किसानों के लिए मुसीबत बनी सिंचाई विभाग की लापरवाही
झालावाड़Published: Feb 19, 2020 03:44:18 pm
-नहर का काम फिर बंद, पानी के लिए करना होगा इंतजार
-नहर का काम फिर बंद, पानी के लिए करना होगा इंतजार
पिड़ावा. पिड़ावा-रायपुर क्षेत्र के लिए वरदान मानी जा रही आहू चंवली लिंक केनाल योजना पूरी होने के नाम ही नहीं ले रही है। कभी समय पर मुआवजा नहीं से तो कभी बारिश में नहर क्षतिग्रस्त होने से काम अधूरा ही पड़ा था। जैसे-तैसे कार्य शुरू हुआ तो अब ब्लॉस्टिंग के चलते फिर से रूक गया। ऐसे में इस क्षेत्र के ग्रामीणों को नहरी पानी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार इस कार्य की स्वीकृति गत भाजपा सरकार में हुई थी। कार्य का शिलान्यास 16 मई 2018 को तात्कालिक मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व सांसद दुष्यंत सिंह की अध्यक्षता में किया गया था।
-ये होना है कार्य
कनिष्ठ अभियंता पीयूष सोनी ने बताया कि आहू चंवली लिंक नहर परियोजना में चंवली बांध को भरने के लिए आहू बांध का ओवरफ्लो पानी डालने के लिए लगभग 5.2 किलोमीटर लंबी केनाल बनाई जा रही है। जिसमें मुआवजे सहित 1498 लाख रुपए का बजट जारी किया गया था। वहीं प्रभावित किसानों को गांवों की डीएलसी दरों के हिसाब से लगभग 4 करोड़ का मुआवजा भी दिया जा चुका है। नहर की चौड़ाई 40.60 मीटर और गहराई 3 से लेकर साढ़े 10 मीटर तक है। इसके तहत चार गांवों के किसानों को रास्ते के लिए राजस्व रेकार्ड के रास्तों के अनुसार आठ पुलियाओं का निर्माण होना है। जून 2018 में कार्य प्रारंभ किया गया तथा एक वर्ष की समयावधि के अनुसार जून 2019 में पूरा होना था। गागरीन बांध केनाल सारंगाखेड़ा के पास तक चंवली नदी से जोड़ा जाना है। जिसमें 15 एमसीएम पानी चंवली बांध में डाले जाने की योजना है। इसमें से 2 एमसीएम पानी पेयजल व 13 एमसीएम पानी सिंचाई के लिए रिजर्व रखा जाना है। जिससे क्षेत्र से जुड़े किसानों को सिंचाई व पेयजल संकट से निजात मिल सके।
-कई किसान प्रभावित
इस योजना में चार गांव नौलाई, रूपाखेड़ी, हनोतिया कोटड़ी व सारंगा खेड़ा के किसानों की जमीन प्रभावित हुई है। इन गांवों के सौ से डेढ़ सौ किसानों की 100 बीघा भूमि अधिग्रहित की गई जिनकों गांवों की डीएलसी दर से मुआवजा भी दिया गया है।
-प्रभावित क्षेत्र
इस कार्य के दौरान सिंचाई विभाग की लापरवाही प्रभावित किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। नहर खुदाई में किसानों की जमीन जाने के बावजूद लंबे समय तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला। मुआवजे को लेकर किसानों ने आंदोलन भी किया। काफी समय तक आंदोलन और कार्य रुकवाने के बाद किसानों को मुआवजा मिला। इसके बाद बारिश में सारंगा खेड़ा के पास कच्ची बनाई जा रही नहर क्षतिग्रस्त होने से कई किसानों के खेतों में पानी भर गया। वर्तमान में गत 15 फरवरी 2020 को खुदाई के दौरान हनोतिया कोटड़ी में लापरवाही से विस्फोट के बाद कई ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हुआ है।
-अभी भी अधूरा पड़ा कार्य
करोड़ों रुपए की लागत से होने वाला कार्य संवेदक और सिंचाई विभाग के अभियन्ताओं की लापरवाही से कार्य समय पर पूर्ण नहीं हुआ है।
-गांव में अब भी दहशत
हनोतिया में शनिवार को खुदाई के लिए किए गए ब्लॉस्ट में लापरवाही से गांव के लोग अब भी डरे हुए है। जिस स्थान पर ब्लॉस्ट किया गया। उसके कुछ ही दूरी पर जोरावर सिंह का मकान है। जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जोरावर सिंह का परिवार अब भी दहशत में है। परिवार के लोग डरे सहमे है। घर के बाहर खाना बनाया जा रहा है।
–184 परिवार
जिस गांव में धमका हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार हनोतिया कोटड़ी में 184 परिवार निवास करते है। गांव की जनसंख्या 2011 के अनुसार 948 है। जिसमें 489 पुरुष और 459 महिलाएं निवास करती है। गांव में अधिकांश किसान और मजदूर है। ब्लॉस्ट से ग्रामीणों की जान सांसत में पड़ गई। जिम्मेदार अब भी अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ रहे हैं।
–ब्लास्टिंग की जगह गुजर रही हाइटेंशन लाइन
पत्रिका सवांददाता मंगलवार को हिनोतिया कोटड़ी गांव पहुंचे तो ग्रामीण शम्भु सिंह सहित कई ने बताया कि ब्लास्टिंग होने वाली जगह के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। ब्लास्टिंग के दौरान हाइटेंशन लाइन की विद्युत आपूर्ति भी चालू थी। ब्लास्ट होने के बाद पत्थर उछलकर लाइन से टकराए। जिससे हाइटेंशन लाइन झुल गई। विद्युत विभाग को सूचना देने के बाद कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर लाइन को दुरुस्त किया।
–इस मामले की सूचना मिलते ही मौके पर तहसीलदार को भेजा था । उन्होंने मौके का निरीक्षण कर मुझे रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद हिनोतिया कोटड़ी के ग्रामीणों ने इस मामले में ज्ञापन भी दिया था। रिपोर्ट और ज्ञापन की रिपोर्ट बनाकर जिला कलक्टर को भेज दी है।
एचडी सिंह, कार्यवाहक उपखंड अधिकारी