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संकट में किसान,खेतों में नहीं पहुंच रहे प्रशासन के नुमाइंदे

locationझालावाड़Published: Mar 29, 2020 07:36:16 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

– जिले में संतरा, धनिया में 90 फीसदी नुकसान- ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान- जिला कलक्टर ने दिए सर्वे के निर्देश

Farmers in crisis, administration not reaching the fields

संकट में किसान,खेतों में नहीं पहुंच रहे प्रशासन के नुमाइंदे

झालावाड.जिले में गुरुवार रात को बेमौसम बारिश हुई। इससे जिले के किसानों की खेतों में पड़ी रबी की गेहूंए सरसोएधनियाए अलसी आदि की फसलें भीगकर खराब हो गई। तो ओलावृष्टि फसलों के लिए आफ बनकर बरसी। इससे किसानों के खेतों में अनाज वहीं रह गया। लेकिन अभी तक प्रसाशन का एक भी नुमाइंदा खेतों में नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसानों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है कि कोरोना के चलते मजदूर नहीं मिल रहे हैंए वहीं बीमा कंपनी व कृषि विभाग के कोई भी अधिकारी खेतों में नहीं पहुंचे हैं। किसान मनोहरलाल दांगी ने बताया कि केसीसी के समय ही उनकी फसल का बीमा तो काट लिया जाता है, लेकिन उन्हें जरुरत पढऩे पर इसक फायदा नहीं मिल पाता है।
जिस समय बारिश उस समय घरों में सौ रहे थे ]

इन दिनों किसानों के खेतों में फसले कटाई के बाद खलियानों में या खेतों में फेल रही है तो कुछ को की अभी काटना बाकी है। ऐसे में गुरुवार रात को आई जोरदार बारिश से पूरी फसले खराब हो गई है। किसान रमेश चन्द ने बताया कि शनिवार को गेहूं के पुलों को अलग.अलग कर धूप लगा रहे हैं। इससे धूप व हवा लगने से जल्दी सूख जाएंगेए अभी मौसम रोज खराब हो रहा हैए कोई भरोसा नहीं कब फिर से बारिश आ जाए। किसान से पूछा की सर्वे के लिए कोई नहीं आया क्या तो किसान बोलाए कांई करां साहब सोयाबीन पहलां ही खराब होग्यीए अब रबी की फसलां मेें भी गडा पढ़ ग्याए सरकार कांई मदद करें तो कसांणा का भलो नी तो कसांण तो म्यार्याई ज्यार्या है। बीमा कंपनीया भी कांई भलो कोणी करें।

पॉलीहाउस में पहुंचा नुकसान.
जिले में कई किसानों ने पॉलीहाउस लगा रखे हैंए इनमें से कई को अंधड़ से नुकसान हुआ है। किसान ओमप्रकाश पाटीदार ने बताया कि उनके काला खांखरा गांव में 2 पॉलीहाउस व 2 नेट शेड है जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है। डेयरी के टीन शेड भी उड़ गए है। कोरोना की वजह से साधन भी कहीं नहीं भेज पा रहे हैंए ऐसे में खीरा ककड़ी भी खराब हो रहे हैं।ऐसे में प्रकृति ने संरक्षित खेती को ऐसा नुकसान पहुंचाया है कि किसान खून के आंसू रो रहा है।
किसानों का शोषण बंद होना चाहिए.
कृषि विशेषज्ञ दीपक कुमार गुर्जर का कहना है कि फसल बीमा के नाम पर बीमा कंपनियां विशेष तौर पर निजी क्षेत्र बीमा कंपनियां किसानों का शोषण करती है। किसानों के खाते से केसीसी के समय ही राशि काट ली जाती है। ऐसे में यहां लेकिन सवाल ये है कि फल बीमा योजना सफल होए इसके लिए एक अच्छा विकल्प यह है कि सरकार की आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर ट्रस्ट मॉडल के आधार पर फसल बीमा किया जाए।वैसे भी केन्द्र व राज्य सरकार अपने बजट में फसल बीमा के लिए प्रावधान करती हैए जिससे किसान के नुकसान की भरपाई हो सके।यदि दोनों सरकारें इसतरह के प्रावधान करें तो बीमा कंपनियों द्वारा किसानों का शोषण भी रूकेगा। बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के नुकसान की उचित भरपाई होगी तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लोकप्रियता भी बढ़ेगी।
किसानों के धनिया में 90 फीसदी हुआ नुकसान

झालावाड़. जिले में हुई जोरदार बारिश से कई किसानों के भारी नुकसान हुआ है। जिले में ओलावृष्टि से धनिया व संतरे में खासा नुकसान हुआ है। ऐसे में जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देश पर कृषि विभाग के पदाधिकारी पहुंचे। किसानों ने बताया कि बीमा कंपनी वाले अभी खेतों में नहीं पहुंचे है। गोरधन पुरा निवासी किसान रोशनसिंह ने बताया कि उसके खेत में 12 बीघा का धनिया था, लेकिन वह ओलावृष्टि में पूरी तरह से झड़ गया है। रविवार को किसान के खेत में पहुंचे कृषि पर्यवेक्षक लेखराज वर्मा ने धनिया देखकर माना कि किसान के खेत में वाकई में 90 फीसदी नुकसान हुआ है। धनिया सारा ओले की वजह से खीर चुका है। इसकी रिपोर्ट बनाकर बीमा कंपनी को भेजेंगे,उसके बाद ही किसान के मुआवजे की कार्रवाई होगी। किसान रंगलाल ने बताया कि हमारे गांव धानोदा में भी गेहूं, धनिया में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक कोई सर्वे करने नहीं आए है।
शीघ्र करें सर्वे-
जिले में अतिवृष्टि से हुए खराबे के लिए राजस्व व कृषि विभाग को सर्वे के निर्देश दिए गए है। मकानों में हुए नुकसान का आंकलन करवाया जाएगा।
सिद्धार्थ सिहाग, जिला कलक्टर झालावाड़।
रिपोर्ट-हरिसिंह गुर्जर,झालावाड़

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