scriptपैथोलॉजी लैब का पंजीयन नहीं कराया तो भरना होगा 5 लाख रुपए जुर्माना | If the Pathology Lab is not registered then filling up will be 5 lakh | Patrika News

पैथोलॉजी लैब का पंजीयन नहीं कराया तो भरना होगा 5 लाख रुपए जुर्माना

locationझालावाड़Published: Jul 29, 2019 04:06:56 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

-जिले में चल रही 85 लेब बिना पंजीयन के -नियमों की पालना नहीं करने पर विभाग करेगा सख्ती

Lab Technician

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झालावाड़.जिलेभर में संचालित पैथोलोजी लेब को अब क्लिनीकल एस्टेब्लिस्मेंट एक्ट के तहत पंजीयन कराना होगा। इसको लेकर चिकित्सा विभाग के निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. वीके माथुर ने आदेश जारी कर दिए है। जिसके तहत पैथोलोजी लेब संचालकों को अब क्लिनीकल एस्टेब्लिस्टमेंट एक्ट ( रजिस्टे्रशन एवं रेग्युलेशन) नियम 2013 एवं केन्द्र सरकार के नियम 2018 के तहत 31 अगस्त तक सीएमएचओ कार्यालय में पंजीयन कराने के सख्त निर्देश दिए गए है। यही नहीं निर्धारित तिथि तक लेब का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर नियमानुसार जुर्माना भी वसूला जाएगा। अभी जिले में करीब 85 लेब बिना पंजीयन के ही अवैध रुप से संचालित हो रही है। अब सभी लेब संचालकों को नियत तिथि तक पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
मनमानी फीस पर अंकुश लगाना है उद्देश्य-
राज्य सरकार की ओर से मनमानी फीस वसूली पर प्रभावी अंकुश लगाने व आमजन को बेहतर जांच सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्यों से जारी किए गए रजिस्ट्रेशन अनिवार्यता प्रावधानों के तहत पैथोलोजी लेबों को पहले प्रोविजनल और बाद में स्थायी पंजीकरणा कराना होगा। दोनों ही पंजीयन सीएमएचओ कार्यालय में किए जाएंगे। इसी कड़ी में केन्द्र सरकार के मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भी प्रदेश की सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों को निर्धारित मापदंडों के अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेन पॉवर, उपकरण, प्रशिक्षित स्टाफ व जांच के लिए इस्तेमाल अभिकर्मक की अनिवार्यता के निर्देश दिए है। गाइडलाइन के अनुसार लेब को बेसिक मीडियम और एडवांस्ट तीन श्रेणियों में बांटा गया है और उसी के अनुसार स्टैंडर्ड बनाए गए है।
जिले में एक भी लेब नहीं है पंजीकृत-
क्लिनीकल एस्टेब्लिस्टमेंट एक्ट (रजिस्टे्रशन एवं रेग्युलेशन) नियम2013 को प्रदेश भर में लागू करने को लेकर योजना बनाई जा रही थी। इससे पहले यह एक्ट प्रदेश में लागू नहीं होने के कारण निजी लेब पर स्वास्थ्य विभाग किसी तरह से शिकंजा नहीं कस पा रहा था। झालावाड़ जिले में 85 लेब है लेकिन अभी तक एक भी लेब पंजीकृत नहीं होने से लेब संचालक मनमानी रेट वसूल रहे थे। अब इनका पंजीयन होने से मरीजों को जांच में सहुलियत भी हो सकेगी। मनमानी रेट पर भी लगाम लगेगी।
ऑनलाइन करना होगा आवेदन-
क्लीनिकल एस्टेब्लिस्मेंट एक्ट के तहत पंजीकरण करवाने वाले संस्थानों को ऑनलाइन आवेदन ‘क्लीनिकल एस्टेब्लिस्मेंट जीओवी डॉट इनÓ पर करना होगा। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन की हार्ड कॉपी व निर्धारित शुल्क डीडी के माध्यम से सीएमएचओ कार्यालय में जमा करवानी होगी।
रजिस्टे्रशन नहीं कराने पर लगेगा जुर्माना-
एक्ट के तहत निर्धारित समय सीमा तक पंजीकरण नहीं कराने पर जुर्माना वसूला जाएगा। उच्चाधिकारियों ने बताया की निर्धारित तिथि पंजीयन नहीं कराने पर अधिकतम 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं एक्ट के तहत लेब के स्टाफ कर्मियों को लेकर तय किए गए नियमों पर खरे नहीं उतरने वाले संस्थानों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। पंजीकरण नहीं करवाने वाले संस्थानों के खिलाफ नियमानुसार जुर्माना वसूला जाएगा।

लगानी होगी रेट लिस्ट-
एक्ट के तहत सभी लेब संचालकों को अब लेब के अंदर रेट लिस्ट चस्पा करनी होगी। लेब का पंजीयन किसके नाम है, संचालक योग्यता आदि की जानकारी भी लिस्ट के साथ बोर्ड पर लगानी होगी। जिलेभर में सभी संचालक द्वारा जिलेभर में की जा रही करीब 40 जांचों की एक ही रेट वसूली जाएगी।
सख्ती करेंगे-
पंजीयन प्रक्रिया शुरु कर दी है, 31 अगस्त तक सभी संचालकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। लेब संचालकों को ट्रेंड स्टाफ रखना होगा, लेब का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा, एक्ट के तहत ही संचालन करना होगा। अभी जिले में एक भी लेब पंजीकृत नहीं है। नियमानुसार संचालन नहीं किए जाने वालों के खिलाफ जुर्मानाकर सख्ती करेंगे।
डॉ. साजिद खान, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, झालावाड़।
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