scriptफेफडे में फंसे चीकू के बीज व मूंगफली के दाने को निकाला | Excretion of gram and peanut seeds in the lungs | Patrika News

फेफडे में फंसे चीकू के बीज व मूंगफली के दाने को निकाला

locationझालावाड़Published: Apr 22, 2019 04:47:16 pm

Submitted by:

jitendra jakiy

-जटिल ऑपरेशन कर बचाई दो बच्चों की जान -राजकीय एसआरजी चिकित्सालय के ईएनटी विभाग का सफल प्रयास

Excretion of gram and peanut seeds in the lungs

फेफडे में फंसे चीकू के बीज व मूंगफली के दाने को निकाला

फेफडे में फंसे चीकू के बीज व मूंगफली के दाने को निकाला
-जटिल ऑपरेशन कर बचाई दो बच्चों की जान
-राजकीय एसआरजी चिकित्सालय के ईएनटी विभाग का सफल प्रयास
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. राजकीय एसआरजी चिकित्सालय के नाक,कान, गला विभाग की टीम ने एक सप्ताह में दो नन्हे बच्चों के जटिल ऑपरेशन कर एक के फेफड़े में फंसे चीकू फल के बीज व दूसरे के फेफड़े में फंसे मूंगफली के दाने को बाहर निकाल कर बच्चों की जान बचाई है। ऑपरेशन के बाद अब दोनो बच्चों अब स्वस्थ्य है।
-सवा साल के कपिल ने निगला मूंगफली का दाना
जिले के पिड़ावा क्षेत्र के गांव मंगीसपुर निवासी लालचंद के सवा साल के नन्हे पुत्र कपिल को 27 मार्च की रात अचानक तेज खासी का दौरा पड़ा। इस पर उसे पिड़ावा अस्पताल ले जाया गया, वहां से भवानी मंडी चिकित्सालय में लाए लेकिन कुछ फर्क नही पड़ा। इस पर उसे 31 मार्च को झालावाड़ में शिशु रोग विभाग में दिखाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे निमोनिया की शिकायत बता कर इलाज किया, उसका एक्सरे भी करवाया गया। लेकिन कोई फर्क नही पडऩे पर चिकित्सको ने उसे ईएनटी विभाग में रैफर किया। यहां उसका सीटी स्केन करवाया गया जिसमें फेफड़ों में मूंगफली का दाना होने का अंदेशा हुआ इस पर उसका ऑपरेशन किया गया।
-6 साल के भारत ने निगला चीकू का बीज
मध्यप्रदेश के सुसनेर क्षेत्र के गांव पाईली निवासी मनेाहर ऐरवाल एक पखवाड़ा पहले ईट भट्टे पर काम रहा था उसके निकट उसका 6 साल का पुत्र भारत भी था उस समय उन्होने चीकू खाए लेकिन गलती से भारत ने बीज निगल लिया। इस पर उसे खांसी के दौरे पडऩे लगे। उसे कोटा में जेके लोन चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था लेकिन वहां कोई फर्क नही पड़ा इस पर वहां से छुट्टी करा कर भारत को गत चार दिन पहले झालावाड़ में ईएनटी विभाग में दिखाया गया। यहां सीटी स्केन करा करवाया गया जिसमें बीज होने का अंदेशा हुआ इस पर उसका ऑपरेशन किया गया।
-सिटी स्केन से चला पता
विभागाध्यक्ष अरुण पटेल ने बताया कि बच्चों के फेफड़े में फंसी चीज एक्सरे में नजर नही आने व लगातार खांसी रहने से चिकित्सकों ने इसे निमोनिया समझा व उसी का उपचार किया लेकिन परेशानी की वास्तविक वजह तो सीटी स्केन में नजर आई। इस पर राजकीय एसआरजी चिकित्सालय के ईएनटी विभाग की टीम ने सफल ऑपरेशन कर बच्चों की जान बचाई। ऑपरेशन के बाद बाहर निकालने पर चीज के बारे में पता चला। डॉ. पटेल ने बताया कि कुछ भी चीज अगर फेफड़े में फंस जाती है तो व्यक्ति को खांसी के दौरे पड़ते लगते है व बुखार आ जाता है, तबियत बिगड़ जाती है। समय पर उचित इलाज नही होने से मरीज की जान भी जा सकती है।
-कपिल के जिक्र से भारत का हो सका इलाज
कपिल के पिता के परिचितों से कोटा में भर्ती भारत के पिता को पता चला कि झालावाड़ में चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन कर बच्चें के फेफड़े में मूंगफली का दाना निकाला है। दोनो की स्थिति एक जैसी थी। इस पर भारत के परिजनों ने कोटा अस्पताल से छुट्टी करा कर झालावाड़ का रुख किया व यहां उसका भी चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन कर दिया। फिलहाल दोनो बच्चें ठीक है। कपिल को तो छुट्टी दे दी गई व भारत चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती है।
-यह चिकित्सक रहे टीम में शामिल
दोनो बच्चों का जटिल ऑपरेशन करने वालों में ईएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण पटेल, डॉ. राकेश वर्मा, डॉ. अंशुल विजय, डॉ. जितेंद्र नागर, निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ.एस.पी.चित्तोड़ा, डॉ. सुधीर शर्मा, डॉ. सलीम कुरेशी, डॉ. संजीव गुप्ता व नर्सिंगकर्मी कैशव गौतम व प्रियंका शर्मा शामिल रहे।

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