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जाति व मूलनिवास के लिए छात्र परेशान, तो गिरदावरी के लिए किसान

locationझालावाड़Published: Apr 16, 2018 04:22:09 pm

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– जिले में 198 हल्कों में नहीं है पटवारी

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जाति व मूलनिवास के लिए छात्र परेशान, तो गिरदावरी के लिए किसान

झालावाड़.जिले में कई पटवार हल्कों पर पटवारी नहीं होने से छात्रों सहित किसानों को परेशानी आ रही है। जिले के करीब १९८ पटवार हल्कों के पटवारियों ने दो माह पहले बस्ते तहसीलों में जमा करा दिए थे। इसके चलते छात्रों व ग्रामीणों को तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे में किसानों को नकल आदि लेनेे के लिए भी तहसीलों में आना पड़ रहा है।
किसानों व छात्रों को यह आ रही परेशानी-
सूत्रों ने बताया कि छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में पसीने आ रहे हैं। १९८ हल्कों के सैंकड़ों छात्रों व किसानों को तहसीलों में करीब ३०-४० किमी दूर से चलकर आना पड़ता है। जहां पर कई बार उनका कार्य नहीं होता है। इस समय किसानों को नकल लेने, फोती इंतकाल, रजिस्ट्री करवाने में परेशानी हो रही है। तो केसीसी जमा कराने व समर्थन मूल्य पर फसले बैचने के लिए गिरदावरी रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। मरलावदा के किसान रोडूलाल ने बताया कि अतिरिक्त हल्कों के चलते पटवारियों ने बस्ते सौंप रखे हैं। इसके चलते ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।वहीं रायपुर क्षेत्र के सालरी गांव निवासी मुकेश कुमार, सीताराम आदि ने बताया कि जब तक पटवारी गिरदावरी रिपोर्ट नहीं देगा तक समर्थन मूल्य पर फसले खरीद का टोकन भी नहीं कट सकता है। ऐसे में अभी कई जगह पटवारियों के नहीं होने से किसानों को परेशानी आ रही है। वहीं अतिरिक्त हल्कों के बस्ते सौंप रखे है,इससे सीमांकन आदि का काम भी नहीं हो पा रहा है। वहीं जिले में ५४ प्रशिक्षु पटवारी सहित १४४ पटवार हल्कों में पटवारी काम कर रहे हैं। शेष भगवान भरोसे ही है।
इन मांगों के चलते रख रखे है बस्ते-
पटवारियों ने पटवारियों की योग्यता स्नातक करने, ३६०० ग्रेड पे करने, तकनीकी पद घोषित करने, अतिरिक्त हल्के का भत्ता बढ़ाने, नामांतर के दौरान गलत सूचना देने पर पुलिस कार्रवाई में पटवारी को शामिल नहीं कर गलत सूचना देने वाले पर कार्रवाई करने,जमाबंदी में हिस्से दर्ज होने में तरमीम भू-प्रबंध विभाग द्वारा करवाई जाने की मांगे शामिल है।
कई किसान रह जाएंगे वंचित-
समय पर गिरदावरी नहीं होने से जिले के कई किसान समर्थन मूल्य पर फसले बैचने से वंचित रह जाएंगे। कई गांवों में पटवारियों ने अतिरिक्त हल्कों के बस्ते तहसीलों में जमा करा रखे हैं। इसके चलते इन हल्कों की गिरदावरी भी किसानों को नहीं मिल पा रही है।
एक मांग पर बनी बात-
राजस्थान पटवार संघ के पदाधिकारियों की जयपर में १० अप्रेल को उच्चाधिकारियों के साथ हुई वार्ता में एक मांग पर बात बनी है। इसमें पटवारियों की आगामी भर्ती परीक्षा में योग्यता स्नातक करने पर सहमती बनी है। पटवारियों की शेष मांगे अभी विचाराधीन है। इसके चलते मई में पटवारी फिर से आंदोलन कर सकते हैं। ऐसे में किसानों की परेशानी कम ओर बढ़ सकती है।
इन्होंने ऐसे बताई अपनी परेशानी-

जिले में अभी किसान गेहूं, चने की फसलों को समर्थन मूल्य पर बेच रहे हंै। लेकिन कई गांवों में पटवारियों के नहीं होने से बिना गिरदावरी के बहुत परेशानी आ रही है। टोकन नहीं कट रहे हैं। समय निकलने के बाद किसानों को नुकसान होगा। मजबूरी में बाजार में कम भाव में फसलें बैचनी पड़ेगी।
राधेश्याम, जिला मंत्री भारतीय किसान संघ,झालावाड़
हमारे यहां पटवारी नहीं है। इससे गिरदावरी रिपोर्ट भी नहीं मिल पा रही है। छात्रों के मूलनिवास व जाति प्रमाण-पत्र भी बनवाने हैं। केसीसी की राशि भी बढ़ानी है। उसमें भी पटवारी के हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे हैं। सरकार जल्द परेशानी का समाधान करें।
घनश्याम किसान, सोलरी।
मुझे जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्र बनवाने हैं। लेकिन पटवारी के नहीं होने से परेशानी आ रही है।
राकेश कुमार धानोदी।

यह कहना है अधिकारियों का-
छात्रों के जाति-मूल निवास प्रमाण-पत्र के लिए ५४ प्रशिक्षु पटवारी लगा रखे हैं। वह हस्ताक्षर कर रहे हैं। केसीसी व समर्थन मूल्य के टोकन के लिए गिरदावरी में परेशानी हो सकती है। पटवारियों की उच्चस्तर पर वार्ता चल रही है। जल्दी ही समाधान हो जाएगा। फिर भी कहीं ज्यादा परेशानी है तो दिखवाएंगे।
भवानीसिंह पालावत, अतिरिक्त जिला कलक्टर,झालावाड़
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