झालावाड़ के बकानी कस्बे सुबह से ही घर घर के सामने गोंवर्धन पूजन का आयोजन किया गया। दोपहर गोविन्द गौशाला में सामुहिक गोवर्धन पूजन का आयोजन किया गया। सब से पहले महिलाओं ने गाय के गौबर से गोवधर्न भगवान की प्रतिमा बनाई जिसको आकृषक फुलो से सजाया गया जिसके विधी विधान के साथ मंगल गीत गाते हुवे पूर्जा अर्चना कर परिवार में सुख समृद्वि की कामना की। आतरी के बाद गौवधन जी की परिक्रमा भी की गई। ग्रामीण अचलों में मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर गाय के गौबर से गोवधर्न भगवान बनाये जाते हैं जिससे की घरों से निकले वाले मवेशीयों पैरों से इस में रख के निकलते हैं वही पैर जब खेतों तक जाते है तो खेतों में अच्छी फसल होती है। वही गौवधर्न पूजा के बाद गांव में भेस, बकारी, सहित अन्य मेवशीयों की पूजा की जाती है।