scriptमातमी धुनों के बीच खिराजे अकीदत से निकाले ताजिए | Fade out of akidat in the midst of melodious tunes | Patrika News

मातमी धुनों के बीच खिराजे अकीदत से निकाले ताजिए

locationझालावाड़Published: Sep 10, 2019 05:38:45 pm

Submitted by:

jitendra jakiy

-मोहर्रम पर फिजा में ‘गूंजी या अली, या हुसैनÓ की सदा

Fade out of akidat in the midst of melodious tunes

मातमी धुनों के बीच खिराजे अकीदत से निकाले ताजिए


मातमी धुनों के बीच खिराजे अकीदत से निकाले ताजिए
-मोहर्रम पर फिजा में ‘गूंजी या अली, या हुसैनÓ की सदा
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में जिले भर में मंगलवार को मोहर्रम का पर्व परम्परागत रुप से मनाया गया। इस दौरान शहर में पुलिस में 34 ताजियों को लाइसेंस जारी किए थे। सभी ताजिए दोपहर में बड़ा बाजार सीमेंट रोड पर एकत्र हुए। यहां हुसैनी और हैदरी अखाड़े के कलाकारों ने अलग अलग स्थान पर विभिन्न हेरतअंग्रेज करतबों का प्रदर्शन किया। यहां बच्चों से लेकर बुर्जुगों ने तलवार बाजी व पट्टाबाजी का प्रदर्शन किया। अखाड़ों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगी रही। गढ़ परिसर के बाहर युवकों की टोली ढोल पर मातमी धुन निकाल रही थी। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे यहां से ताजिए उठाए गए। इस दौरान या अली, या हुसैन की सदा फिजा में गूंजती रही। ताजियों का जुलूस गागरोन रोड़ होकर आहू नदी में स्थित कर्बला शरीफ पहुंचा। यहां ताजियों को नदी में ठंडा किया गया। इससे पहले सोमवार रात शहर में कत्ल की रात मनाई गई। इस दौरान बड़ा बाजार में कई जगह पर छबील लगाई गई व लोगों को दूध, खीर, ठंडा पानी, शर्बत, चाय, काफी, नुक्ती आदि का तबरुक तकसीम किया गया।
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