बेटियों ने जाने पापा-मम्मी के काम करने के तरीके… -राजस्थान पत्रिका अभियान ‘बिटिया इन ऑफिसÓ -जितेंद्र जैकी- झालावाड़.राजस्थान पत्रिका के अभियान ‘बिटिया इन ऑफिसÓ के तहत इन दिनो झालावाड़ में बेटियां अपने पापा-मम्मी के काम करने के तरीकों को देख रही है। बेटिया को अपने पेरेंट्स के ऑफिस जाना खास अनूभूति रही। जहां एक तरफ उन्होंने अपने माता-पिता के काम को समझा, वहीं कार्यस्थल पर होने वाली चुनौतियों को भी समझना उनके लिए खास अनुभव रहा। बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने से लेकर उनमें अपने पैरेंट्स के प्रति गर्व की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से अनूठा अभियान ‘बिटिया इन ऑफिसÓ आयोजित किया। इसके तहत झालावाड़ जिले में विभिन्न कम्पनियों के अधिकारी/ कर्मचारी बेटियों के साथ दफ्तर पहुंचे। बेटियों के लिए यह एक नया अनुभव था। चेहरों की चमक ने यह साफ कर दिया कि यह पल उनके लिए कितना खास था। वहीं सोमवार को माता-पिता को भी अपने काम के बारे में बेटी को बताना और प्रोत्साहित करना आनंदित कर देता है। -इन बेटियों ने देखा अपने पापा मम्मी के कामकाज -ऑफिस- चाणक्य एजुकेशन ग्रुप, झालावाड़ बिटिया का नाम- आराध्या शर्मा पिता का नाम-अनंत शर्मा, निदेशक मेने पापा के ऑफिस में आकर जाना कि किस तरह मेनेजमेंट किया जाता है। मैरे पापा ऑफिस का बहुत अच्छा मेनेजमेंट सम्भालते है। मुझे मेरे पिता पर गर्व है। -ऑफिस-जिला रसद विभाग, झालावाड़ बिटिया का नाम-वृंदा शर्मा माता का नाम-मनीषा तिवारी, जिला रसद अधिकारी मम्मी के ऑफिस आकर देखा तो पता चला कि वह कितनी जिम्मेदारी से बहुत सारा काम सम्भालती है। मुझे मम्मी का काम अच्छा लगा। -ऑफिस-टी स्टाल, झालावाड़ बिटिया का नाम-अंजू प्रजापति पिता-राधेश्याम प्रजापति, दुकानदार मेरे पापा की ुदकान पर आकर देखा किस प्रकार ग्राहकों से अच्छा व्यवहार रख कर दुकानदारी की जाती है। मेरे पापा बहुत मेहनती है। मुझे मेरे पिता पर गर्व है। -ऑफिस- निशुल्क दवा वितरण केंद्र, अस्पताल झालावाड़ बिटिया का नाम-ताजवर मासूम पिता- वाहिद अली, फार्मासिस्ट पापा के साथ यहां आकर देखा कि मेडिकल स्टोर पर किस प्रकार अच्छी तरह समझ कर दवाईयां दी जाती है। मेरे पापा बहुत जि?मेदारी से समझ कर काम करते है। मुझे मेरे पिता पर गर्व है। -ऑफिस-किराने की दुकान, झालावाड़ बिटिया का नाम-जयश्री पिता-प्रकाश पारेता, दुकानदार मैने मेरे पापा की दुकान पर आकर जाना कि किस तरह केशबुक भरी जाती है व ग्राहकों को पूरा तोलकर सामान दिया जाता है। पूरी इमानदारी से काम करने पर मुझे मेरे पिता पर गर्व है। -ऑफिस-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झालावाड़ बिटिया का नाम-कृतिका मालव पिता-गोपाल धाकड़ हेड कास्टेबल मेरे पापा के ऑफिस आकर पता चला कि किस प्रकार समाज के भष्ट लोगों के खिलाफ काम किया जाता है। मेरे पापा पूरी ईमानदारी व गोपनियता के साथ काम में जुटे रहते है। मुझे मेरे पिता पर गर्व है। -ऑफिस-श्री सुभाष सैनिक सीनीयर सेकेण्डरी स्कूल, झालावाड माता का नाम-मीनाक्षी शर्मा बिटिया का नाम-अनामिका व अनुष्का मम्मी के स्कूल में आकर देखा तो पता चला कि हमारी मम्मी बहुत अच्छा मेनेजमेंट सम्भालती है। बच्चों को व टीचर्स का भी मार्गदर्शन करती है। -ऑफिस-जिला पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय, झालावाड़ बिटिया का नाम-सीमा ऐरवाल पिता का नाम-प्रभुलाल ऐरवाल मैने पापा के ऑफिस में भ्रुण ***** जांच के खिलाफ किए जाने वाले डिकोई ऑपेरशन की कार्रवाई के बारे में देखा। बेटी बचाओं के लिए राज्स सरकार की मुखबीर योजना के बारे में जानकारी ली। -ऑफिस-नेशनल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, झालावाड़ बिटिया का नाम-आरोही गौतम पिता का नाम-महावीर शर्मा मैने पापा के ऑफिस में देखा कि वह किस तरह ग्राहकों को समझाते है और बीमा करवाने के लिए प्रेरित करते है। वह दूसरों के जीवन के लिए सोचते है। -ऑफिस- जिला खेलकूद विभाग, झालावाड़़ बिटिया का नाम-किशु शर्मा पिता का नाम-कृपाशंकर शर्मा, जिला खेल अधिकारी मैने पापा के ऑफिस में आकर देखा कि वह किस तरह खेलों के आयोजन आदि के लिए योजना बनाते है और खेल संकुल में कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए प्रयास करते रहते है। -ऑफिस-केेंद्रीय विद्यालय, झालावाड़ बिटिया का नाम-दिव्या भारती पिता का नाम-सूरजमल बैरवा मेरे पास के स्कूल में जाकर पता चला कि पापा तो बच्चों को बहुत अच्छी तरह से पढ़ाते है। वह पूरी इमानदारी से अपने काम में जुटे रहते है। -ऑफिस-दवा वितरण केंद्र, राजकीय एसआरजी चिकित्सालय, झालावाड़ बिटिया का नाम-धैर्या जैन पिता का नाम- शेलेंद्र जैन मेने पापा के साथ जाकर उनके काम करने के तरीके को देखा वह पूरी जिम्मेदारी व समझदारी के साथ मरीजों को दवा वितरण करते है।