scriptकाम पूरा होने से पहले उखड़ी सड़क | Debris road before completion of work | Patrika News

काम पूरा होने से पहले उखड़ी सड़क

locationझालावाड़Published: Aug 04, 2018 04:17:59 pm

Submitted by:

arun tripathi

सड़क देखने पहुंचे परियोजना निदेशक और ठेकेदार को ग्रामीणों ने सुनाई खरी-खोटी

उखड़ी सड़क

काम पूरा होने से पहले उखड़ी सड़क

चौमहला. मध्यप्रदेश की आलोट सीमा से सुवासरा सीमा तक उन्हैंल नागेश्वर से सांकरिया तक पीपीपी मोड पर 58 .11 करोड़ रुपए की लागत से 24.55 किमी बनने वाली सड़क का कार्य पूर्ण नहीं होने के पूर्व ही बारिश में जगह-जगह से उधड़ गई। सड़क पर फिर से लीपापोती की जा रही है। तलावली गांव के समीप सड़क देखने पहुंचे परियोजना निदेशक और ठेकेदार को ग्रामीणों ने ख़ूब खरी-खोटी सुनाई। डामर सड़क की एक लेयर लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन पहली ही बारिश में इसकी पोल खुल गई। सड़क पर जगह-जगह गिट्टी बाहर आ गई। सड़क निर्माण में शुरू से ही इसके घटिया निर्माण की जानकारी ग्रामीणों ने दी, लेकिन जिम्मेदारों ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया।
किसी का ध्यान नहीं
उन्हैंल नागेश्वर में आयोजित मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में इस मार्ग पर पीडब्ल्यूडी मंत्री, संसदीय सचिव, विधायक, कलेक्टर की आवाजाही रही, लेकिन किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया। नतीजा सबके सामने है।
12 साल होगामेंटिनेंस
पीपीपी मोड पर बनने वाले इस टोल रोड की कुल लागत का पचास प्रतिशत सरकार तथा पचास प्रतिशत निर्माण कंपनी वहन करेगी। 2 साल की निर्माणावधि सहित 12 साल तक इसका मेंटिनेंस निर्माण कम्पनी की ओर से ही किया जाएगा।
— मैंने अभी कुछ दिन पूर्व की कार्यभार ग्रहण किया है, रोड की पहली विजिट की है। ग्रामीणों ने भी बताया है। बारिश में ऐसा होता है, लेकिन इतना नही होता है। कहीं तो कुछ चूक हुई है। पूरे मामले की जांच कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। दो-चार दिन का समय दीजिए फिर आप परिणाम देखिए।
शरद सक्सेना, परियोजना निदेशक एवं अधिशाषी अभियंता
दो दिन से नहीं आ रही बस
–६५ गांव के यात्री परेशान
सारोलाकलाञ्चपत्रिका. झालावाड़ डिपो की भीमसागर-सारोला रोडवेज दो दिन से नहीं आने से 65 गांव के यात्री परेशान हैं, जबकि ये कलेक्टर के निर्देश पर संचालित है। ये रोडवेज सुबह 7 बजे झालावाड़ से प्रस्थान कर सारोला 8 .30 बजे पहुंच, यहां से वापस 8.45 बजे झालावाड़ के लिए प्रस्थान करती है। इसी से तारज-सारोला डाक थैलों का आदान-प्रदान होता है। इस मार्ग से 10 पंचायतों के 65 गांव परिवहन सुविधा से जुड़े हंै।यात्री मालौनी निवासी दिनेश हलसर ने बताया कि वे सुबह से ही रोडवेज का इंतजार करते रह गए। आश्चर्य की बात यह है कि रोडवेज ओवर लोड चलती है। इसके बावजूद राजस्व कम आ रहा है। मुख्य प्रबन्धक रोडवेज रमेशचंद शर्मा का कहना है कि परिचालक व एजेन्टों कमी है। एजेन्ट आते ही रोडवेज शुरु कर देंगे।
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