बिल का बजट नही मिलने से गागरोन में नही जलती फ्लड लाईटें
झालावाड़Published: Aug 10, 2019 07:58:08 pm
-साढ़े 14 लाख की लाईटें बनी मात्र शोपीस
-एक भी सफाई कर्मचारी नहीं
बिल का बजट नही मिलने से गागरोन में नही जलती फ्लड लाईटें
बिल का बजट नही मिलने से गागरोन में नही जलती फ्लड लाईटें
-साढ़े 14 लाख की लाईटें बनी मात्र शोपीस
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. विश्व धरोहर में शामिल जलदुर्ग गागरोन को रात्री में भी रोशनी से जगमग करने के लिए किले में लाखों रुपए खर्च कर 81 फ्लड लाईटे लगाई गई, लेकिन इनको चालू करने पर भारी भरकम बिजली का बिल विभाग में आने पर वर्तमान में इसे जलाया नही जा रहा है। क्योकि संग्रहालय व पुरातत्व विभाग की ओर से गत मई माह में इसे एक सप्ताह में दो बार जलाने पर 21 हजार रुपए का बिजली का बिल आ गया। इस प्रकार अगर 11 हजार रुपए प्रतिदिन का बिल आएगा तो प्रत्येक माह करीब 3.30 लाख रुपए विभाग को जमा कराने होगे। इसलिए फिलहाल इसका उपयोग बंद कर दिया गया है। इसी प्रकार किले में साफ सफाई के लिए विभाग की ओर से एक भी स्थाई सफाई कर्मचारी नियुक्त नही है इससे किले में उचित व समय पर सफाई नही हो पाती है।
-दूर से देखने को मिल जाती है रोशनी
विश्व धरोहर में शामिल जल दुर्ग गागरोन को रात्री में दूर से जगमग होते देखने व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किले की सामने वाली मुख्य दीवार पर 81 फ्लड लाईटे लगाई गई। इसमें एक की करीब 18 हजार रुपए कीमत होती है इस प्रकार करीब 14 लाख 58 हजार रुपए की लागत की फ्लड लाईटे उपयोग नहीं होने से मात्र शोपीस बनी हुई है।
-किले में है रोशनी का प्रबंध
संग्रहालय एवं पुरातत्व विभाग की ओर से पूरे किला परिसर में 62 सोलर लाईटे लाग दी गई है इससे किले में अंधेरा नही होता। हालाकि विभाग वालों का कहना है कि विभाग के पास इन लाईटों के लिए इलेक्ट्रीशन भी नही है, अगर लाईटे में कुछ खराबी आती है तो उसे ठीक करवाना भी मुश्किल हो जाएगा।
-एक भी सफाई कर्मचारी नहीं
जल दुर्ग गागरोन में एक भी सफाई कर्मचारी नियुक्त नही है इससे किले में सफाई व गंदगी के ढेर लगे है। कचरा पात्र भरे पड़े है। जनसुविधा की भी समय पर सफाई नहीं हो पाती है। वहीं किले के अंदर आवारा पशु भी बेखौफ विचरण करते है। संग्रहालय एवं पुरात्तव विभाग की ओर से किले के परिसर में वैसे तो कई जगह करीब दो दर्जन कचरा पात्र लगा रखे है। लेकिन सफाई कर्मचारी के अभाव में सभी कचरा पात्र ऊपर तक कचरा व गंदगी से भर कर अटे पड़े है। कई जगह लोगों ने कचरा पात्र में जगह नही होने से उसके आसपास ही कचरा डाल रखा है। किले में स्थित जनसुविधाओं का भी बुरा हाल हो रहा है। किले में बेखौफ विचरण करने वाले आवारा पशु भी गंदगी फैला देते है। किले में घुमने आने वाले लोग व परिवार साथ में खाना आदि लेकर आते है व यहां खाने के बाद कचरा व गंदगी कचरा पात्र भरा होने से इधर उधर फैक देते है जिससे किले का वातावरण प्रदूषित होता है। किला परिसर में कई जगह कचरे व गंदगी के ढेर लगे है। हालाकि विभाग वालों का कहना है कि किले में सफाई के लिए वेकल्पिक व्यवस्था के तौर पर झालावाड़ कार्यालय में नियुक्त सफाई कर्मचारी को सप्ताह में एक बार भेज कर सफाई करवाने का प्रयास किया जाता है। किले में घुमने आने वालों का कहना है कि जब किले में प्रवेश का शुल्क लिया जाता है तो सुविधाएं भी पूरी होना चाहिए। बाहर से आने वाले पर्यटकों के मन में इससे किले की अच्छ़ी छवि नही बन पाती है।
-बिल ज्यादा आने से नही जलाते है
इस सम्बंध में राजकीय संग्रहालय एवं पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर महेंद्र कुमार का कहना है कि गागरोन में फ्लड़ लाईट नियमित नही जला सकते क्योकि इसका बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता है इतना बजट भी नही मिल पाता इसलिए कभी विशेष अवसर पर इसे जलाने का प्रयास किया जाता है। गागरोन किले में फिलहाल कोई भी सफाई कर्मचारी नियुक्त नही है। इसके लिए विभाग को डिमांड भेज रखी है। फिलहाल सप्ताह में एक बार किले की सफाई करवा दी जाती है।