विवाह समारोह में बैण्ड-बाजा वादकों को उक्त संख्या से अलग रखा जाएगा। पूर्व विभागीय आदेशानुसार लगाये गये जन अनुशासन कफ्र्यू सप्ताह के प्रत्येक शनिवार रात्रि 11 बजे से सोमवार सुबह5बजे तक जिले के केवल नगरीय क्षेत्रों में लागू रहेगा इस दौरान आवश्यक गतिविधियों के अलावा अन्य गतिविधिया प्रतिबंधित रहेगी एवं संपूर्ण जिले में प्रतिदिन रात्रि 11 बजे से प्रात: 5 बजे तक रात्रिकालीन Jhalawar Curfew जारी रहेगा। उक्त आदेश दिनांक 24 जनवरी से प्रभावी होगा। संयुक्त प्रवर्तन दल एवं एंटी कोविड टीम मार्केट एसोसिएशन के साथ मिलकर बाजारों एव मॉल्स में कोविड उपयुक्त व्यवहार डबल डोज वैक्सीनेशन, मास्क, दो गज की दूरी सैनेटाईजेशन इत्यादि की पालना करनेके लिए जागरूकता का प्रसार करेगी।उक्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर समस्त उपखंड मजिस्ट्रेट द्वारा उनके स्थानीय क्षेत्राधिकार में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 80 एव राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
परिजनों को कैसे मना करें समझ में नहीं आ रहा
सुनेल. कोरोना का असर एक बार फिर से शादियों पर पड़ता नजर आ रहा है। कोरोना रोगियों की संख्या में वृद्धि के कारण सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। इसमें शादी-ब्याह के आयोजनों में शहरी क्षेत्र में 50 और ग्रामीण क्षेत्र में 100 लोगों के शामिल होने की ही छूट दी है। मकर संक्रांति के बाद मलमास हट गया, इसके साथ ही मंागलिक आयोजन शुरू हो गए हंै। जिन युवक-युवतियों की शादियां नजदीकी सावोंं में है, उनके परिजन चिंता में हैं। कोरोना के कारण उनकी व्यवस्थाएं प्रभावित होती दिख रही हंै। अधिकतर ने बैंडबाजा, भवन, हलवाई आदि बुक करा लिए हंै, अब उन्हें नए सिरे से सीमित संख्या के हिसाब से व्यवस्थाएं करनी पड़ रही है। हालांकि फिलहाल गाइड लाइन 30 जनवरी तक ही है, लेकिन कोरोना से उपजे हालातों को देखते हुए आगे के सावों में होने वाली शादियांं को लेकर परिजनों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उभर रही हैं।
सावे ही सावे
ज्योतिष पंडित बालकृष्ण दुबे ने बताया है कि आने वाले सीजन में कस्बे सहित क्षेत्र में काफी शादियां हैं। एक मोटे अनुमान के तौर पर जनवरी-फरवरी में कस्बे में लगभग तीन सौ के करीब शादियां होंगी। सावों की भरमार है। इनमें बसंत पंचमी का अबूझ सावा भी है।