगा। लड़कियों को उनके गांव नही भेजा जाएगा। इनके भाई यहीं आएगें व राखी बंधवाएगे।