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घर की छत पर न्यूट्रीगार्डन में उगाएं सब्जियां, लॉकडाउन में लें स्वास्थ्य लाभ

locationझालावाड़Published: May 20, 2020 05:03:07 pm

Submitted by:

arun tripathi

कृषि वैज्ञानिक कोरोना काल में सब्जी की परेशानी से निजात दिलाने के लिए बता रहे टिप्स

घर की छत पर न्यूट्रीगार्डन में उगाएं सब्जियां, लॉकडाउन में लें स्वास्थ्य लाभ

कृषि वैज्ञानिक कोरोना काल में सब्जी की परेशानी से निजात दिलाने के लिए बता रहे टिप्स

झालावाड़. कोरोना लॉकडाउन के चलते लोगों को ताजी सब्जियां नहीं मिल पा रही है, मिल भी रही है तो लोग संक्रमण के डर से नहीं ले रहे हैं। वहीं जो लोग मंडियों में जा भी रहे हैं तो सोशल डिस्टेंस का ध्यान नहीं रख रहे हैं। ऐसे में लोगों के सामने ताजा सब्जियों की परेशानी खड़ी हो गई है। सब्जियों की परेशानी को लेकर कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक अरविन्द नागर ने बताया कि न्यूट्रीगार्डन, गृहवाटिका से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। जिन गृहणियों के घर में न्यूट्रीगार्डन है उनको आज के दौर में ताजी व स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां प्राप्त हो रही हैं। इससे बाजार में सब्जी खरीदने नहीं जाना पड़ता है एवं सोशल डिस्टेंन्सिग की झंझट भी नहीं है। परन्तु जिन के घर पर गृहवाटिका नहीं है उन्हें वर्तमान में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में उपलब्ध सब्जियां व फल आमतौर पर ताजे नहीं होते तथा महंगे भी होते हैं। न्यूट्रीगार्डन के फायदे यह है कि मौजूद रोगाणुओं व हानिकारक रसायनों की मात्रा के कारण वे स्वास्थ्यकर भी नहीं होते है।
-ऐसे लगाएं वाटिका
नागर ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार संतुलित भोजन के लिए एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 85 ग्राम फल और लगभग 300 ग्राम सब्जियां, 100 ग्राम पत्तीवाली, 100 ग्राम जड़ वाली तथा 100 ग्राम अन्य सब्जियां खानी चाहिए। पांच सदस्यों वाले परिवार के लिए प्रतिदिन 300 ग्राम के हिसाब से 1.50 किग्रा सब्जी की आवश्यकता पड़ेगी। पूरे परिवार के लिए वर्ष में लगभग 525.550 किग्रा सब्जी की आवश्यकता होगी। एक 5-6 सदस्य वाले परिवार की सब्जियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए 250 वर्गमीटर का क्षेत्र पर्याप्त हैै। इसमें 3 गुणा 5 वर्गमीटर की 7.8 क्यारियां सुविधानुसार बनाकर मनपसन्द सब्जियां लगाएं ताकि प्रत्येक क्यारी से पूरे वर्षभर कुछ ना कुछ सब्जियां मिलती रहे। शहरों में भूमि के अभाव में यह कार्य घर की छतों पर किया जा सकता है। मेड़ पर जड़ वाली तथा पत्ती वाली सब्जियां लगाई जा सकती है। पोषण वाटिका का मकसद रसोईघर से निकलने वाले पानी का प्रयोग पोषण वाटिका की क्यारियों की सिंचाई व घर का कूड़ा-करकट, सब्जी व फलों के अवशेष,भूसा, कागज की रद्दी आदि पदार्थ का प्रयोग कम्पोस्ट खाद बनाकर पोषण वाटिका में लगायी गई सब्जियों की पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करना है। गृहवाटिका से परिवार को तरोताजा विषमुक्त साग सब्जियां, फल एवं फूल प्राप्त होते हैं साथ ही बागिया में शारीरिक श्रम करने से व्यायाम भी होता है। जिससे परिवार के सदस्य हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित रहते है एवं मेहनत से परिवार का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और घर के आस-पास का पर्यावरण भी हरा-भरा एवं सौहार्दपूर्ण बना रहेगा।
-पौष्टिकता की दृष्टि से जानकारी
पौष्टिकता की दृष्टि से थोड़ी सी जानकारी व मेहनत से मौसमी सब्जियों को हम अपने घर-आंगन एवं छतों पर आसानी से उगा सकते हैं। जिनके पास पर्याप्त जगह नहीं है वे सब्जियों को गमलों, बेकार खाली डिब्बों, घर की छतों पर उगा सकते हैं। सब्जियां मुख्यत विटामिन, खनिज लवण, ग्लूकोसिनोलेटस, फिनाल, खाद्य तन्तु, एन्टीऑक्सीडेन्ट और केरोटिन्वायड्स की अच्छी स्रोत मानी जाती हैं जिनके नित्य सेवन से मानव स्वास्थ्य में पोषण की समस्या का समाधान किया जा सकता है। सब्जियां पोषण सुरक्षा में सोने की खान कही जा सकती हैं।
अब तक 2008 जनों का हुआ सर्वे और स्क्रनिंग
झालरापाटन. नगर के कोरोना मुक्त होने के बावजूद जिला व पुलिस प्रशासन की सख्ती मेें कोई कमी नहीं आई है। जीरो मोबिलिटी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों में से कुछ लोगों के घर से बाहर निकलकर बाजार में घूमने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस क्षेत्र में सख्ती और बढ़ा दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस आमजन की सुरक्षा को लेकर दिन रात मेहनत कर रही है। कोरोना को लेकर अब आमजन भी जागरूक होने लगे हैं। वार्ड 10, 11 व 16 के लोगों ने स्वैच्छा से नगरपालिका परिसर मेें चिकित्सा विभाग की ओर से लगाए शिविर मेें जांच कराई। राजकीय सेटेलाईट चिकित्सालय प्रभारी डॉ. एचपी लखवाल ने बताया कि चिकित्सा विभाग के दल नेे 603 घरों पर जाकर 2008 जनों का सर्वे व स्क्रीनिंग की।
सुनेल. कस्बे की सीएचसी में मंगलवार को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर जिले से आई स्वास्थ्य टीम ने 60 लोगों के सैम्पल लिए। रेड जोन, हॉट स्पॉट जिलों, अन्य राज्यों के साथ सर्दी, जुकाम, खासी आदि के लक्षण के लोगों सैम्पल लिए। चिकित्साधिकारी डॉ. बालमुकुंद वर्मा ने बताया कि सुनेल सहित सामरिया, सामिया, पिड़ावा के निवासियों के टीम में डाक्टर रामभरत मीणा, तूफान सिंह नागर, बृजेश सोनी और सुरेश कच्छावा आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।

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