Rajasthan: बस स्टैंड की 14 बीघा जमीन पर काट दी प्लानिंग, दुकानों में भर दिया भूसा
Patrika Expose: यहां वर्ष 2004 में बारां रोड़ पर महावीर कॉलोनी में ग्राम पंचायत द्वारा 14 बीघा सरकारी भूमि क्रय कर बस स्टैंड निर्माण के लिए रोडवेज डिपो को दी गई थी।
खानपुर में 20 वर्ष पहले बारां रोड पर बने बस स्टैंड की दुकानों में भरा भूसा।
धर्मेंद्र मालव Jhalawar News: खानपुर कस्बे में पिछले दो दशकों में 2 बार बस स्टैंड निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू हुई। इसके लिए बजट भी मिला और भूमि का भी चयन कर लिया गया लेकिन अभी तक बस स्टैंड नहीं बन पाया। वहीं एक जगह आधा अधूरा बना लेकिन वहां से आज तक बसें शुरू नहीं हो पाई।
करीब 20 साल से लोगों को असुविधा का दंश झेलना पड़ रहा है। कस्बे में दोनों बार बस स्टैंड के लिए सांसद व विधायक कोष से दी गई लाखों की राशि से निर्माण व्यर्थ चला गया। यहां वर्ष 2004 में बारां रोड़ पर महावीर कॉलोनी में ग्राम पंचायत द्वारा 14 बीघा सरकारी भूमि क्रय कर बस स्टैंड निर्माण के लिए रोडवेज डिपो को दी गई थी।
इसके बाद सांसद कोष से बस स्टैंड निर्माण कराने के लिए 10 लाख रुपए दिए गए थे। इस राशि से बुकिंग विंडो, बरामदा व सामने 5 दुकानों का निर्माण कराया गया। वहीं बारां रोड़ से बस स्टैंड तक 80 फीट चौड़ाई में सीसी सड़क का निर्माण कराया गया था लेकिन उस दौरान गुटबाजी व राजनीतिक खींचतान के चलते मामला उलझ जाने से आज तक यहां बस स्टैंड का संचालन नहीं हो सका।
इसके चलते यहां 14 बीघा भूमि पर भूमाफियों द्वारा अवैध रूप से प्लॉनिंग कर प्लॉट तक बेच दिए। साथ ही बस स्टैंड के लिए बना समूचा भवन खण्डहर होकर गिरने के कगार पर बना हुआ हुआ है। आसपास की कॉलोनी के लोग दीवारों से पत्थर तक खोदकर निकाल गए। निर्माण कार्य के लिए लगाई गई शिलान्यास पट्टिका तक तोड़कर ले गए।
बरामदे के सामने बनी 5 दुकानों में अज्ञात जनों द्वारा भूसा भर रखा है। वहीं बस स्टैंड तक बने 80 फीेट रास्ते पर दोनों और लोगों ने अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है। इसके बावजूद पंचायत व प्रशासन का इस और ध्यान नहीं है।
सात साल में केवल चारदीवारी ही बनी
कस्बे में केन्द्रीय बस स्टैंड की ज्वलंत समस्या को देखते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2017 में आनन फानन में मेगा हाइवे बायपास पर 3 बीघा भूमि सरकारी भूमि का चिन्हीकरण कर भूमि रोडवेज डिपो को सुपुर्द कर दी गई। यहां बस स्टैंड निर्माण के लिए सांसद कोष से 20 लाख, विधायक कोष से 10 लाख तथा गोयल प्रोटीन ग्रुप द्वारा 30 लाख रुपए देने की घोषणा की गई लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से यहां पिछले 7 वर्षो में निर्माण के नाम पर केवल चारदीवारी ही बन पाई है।
यहां निर्माण के दौरान चारदीवारी में बनाए गए मुय द्वारा पर लगाए लोहे के गेट भी अज्ञात जने चुरा ले गए। जानकार सूत्रों ने बताया कि सरकार व प्रशासन द्वारा अब तक बस स्टैंड के लिए चिन्हित की गई भूमि को रोडवेज को आवंटित नहीं करने से 7 वर्षो बाद भी इसका संचालन नहीं हो पाया है।
कस्बे में सुविधाओ के अभाव व मुय बाजारों में सड़कों पर चारों ओर अतिक्रमण के चलते रोडवेज बसों को गुजरने में लंबे समय से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते पिछले एक दशक में यहां से होकर गुजरने वाली 70 प्रतिशत रोडवेज बसें बन्द होे गई। इससे आमजन व यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खानपुर होकर संचालित होने वाली चांदखेड़ी-तिजारा, जयपुर-चांदखेड़ी, हिण्डोन-चांदखेड़ी, बारां-इन्दौर, बारां-उदयपुर, अकलेरा- दिल्ली, चांदखेड़ी-दिल्ली के अलावा कोटा से खानपुर, बारां से झालावाड़ तक चलने वाली कई बसें बन्द हो चुकी है।
इन दिनों खानपुर से कोटा जाने के लिए दिनभर में एक दो बसों का संचालन होता है। ऐसे में दूरदराज से अतिशय क्षेत्र चांदखेड़ी आने वाले यात्रियों को निजी साधनों से आना पड़ता है।
दो दशक से अस्थायी बस स्टोपेज
कस्बे में पिछले दो दशक से रोडवेज बसों के लिए अलग अलग मार्गों पर अस्थायी बस स्टोपज बने हुए हैं। इन पर कुछ देर के लिए बस रूककर यात्रियों को बिठाने के बाद रवाना हो जाती है।
यहां मेगा हाइवे पर दहीखेड़ा चौराहा, सारोला रोड पर पुराना बस स्टैंड, बारां रोड पर कृषि उपज मण्डी व कालीतलाई बालाजी के सामने अस्थायी बस स्टोपेज बने हुए है। कस्बे के बाजारों में अतिक्रमण होने से यहां से गुजरने वाली बसें भी बायपास पर होकर गुजरती है। ऐसे में बसों में बैठने के लिए यात्री घरों से कंधों पर सामानों को रखकर दो किलोमीटर दूर आना-जाना पड़ता है।
इनका कहना है…
बस स्टैंड के लिए भूमि आवंटन व अब तक कितना निर्माण हो चुका है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। ऑफिस में फाइल देखकर इसकी जानकारी की जाएगी। अजयसिंह, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग खानपुर
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