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गेहूं के कट्टे में रुपए-जेवर रख भूली और फिर बेच दिए गेहूं…फिर ये हुआ

locationझालावाड़Published: Dec 02, 2020 10:05:55 pm

Submitted by:

Abhishek ojha

चोरों से बचाने के लिए रखे थे कट्टों में

गेहूं के कट्टे में रुपए-जेवर रख भूली और फिर बेच दिए गेहूं...फिर ये हुआ

गेहूं के कट्टे में रुपए-जेवर रख भूली और फिर बेच दिए गेहूं…फिर ये हुआ

पनवाड़. अगर पैसा, आभूषण खून पसीने की कमाई का हो और वह गुम हो जाए तो कोसों दूर जाकर भी लौट कर वापस आता है। यह वाक्य अक्सर गांवों-कस्बों में लोगों के मुंह से कहते हुए सुना होगा। ऐसा ही कुछ दहीखेड़ा निवासी एक महिला के साथ हुआ है। दरअसल मंगलवार रात से ही सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा था। जब बुधवार को इसका सच जाना तो एक अलग घटना निकलकर सामने आई। हुआ यंू कि दहीखेड़ा निवासी चमेली बाई (35) पत्नी जगदीश बागरी ने लोगों के खेतों-खलियानों में मेहनत मजदूरी कर कुछ रुपए, गहने जोड़कर चोरों से बचाने के लिए महिला ने घर पर रखे गेहूं के कट्टों में छिपा दिए और भूल गई। इसके कुछ दिनों बाद गेहूं के कट्टों को दहीखेड़ा में ही गल्ला व्यापारी जाहिद अंसारी को बेच दिए। गल्ला व्यापारी ने भी अगले दिन खानपुर कृषि उपज मण्डी में जिंस बेच दी। वहां से गेहूं बांरा मण्डी में पहुंच गए। एक सप्ताह बाद महिला को रुपए की एक साथ याद आई तो महिला के पैरों से जमीन खिसक गई। महिला दौड़ती हुई दहीखेड़ा के गल्ला व्यापारी के पास पहुंच कर घटना की जानकारी दी। गल्ला व्यापारी ने भी इसकी सूचना खानपुर मण्डी एवं वहां से भी बारां मण्डी व्यापारी को सूचना दी गई। वहां गेहूं की बोरियां खाली करते समय नकद रुपए, गहने गेहूं के ढेर मे मिले। मंगलवार देर रात खानपुर कृषि उपज मंडी में महिला को बुलाकर सौंपे गए। दहीखेड़ा निवासी महिला चमेली बाई बागरी ने बताया कि एक हार, आधा किलो चांदी के पायजेब, बिछिया व नकद रुपए की पोटली बांधकर गेहूं के कट्टों में रख दी थी। महिला ने नकदी व आभूषण पाकर लोगों का आभार व्यक्त किया।
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