Jhalawar News, Kota Stone . कोटा स्टोन स्लरी का ऐसा स्टार्टअप लगेगा कि मलबे से टाइल्स बनेगी
-Jhalawar News, Kota Stone केन्द्र सरकार देगी 90 फीसदी अनुदान, राज्य सरकार ने भेजा सहमति पत्र
झालावाड़
Published: March 27, 2022 06:13:40 pm
झालावाड़।Jhalawar News, Kota Stone झालावाड़ जिले में कोटा स्टोन की चिराई से निकलने वाली स्लरी से आने वाले दिनों में रंग-बिरंगी टाइल्स और इंटरलॉकिंग बनाई जाएगी। स्लरी आधारित प्लांट लगने से पत्थर उद्योगों को इसके निस्तारण से बड़ी राहत मिलेगी। स्लरी से टाइल्स बनाने से प्रदूषण की समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा। राज्य सरकार ने एमएसई-सीडीपी योजना में प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए सहमति पत्र केन्द्र सरकार को भेज दिया है। केन्द्र से मंजूरी करते ही काम शुरू हो जाएगा।
उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त ने इसी माह के पहले सप्ताह में स्लरी आधारित सीएफसी प्रोजेक्ट के लिए चन्द्रावती फ्लोरिंग चैम्बर्स को हरी झण्डी दे दी है। चन्द्रावती ग्रोथ सेन्टर में ही स्लरी आधारित सीएफसी शुरू किया जाएगा। इसके लिए रीको से जमीन खरीद ली गई है। स्लरी आधारित सीएफसी प्रोजेक्ट की निर्माण लागत करीब नौ करोड़ रुपए आंकी गई। इसका संचालन चन्द्रावती फ्लोरिंग चैम्बर्स करेगा।
90 फीसदी अनुदान देय
स्लरी आधारित उद्योगों को केन्द्र सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में केन्द्र सरकार 90 फीसदी अनुदान दिया जाएगा तथा शेष दस प्रतिशत राशि उद्यमियों को देय होगी। उद्योग आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार चन्द्रावती फ्लोरिंग चैम्बर्स झालरापाटन,झालावाड़ के प्रोजेक्ट के समीप करीब 350 पत्थर इकाइयां कार्यरत है। तथा कोटा स्टोन स्लरी डम्पिंग यार्ड भी आवंटित है। इसलिए राज्य सरकार ने एमएसई-सीडीपी योजना सीएफसी प्रोजेक्ट पर सहमति प्रदान की है।
सफेदी की बिछ जाती है चादर
कोटा स्टोन के रफ माल को तैयार करने के लिए स्पलिटिंग इकाइयों में पत्थर की चिराई की जाती है। इससे स्लरी निकलती है। डम्पिंग यार्ड भरने के बाद स्लरी को इधर-उधर खाली करना पड़ता है। इससे प्रदूषण फैलता है और जमीन बम्पर हो जाती है। रीको क्षेत्र में ही स्लरी की बड़े भू भाग पर चादर बिछी हुई है। इन फैक्ट्रियों से 3 मिलियन टन स्लरी निकलती है।
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राज्य सरकार ने इस प्लांट के लिए सहमति जारी कर देना बड़ी उपलब्धि है। केन्द्र से लगातार सम्पर्क में है। जल्द इसकी अनुमति मिलने की उम्मीद है। राजेन्द्र शर्मा प्रतिनिधि चन्द्रावती फ्लोरिंग चैम्बर झालरापाटन-झालावाड़
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स्लरी आधारित सीएफसी प्रोजेक्ट राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र को भेज दिया है। केन्द्र से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। पर्यावरण की दृष्टि से भी यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। टाइल्स के साथ इंटरलॉकिंग सहित अन्य उत्पाद बनाए जा सकेंगे। रोजगार सृजन भी होगा। हरिमोहन शर्मा, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र

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