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कैसे राह आसान हो, कहीं वन विभाग का रोड़ा तो कहीं सालों से अटका हुआ काम

झालावाड़. जिले में बरसात के दौरान राह आसान करने के लिए कई जगह हाईलेवल पुलियाओं की मंजूरी मिल चुकी है। कहीं काम भी शुरू हुआ तो कहीं वन विभाग ने रोड़ा अटका दिया। बारिश के समय सबसे ज्यादा परेशानी आहू व कालीसिंध नदी में बाढ़ आने के बाद होती है। कई गांवों का संपर्क कट जाता […]

झालावाड़Dec 08, 2024 / 11:58 am

harisingh gurjar

झालावाड़. जिले में बरसात के दौरान राह आसान करने के लिए कई जगह हाईलेवल पुलियाओं की मंजूरी मिल चुकी है। कहीं काम भी शुरू हुआ तो कहीं वन विभाग ने रोड़ा अटका दिया।

बारिश के समय सबसे ज्यादा परेशानी आहू व कालीसिंध नदी में बाढ़ आने के बाद होती है। कई गांवों का संपर्क कट जाता है। जिले में इन दिनों कालीसिंध नदी पर गागरोन दुर्ग के नीचे व उजाड़ नदी पर भीमसागर के निकट हाई लेवल ब्रिज बन रहे हैं। वहीं आहू व क्यासरी नदी पर आवर में पुल का काम पांच साल से अधूरा ही पड़ा हुआ है। तो चंबल नदी का पुल बहने के बाद उस पर अभी कोई काम शुरू नहीं हो पाया है।
नहीं रुकेगा रास्ता

गागरोन दुर्ग के निकट कालीसिंध नदी पर 68 करोड़ रुपए की लागत से हाई लेवल ब्रिज बनाया जा रहा है। जिसमें 34 करोड़ से ब्रिज व 34 करोड़ से रोड व अन्य छोटी-मोटी पुलिया संबंधी काम होंगे। इसकी ऊंचाई करीब 20 मीटर होगी। इसमें 13 पिल्लर होंगे। इसकी ऊंचाई हाई लड लेवल से भी करीब साढ़े चार मीटर ऊपर रखी गई है। ऐसे में इस पुल का काम 15जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
एक दर्जन गांवों को लाभ

झालावाड़ जिला मुयालय से गागरोन की ओर स्थित मुकंदरा क्षेत्र में करीब एक दर्जन गांव स्थित है। कालीसिंध नदी में उफान आने पर एक दर्जन गांवों का सपर्क जिला मुयालय से कट जाता है। इस दौरान ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर तैर कर, नाव से या ट्यूब के सहारे नदी पार करते है। पुल का निर्माण होने से ग्रामीणों को बहुत राहत मिलेगी। वहीं मुकंदरा पर्वतमाला का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को बरबस आकर्षित कर देता है। बारिश के मौसम में पर्यटक विश्व धरोहर को निहार सकेगें।
आहू नदी के लिए नहीं मिली अंतिम स्वीकृति

कालीसिंध नदी के साथ ही आहू नदी पर भी हाईलेवल पुलिस का निर्माण होना था। लेकिन वन विभाग द्वारा फाइनल स्वीकृति नहीं दी गई है। हालांकि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने प्रथम चरण की अनुमति के लिए 23 लाख रुपए वन विभाग में जमा करवा दिए है, अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद ही आहू नदी पर हाई लेवल पुल का निर्माण हो सकेगा। इस पुलिया की कुल लागत करीब 22 करोड़ रुपए है। इसकी ऊंचाई भी करीब 20 मीटर होगी। जिसमें दोनों तरफ 200-200 मीटर एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा।
5 साल से अधर में आवर पुलिया

जिले के आवर कस्बे में क्यासरी व आहू नदी पर हाईलेवल ब्रिज का निर्माण करवाया जा रहा है, यहां पोल तो खड़े कर दिए गए है। लेकिन अभी तक इसके आगे का काम नहीं होने से क्षेत्रवासियों को बारिश में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।दो दर्जन गांवों का संपर्क कस्बे से कट जाता है। 27 करोड़ रुपए लागत से बन रही इस पुलिया का काम समय पर पूरा हो तो क्षेत्रवासियों को बारिश में राहत मिलेगी। किसान संघ के जिलामंत्री रामगोपाल व्यास ने बताया कि कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन इसका निर्माण नहीं हो रहा है। पांच से पुलिया का काम अधूरा ही पड़ हुआ है।
एमपी से भी कटा हुआ है सीधा संपर्क

जिले के चौमहला क्षेत्र में मंदसौर मार्ग पर कुंडला के समीप चबल नदी पर बना हाई लेवल पुल भारी बारिश के कारण 2019 मेंआए उफान में बह गया था। इस पुल के टूट जाने से इस मार्ग पर आवागमन ठप हो गया। जब से ये मार्ग बंद ही है। इससे चौमहला, डग,उन्हेल से मन्दसौर,नीमच सहित उदयपुर, अहमदाबाद जाने के लिए कम दूरी का मार्ग था। अब स्थानीय निवासियों को सुवासरा होकर मन्दसौर जाना पड रहा है जो लबी दूरी का मार्ग है।
उजाड़ नदी पर 15 करोड़ से बन रहा हाईलेवल पुल

भीमसागर कस्बे में उजाड़ नदी की रपट पर अब हाई लेवल पुल का निर्माण करीब 15 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है। इस पुलिया का निर्माण होने बारिश के दिनों में ग्रामीणों को संपर्क कटने का खतरा नहीं रहेगा। इस पुलिया का लाभ सारोला समेत 65 गांवो के ग्रामीणों को मिलेगा। फिलहाल यहां पोल बनाए जा रहे हैं। ये काम बारिश से पूर्व हो जाएं तो इसका समय पर फायदा ग्रामीणों को मिल सकेगा। हालांकि पुलिस में तकनीकी फाल्ट आ रहा है। यहां लेवल नीचे आने से इसकी ऊंचाई बढ़ाई जाएगी। ऐसे में इसकी कास्ट बढऩा तय है।
आहू नदी की अभी वन विभाग ने फाइनल स्वीकृति नहीं मिली है, अब फिर से टेंडर किए जाएंगे। वहीं कालीङ्क्षसध नदी व उजाद नदी पर भीमसागर में काम चल रहा है। 30 जून तक दोनों पुल का काम पूर्ण करने का लक्ष्य है। चंबल नदी के पुल के टेंडर हो गए है।
हुकमचन्द मीणा, अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग

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