scriptद्वारिकाधीश के दर पर होली से पहले होली | Holi before the Holi at the rate of Dwarkadhishak | Patrika News

द्वारिकाधीश के दर पर होली से पहले होली

locationझालावाड़Published: Mar 16, 2019 11:18:05 am

Submitted by:

jagdish paraliya

राजभोग में फागोत्सव के साथ भक्ति जागृति महोत्सव का आगाज : श्रद्धालुओं ने फूलों व गुलाल बरसाई

Holi before the Holi at the rate of Dwarkadhishak

द्वारिकाधीश के दर पर होली से पहले होली

झालरापाटन. गुजरात के बड़ौदा से आए गंधर्व मितेश भाई के फाग रसिया व राग हवेली में पुष्टिमार्गीय पथ का संगीतमय राग, द्वारिका के राजवैभव जैसे दृश्य, दीवाना राधे का…, गिरधारी म्हारे घरा पधारो गिरधारी…, म्हारा सलोना सांवरिया…, दासी तुम्हारी दासी… जैसे भजनों की रसधार, मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करते श्रद्धालु, आस्था, श्रद्धा, भक्ति और संतों के प्रति समर्पण इस माहोल के बीच राजभोग में फागोत्सव के साथ तीन दिवसीय भक्ति जागृति महोत्सव शुरू हुआ।
द्वारिकधीश मंदिर में शुक्रवार सुबह १०:३० बजे आयोजित राजभोग में फागोत्सव कार्यक्रम में गुजरात बड़ौदा के श्रीमद बल्लभाचार्य षष्ठपीठाधीश्वर द्वारकेशलाल महाराज के भगवान द्वारिकाधीश व बाल स्वरूप नवनीत प्रियाजी के सम्मुख राजभोग आरोगने के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ। षष्ठपीठाधीश्वर व उनके पुत्र शरणमï कुमार ने बसंत के प्रतीक गुलाब का भगवान को रंग न्योछावर करने के साथ भी फागणियां में होली खेले रे सरसबिहारी, रंग मत डालो रे सांवरिया, आयो फागणियां के आजा होली खेला रे जैसे मन मोहक गीतों के बीच उन्होंने उपस्थिति श्रद्धालुओं पर होली के पुष्प व गुलाल बरसाई। महाआरती करने के साथ ही मनोरथ का समापन हुआ।
फूल बंगला मनोरथ में उमड़े श्रद्धालु
मंदिर के कंवरा चौक में बनाए पेड़-पत्तों व विभिन्न प्रकार के फूलों के बंगले में द्वारिकाधीश व बाल स्वरूप नवनीत प्रियाजी की प्रतिमा को विराजमान कर छाक मनोरथ का शृंगार किया। शहनाई वादन, शंखनाद के साथ शुरू हुए मनोरथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान ५६ भोग भी सजाया गया।
परहित का रखो विचार
द्वारिकाधीश परिसर में आयोजित बाल युवा और महिला संस्कार शिविर में षष्ठपीठाधीश्वर ने कहा कि दान व तप से आत्मशुद्धि की जा सकती है। हमेशा सत्य व अङ्क्षहसा की राह पर चलकर धर्म को आगे बढ़ाना है। हमेशा दूसरों के हित के लिए कार्य करें। आज की पीढ़ी हमारी संस्कृति से विमुख होकर पाश्चात्य संस्कृति की और दौड़ रही है, इससे परिवारों में संस्कारों में कमी नजर आने लगी है, जो हमारे भविष्य के लिए चिंता जनक है। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो धर्म की राह से कभी भटकना नहीं है। महिलाएं भी बड़ों का आदर सम्मान करना सीखें, इससे बच्चों पर अच्छे संस्कार की छाप बनी रहे। बच्चों ने जिज्ञासा के साथ कई प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने समाधान किया।
शरणमं कुमार ने बच्चों को भगवान कृष्ण की भक्ति का महत्व व संस्कार को अनमोल बताया। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष उदयभान सिंह, हेमंत शर्मा, राजेन्द्र शास्त्री ने भी विचार व्यक्त किए। इसमें कस्बे के सभी प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
आज के कार्यक्रम
भक्ति जागृति महोत्सव के तहत शनिवार सुबह ८ बजे गोमती सागर तालाब के तट पर वॉकिंग टै्रक पर द्वारिकाधीश पुष्टि भक्ति सत्संग समिति के तत्वावधान में पौधरोपण कार्यक्रम व षष्ठपीठाधीश्वर के पर्यावरण पर वचनामृत होंगे। इस दौरान समिति के गोद लिए नीमवन में श्रद्धालु सघन पौधरोपण करेंगे।
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