jhalawar news, girl rap जज बोले, छह साल की बालिका से रैप करने वाला राक्षसी मनोवृति, फांसी पर लटकाओ
आरोपी लालचन्द बैरागी ने एक छह बालिका की बलात्कार के बाद हत्या कर शव कट्टे में भरकर मकान का ताला लगाकर निकल गया था। इस मामले में थाना सदर में मामला दर्ज हुआ था।
झालावाड़
Published: March 07, 2022 10:09:02 pm
झालावाड़. जिले के गांव में छह साल की मासूम बालिका से बलात्कार के बाद हत्या करने के मामले में पोक्सो कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश ने सोमवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई।
विशिष्ठ लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि जिले में दो वर्ष पूर्व आरोपी लालचन्द बैरागी ने एक छह बालिका की बलात्कार के बाद हत्या कर शव कट्टे में भरकर मकान का ताला लगाकर निकल गया था। इस मामले में थाना सदर में मामला दर्ज हुआ था। सोमवार को पोक्सो कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश वर्मा ने आरोपी लालचन्द बैरागी निवासी नयागांव सोयतकला मध्यप्रदेश को 302 में फांसी की सजा सुनाई व बीस हजार रूपए का अर्थदंड से दंडित किया।
मृत्यु होने तक लटकाकर रखें-
न्यायाधीश वर्मा ने अभियुक्त लालचन्द को धारा 302 के अपराध का दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई। जिसमें बताया कि अभियुक्त की गर्दन में फंदा लगाकर तब तक लटकाया जाएं जब तक की उसकी मृत्यु नहीं हो जाती है। अभियुक्त को 20 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया जर्माना जमा नहीं कराने पर दो वर्ष को कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं धारा 376 एबीआईपीसी व 5 एमएन/6 में आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। धारा 201 में तीन वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रूपए जुर्माने से दंडित किया।
ये थे पूरा मामला
लोक अभियोजक ने बताया कि फरियादी ने 12 मार्च 2020 को पुलिस थाना सदर में रिपोर्ट दी थी कि उसकी 11 मार्च को उसकी 6 वर्षीय नाबालिग पुत्री घर पर नहीं आई।आस-पास तलाश किया नहीं मिली। कनवाड़ा पुलिस चौकी पर इसकी सूचना देकर आ गए। आसपास वालों से पूछा तो उन्होंने बताया कि बालिका हमारे पुराने मकान में जिसमें लालचन्द किराए से रहता था उसके साथ जाते हुए देखा था। मकान पर ताला लगा हुआ था मकान का ताला तोड़कर देखा तो रसोई में बालिका की लाश एक प्लास्टिक के कट्टे में मिली। बालिका के गुप्तांगों से खून आ रहा था। मुलजिम ने छह वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार कर साक्ष्य नष्ट करने के उद्देश्य से बालिका को कट्टे में बंध कर दिया।
रिश्ते हुए तार-तार
न्यायाधीश द्वारा दिए फैसले में बताया कि किराएदार व मकान मालिक के रिश्ते ऐसी घटनाओं से तार-तार हुए है। ऐसी स्थिति में आरोपी की ओर से कारित अपराध की प्रकृति को देखते हुए किसी प्रकार की पुनर्वास संभावना प्रतीत नहीं होती। बल्कि आरोपी समाज की मुख्य धारा से जुडऩे के योग्य नहीं है। आरोपी को लालचन्द को मृत्यु दंड से भी कम यदि कोई दंड दियाजाता है तो उससे न केवल न्याय के उद्देश्य विफल होंगे, बल्कि समाज में भी इस प्रकार के राक्षसी मनोवृति वाले व आपराधिक कृत्य करने वाले अपराधियों को बढ़ावा मिलेगाऔर आमजन में ऐसे लोगों से हमेशा डर बना रहेगा। लालचन्द के विरूद्ध यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम प्रतीत होना पाया जाता है। पीडित परिवार को पीडि़त प्रतिकर स्कीम का लाभ दिलाए जाने की अनुशंषा की गई।
पांच दिन में किया था चालन पेश-
मामले की गंभीरता को देखते हुए पहली बार 5 दिनमें न्यायालय में चालान पेश कर दिया था। तत्कालीन सदर एसएचओ संजयप्रसाद मीणा ने बताया कि घटना के बाद छह घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया गया था। अनुसंधानअधिकारी गोपाल मीणा ने केस स्टडी में केस को लेकर जल्द जांच पूरी कर आरोपी को सजा दिलाई।
जिले में तीसरी फांसी की सजा-
- जिले में 24 अगस्त 2018 को मुलजिम मोडङ्क्षसह उर्फ मोरङ्क्षसह निवासी छोटी रायपुर थाना कोतवाली को फांसी की सजा सुनाईजा चुकी है।
- जिले में 23 सितंबर 2019 को पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश प्रेमप्रकाश गुप्ता ने मुलजिम कमल लोधा निवासी मोग्याबेह थाना कामखेडा को फांसी की सजा सुनाई।
- 7 मार्च 2022 को पोक्सो कोर्ट ने तीसरी फांसी की सजा सुनाई।

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