पिछली बार 128.72 करोड़ के मुकाबले विभाग ने 150 करोड़ लक्ष्य प्राप्त किया था। ऐसे में इस बार विभाग ने 52 करोड़ अधिक लक्ष्य बढ़ा दिया है। जून तक 44 करोड़ का लक्ष्य तय करना था। इसमें से विभाग ने अभी तक 39 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
एक तरफ तो विभाग की साइट पर लिखा हुआ है कि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, वहीं दुकानदारों द्वारा कम शराब उठाने पर विभाग की पैनल्टी लगाता है, ऐसे में विभाग की दोहरी नीति के कारण दुकानदारों को भी मजबूरी में लक्ष्य के अनुसार शराब बेचनी पड़ती है। अगर शराब नहीं उठाते हैं तो अंग्रेजी पर 20 रुपए व बीयर पर 10 रुपए पैनल्टी लगाई जाती है। इस बार क्वाटरली पैनल्टी 5 लाख 60 हजार की लगाई गई है।
राज्य सरकार एक तरफ तो कहती है कि शराबखोरी कम की जाएगी। दूसरे तरफ आबकारी विभाग को पैसे की मशीन समझ पांच साल से लगातार लक्ष्य बढ़ाते जा रहे है, ऐसे में सरकार ने खुद की वेबसाइट पर शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह आपकी चेतना, धन एवं स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक है लिखकर हिदायत भले ही दे रखी है, लेकिन पहले सरकार स्वयं इस पर अमल करें तो जनता भी जरूर अमल करेंगी।
वर्ष लक्ष्य प्राप्ती करोड़ में
2015-16 87.40 93
2016-17 101.38 104
2017-18 107.96 107.81
2018-19 128.72 150.31
2019-20 181
लाइसेंस से 32 करोड़ की हुई थी आय
आबकारी विभाग को लाइसेंस से करीब 32 करोड़ की आय हुई थी। इस बार विभाग के पास 11 हजार 737 आवेदन आए थे। पहले दुकान नहीं खुलने पर ज्यादा पैसे डूबते थे, लेकिन इस बार राशि कम करने से आवेदन ज्यादा आए थे।
जिले में 137 समूह की 151 दुकानें है, इनमें कंपोजिट की 119, देशी की 18 दुकानें है। अंग्रेजी की 9 है, जिनमें 4 झालावाड़, 2 झालरापाटन, 3 भवानीमंड़ी में है।
हां बढ़ा है लक्ष्य-
विभाग ने इस बार झालावाड़ जिले में आबकारी राजस्व का लक्ष्य बढ़ाकर 181 करोड़ रखा है। गत वर्ष ये लक्ष्य 128 करोड़ ही था। हालांकि लक्ष्य काफी बढ़ा है, लेकिन विभाग के निर्देशानुसार लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
रामरतन मीणा, जिला आबकारी अधिकारी, झालावाड़