कोरोना संक्रमित क्षेत्र निकट होने के बाद भी बैंक ऑफ बड़ौदा में लापरवाही की लाइनें लग रही है। वो भी बिना सोशल डिस्टेंस के। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को छाया-पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। लेकिन बैंक प्रबंन्धक ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। महिलाएं पानी की व्यवस्था करने के लिए बोलती रही लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में करीब 4 घंटे तक लाइन में लगने के बाद कुछ महिलाएं प्यास से परेशान होकर पास में पेड़ की छाया में जा बेड़ी। लेकिन बैंक प्रबन्धन ने रोज का काम समझ ना तो यहां छाया की व्यवस्था की और ना ही पानी। मौके पर करीब आधा घंटे रूके लेकिन एसी रूम में बैठे अधिकारियों व किसी कर्मचारी ने बाहर आकर महिलाओं की परेशानी समझना मुनासिब नहीं समझा।
सिटी फोर लेन स्थित एसबीआई बैंक पर महिलाओं को सोशल डिस्टेंस में एक गार्ड द्वारा अंदर लिया जा रहा है था, पास में क्षेत्रिय ग्रामीण बैंक के बाहर भी कुछ महिलाएं नजर आई लेकिन वह सोशल डिस्टेंस में अंदर जा रही थी, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा में ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। इसके बाद हम मिनी सचिवालय स्थित तीन बैंकों में जाकर देखा तो सामान्य हालात नजर आए।
बैंकिंग से जड़े कर्मचारियों ने बताया कि आम दिनों में जो बड़े व्यापारीए छोटे कारोबारी और वेतनभोगी या चेक.ड्राफ्ट समाशोधन के लिए ग्राहक आते थेए उनकी इन दिनों आवाजाही घट गई है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2 हजार की किस्त, मनरेगा में 199 के स्थान पर 220 रूपए की दैनिक मजदूरी, वरिष्ठ नागरिकों,गरीब विधवा और गरीब दिव्यांगों को तीन महीने तक एक हजार रूपए प्रतिमाहए महिला जन.धन खाताधाकरों को तीन महीने तक 500-500 रूपए जैसी घोषणाओं के बाद लगातार लोग बैंकों में पैसे निकलवाने आ रहे हैं।इनमें अधिकांश जरूरत मंद लोग है। सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जरूरतमंद लोग ही आ रहे हैंए अन्य लोग ऑनलाइन पेमेंट भी कर रहे हैं इससे कैश की जरूरत कम पड़ रही है।
बैंकों के बाहर इतनी भीड़ चिंता का विषय है। सरकार की ओर से जमा राशि पाने की इतनी भी क्या जल्दी है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए भीड़ हो रही है। सुबह9 से दोपहर तक लोग बैंक शाखाओं के बाहर कतारें लगाए खड़े है, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए बैंक गार्ड व पुलिसकर्मी भी नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने जैसे हालात में ये हालात चिंता का विषय है।
-जनधन खाताधारक 19.86 करोड़ महिलाओं को 9930 करोड़ रूपए।
-विधवाए दिव्यांग, वृद्धावस्था पेंशन के 2.82 करोड़ पात्रों को 1405 करोड़ रूपए।
-पीएम किसान योजना के 6.93 करोड़ लाभान्वितों को 13855 करोड़ रूपए।
-निर्माण कार्य से जुड़े 2.16 करोड़ लोगों को 3066 करोड़ रूपए।
बैंक में नियमित रूप से 250 से 300 लोग आ रहे हैए इनमें 85 फीसदी महिला उपभोक्ता है। लेकिन बैंक ने मात्र 4 पानी के कैंपर बाहर रखवाए गए हैए जो सुबह आधा घंटे में ही खाली हो जाते हैं ऐसे में भीषण गर्मी में हलक तर करने के लिए भी ग्राहकों को पानी नहीं मिल रहा है।
1. सुबह 10.30बजे के धूम में बैठे है गुडा गांवडी से पैसे लेने आई हूं। यहां छाया पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। पानी के डिब्बे है लेकिन उनमें सुबह ही पानी खतम हो गया। सरकार को पानी की व्यवस्था तो करनी चाहिए।
नन्दूबाईएलाइन में बैठी बुर्जुग महिला।
मधु व लक्ष्मीबाई छोटी रायपुर
अनिता बैंक के बाहर लाइन में बैठी हुई महिला।
सवाल: बड़ी संख्या में महिलाएं भीषण गर्मी में 4 घंटे तक लाइन में खड़ी रहती है आप ने छाया की कोई व्यवस्था नहीं की।
जवाब: हां सही बात है गर्मी ज्यादा है कल से करवा देंगे।
सवाल: इन दिनों कोरोना लॉकडाउन में जनधन व पेंशन की राशि लेने काफी लोग बैंक आ रहे पानी की कोई सुविधा नहीं की है।
सवालरू बस स्टैंड कोरोना संक्रमित क्षेत्र है आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवा रहे हैं। जवाब: पुलिस वालों को बोल रखा है होकर चले जाते हैं, कल से सोशल डिस्टेंस का पालन करवाया जाएगा।
सोशल डिस्टेंस का पालन करवाने के लिए एसपी साहब को लेटर दे रखा है !बैंक ऑफ बड़ौदा में छाया पानी की व्यवस्था बैंक मैनेजर अपने स्तर पर कर सकते हैं मैं भी बोलता हूं ।
आर के शर्मा लीड बैंक मैनेजर, झालावाड़