सरकार का अनुबंध खत्म, ई-स्टाम्प सेवा बंद
भवानीमंडी. डिजिटल सेवा को बढ़ावा देने के दावों के बीच सरकार ने ई-स्टाम्प सेवा बंद कर दी हैं। प्रदेश भर में २१ जुलाई की मध्यरात्रि से सेवा बंद हैं। इससे अब स्टाम्प कमी के लिए लोगों को ई-ग्रास से चालान कटाकर बैंक में जमा कराने के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है। ईस्टांप बनना बंद होने से लोगों को बैंकों में परेशान हो रहे है।
ई-स्टाम्प योजना को संचालित करने वाली कंपनी के साथ सरकार का अनुबंध खत्म होने के बाद सेवा ठप्प हो गई है। इससे आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है।
ई-स्टांप
शपथपत्र, वसीयत, इकरारनामा, विक्रय पत्र, गिफ्ट डीड, लेन-देन, किराया आदि के सभी दस्तावेजों के लिए ई-स्टाम्प मान्य है। अब तक ५०, १००, ५००, १००० रुपए स्टाम्प पेपर मिलता था, लेकिन किसी को २०५ रुपए का स्टाम्प खरीदना था तो भी उसे २५० अथवा ३०० रुपए का स्टाम्प खरीदना पड़ता था। इससे लोगों को अधिक राशि खर्च करना पड़ रहा थी, लेकिन ई-स्टाम्प में अधिक रुपए का स्टाम्प खरीदने की आवश्यता नहीं थी।
काटने पड़ रहे चक्कर
अब अगर किसी को रजिस्ट्री अथवा अन्य सरकार कामों के लिए राजस्व जमा कराने के लिए ५४०० के स्टाम्प खरीदने हैं तो बाजार में पांच हजार का स्टाम्प उपलब्ध है, लेकिन ४०० रुपए ईग्रास चालान से बैक में जमा कराने होंगे। अब बैकों के चक्कर काटने पड़े रहे हैं।
ई-स्टाम्प से फायदेे
जिस कीमत का ई-स्टाम्प चाहिए, उसी कीमत का स्टाम्प मिल जाता था। इससे स्टांप खरीद में होने वाली जालसाजी पर लगाम लगी थी। यह पुरानी तारीख में जारी नहीं किया जा सकता था। जालसाजी पर लगाम लगी थी। ई-स्टाम्प से कागज, प्रिटिंग, स्याही व अन्य खर्चे की भी बचत होती है।
–ई स्टाम्प व्यवस्था बंद कर दी है। वर्तमान में स्टाम्प वेंडर छपे स्टाम्प विक्रय कर रहे हैं। सरकार के आगामी निर्देशों के बाद ही ई-स्टाम्प सेवा शुरु हो सकेगी।।
अशोक कुमार मीणा, डीआइजी स्टाम्प, कोटा
भवानीमंडी. डिजिटल सेवा को बढ़ावा देने के दावों के बीच सरकार ने ई-स्टाम्प सेवा बंद कर दी हैं। प्रदेश भर में २१ जुलाई की मध्यरात्रि से सेवा बंद हैं। इससे अब स्टाम्प कमी के लिए लोगों को ई-ग्रास से चालान कटाकर बैंक में जमा कराने के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है। ईस्टांप बनना बंद होने से लोगों को बैंकों में परेशान हो रहे है।
ई-स्टाम्प योजना को संचालित करने वाली कंपनी के साथ सरकार का अनुबंध खत्म होने के बाद सेवा ठप्प हो गई है। इससे आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है।
ई-स्टांप
शपथपत्र, वसीयत, इकरारनामा, विक्रय पत्र, गिफ्ट डीड, लेन-देन, किराया आदि के सभी दस्तावेजों के लिए ई-स्टाम्प मान्य है। अब तक ५०, १००, ५००, १००० रुपए स्टाम्प पेपर मिलता था, लेकिन किसी को २०५ रुपए का स्टाम्प खरीदना था तो भी उसे २५० अथवा ३०० रुपए का स्टाम्प खरीदना पड़ता था। इससे लोगों को अधिक राशि खर्च करना पड़ रहा थी, लेकिन ई-स्टाम्प में अधिक रुपए का स्टाम्प खरीदने की आवश्यता नहीं थी।
काटने पड़ रहे चक्कर
अब अगर किसी को रजिस्ट्री अथवा अन्य सरकार कामों के लिए राजस्व जमा कराने के लिए ५४०० के स्टाम्प खरीदने हैं तो बाजार में पांच हजार का स्टाम्प उपलब्ध है, लेकिन ४०० रुपए ईग्रास चालान से बैक में जमा कराने होंगे। अब बैकों के चक्कर काटने पड़े रहे हैं।
ई-स्टाम्प से फायदेे
जिस कीमत का ई-स्टाम्प चाहिए, उसी कीमत का स्टाम्प मिल जाता था। इससे स्टांप खरीद में होने वाली जालसाजी पर लगाम लगी थी। यह पुरानी तारीख में जारी नहीं किया जा सकता था। जालसाजी पर लगाम लगी थी। ई-स्टाम्प से कागज, प्रिटिंग, स्याही व अन्य खर्चे की भी बचत होती है।
–ई स्टाम्प व्यवस्था बंद कर दी है। वर्तमान में स्टाम्प वेंडर छपे स्टाम्प विक्रय कर रहे हैं। सरकार के आगामी निर्देशों के बाद ही ई-स्टाम्प सेवा शुरु हो सकेगी।।
अशोक कुमार मीणा, डीआइजी स्टाम्प, कोटा