script15 मरीजों की मौत पर एएमयू कुलपति व डॉक्टर्स के खिलाफ वाद दायर | complaint filed against AMU VC and doctors in CJM court | Patrika News

15 मरीजों की मौत पर एएमयू कुलपति व डॉक्टर्स के खिलाफ वाद दायर

locationअलीगढ़Published: Apr 13, 2018 03:36:32 pm

एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के दौरान 15 मरीजों की मौत हो गयी थी।

एएमयू कुलपति
अलीगढ़। जेएन मेडिकल कॉलेज में छात्र नेता की अभद्रता के बाद जूनियर डॉक्टर्स लगातार 11 दिन तक हड़ताल पर रहे। इस दौरान मेडिकल कॉलेज में 15 मरीजों की मौत हो गयी। जिसको लेकर सीजेएम कोर्ट में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्लाय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर व तीन डॉक्टर्स के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दायर किया गया है। कोर्ट ने 20 अप्रैल को सिविल लाइंस पुलिस से पूरे प्रकरण पर आख्या तलब की है। भारतीय समाज सेवक संगठन के अध्यक्ष इफ्राहीम हुसैन ने अर्जी में मरीजों के हाथ-पांव बांधने का वीडियो का हवाला भी दिया है।

क्या है मामला
एएमयू छात्रसंघ के कैबिनेट मेंबर जैद शेरवानी के साथ जेएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में 28 मार्च को जूनियर डॉक्टर से झगड़ा हो गया था। छात्र नेता अपनी भतीजी को दिखाने आया था। जैद का आरोप था कि दूसरे मरीज से दुर्व्यवहार देखकर टोकने पर डॉक्टर्स ने उनकी भतीजी के इलाज से मना कर दिया था। डॉक्टर्स ने जैद पर महिला डॉक्टर से अभद्रता करने का आरोप लगाया था। 29 मार्च को 600 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। मेडिकल कॉलेज में सभी आपात सेवाएं बंद कर दी गई थीं। जैद के निलंबन के बाद आठ अप्रैल को हड़ताल खत्म हुई थी।

इस संगठन ने दायर किया वाद
भारतीय समाज सेवक संगठन के अध्यक्ष इब्राहिम हुसैन ने 10 अप्रैल को अधिवक्ता अशोक कुमार यादव के जरिए सीआरपीसी की धारा-156 (3) के तहत सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। जिसमें कहा गया कि आरडीए ने गैरकानूनी हड़ताल की। इस दौरान 15 मरीजों की मौत हो गयी। पिछले साल अप्रैल में भी हुई हड़ताल में पांच मरीज की मौत हुई थी। इसके जिम्मेदार डॉक्टर्स व अफसरों पर उचित कार्रवाई की जाए। आईजी, डीएम व एसएसपी को भी शिकायत भेजी गयी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। मरीजों के हाथ-पांव बांधने को जांच में सही बताना आधुनिक दौर में अटपटा लगता है। इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए।

‘एएमयू की छवि धूमिल करने का प्रयास’
उधर, एएमयू प्रशासन ने जेएन मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के दौरान मरीजों की असामान्य मृत्यु दर की रिपोर्ट का खंडन करते हुए इसे अवसरवादी लोगों द्वारा एएमयू की छवि धूमिल करने का प्रयास बताया है। एएमयू प्रशासन का कहना है कि हड़ताल के दौरान मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर्स तथा सीनियर रेजीडेंट्स ने ओपीडी तथा विभिन्न वार्ड्स में भर्ती मरीजों को पूर्ण रूप से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी।
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