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अब वोट ही बताएगा, गढ़ बचेगा या ढहेगा, कांग्रेस को युवाओं से आस, भाजपा राष्ट्रवाद पर सवार

locationझालावाड़Published: Apr 20, 2019 09:56:33 pm

Submitted by:

rohit sharma

अब वोट ही बताएगा, गढ़ बचेगा या ढहेगा, कांग्रेस को युवाओं से आस, भाजपा राष्ट्रवाद पर सवार

घनश्याम दाधीच (साथ में-झालावाड़ से रिपोर्टर हरिसिंह गुर्जर)

झालावाड़-बारां।

न राजनीतिक दलों और न ही उम्मीदवारों का क्षेत्र के लिए कोई एजेंडा है। चुनाव के महज दस दिन पहले तक कोई चुनावी शोर भी नहीं। भाजपा ( BJP ) का तीस साल से वंशवाद तो कांग्रेस ( Congress ) दो दशक से झालावाड़ जिले ( Jhalawar ) में नेतृत्व विहीन। बीते तीन लोकसभा चुनाव की भांति इस चुनाव की कहानी भी इतर नहीं, लेकिन कांग्रेस ने नए व युवा चेहरे को चुनावी मैदान में उतार मतदाताओं को चौंकाया जरूर है।
भाजपा के अभेद्य माने जाने वाले इस दुर्ग को भेदने के लिए कांग्रेस ने ठेठ संघी के रूप में पहचान बनाने वाले प्रमोद शर्मा को अपने पाले में लाकर इस बार चुनौती देने की बड़ी तैयारी की है। यह इसलिए भी कि पिछले तीनों चुनावों में कांग्रेस ने झालावाड़ जिले के किसी भी नेता को लोकसभा के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया था और तीनों ही बार उसे हार मिली थी।
पार्टी उम्मीदवार प्रमोद शर्मा झालावाड़ के रहने वाले हैं, वह गत विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में आए हैं। उन्हें झालावाड़ जिले कई युवा भाजपाइयों का साथ मिलेगा, लेकिन कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता कितनी तरजीह देंगे, यह परिणाम ही बताएगा। जबकि भाजपा उम्मीदवार दुष्यंत सिंह की जीत का ताना-बाना उनकी मां व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही बुनती रही हैं।
इस बार मुखर नहीं मतदाता

झालावाड़ जिले में अभी मतदाता खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन स्थानीय मुद्दों पर बात करते हुए कहते हैं कि रोजगार व किसानों की बात तो दोनों दल करते हैं, लेकिन वादे पूरे नहीं करते। राज्य में ना तो 15 लाख लोगों को रोजगार मिला ना ही 2 लाख तक का किसानों का कर्ज माफ हुआ है।
मतदाता मंहगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर दोनों ही दलों की सोच, नीतियों और घोषणाओं को परख रहा है। मनोहरथाना विधानसभा के असनावर कस्बे में एक दुकान पर शिक्षक रमेशचन्द ने कहा, यहां तो राष्ट्रीय विकास ही मुद्दा है। केवलचन्द पाटीदार ने फसलों का उचित दाम नहीं मिलने की बात कही। पद्मश्री से सम्मानित अग्रणी किसान हुकमचन्द पाटीदार ने कहा, राष्ट्र सुरक्षा व कृषि नीति एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलना चाहिए।
अन्य लोगों का कहना था कि किसानों के अफीम के पट्टे कटे हुए हैं वो बहाल होने चाहिए। खानपुर विधानसभा के रीछवा गांव में दीवड़ी के राधेश्याम पाठक ने कहा कि कालीसिंध डेम तो बना दिया, इससे पूरी जमीन डूब में आ गई। दोनों दल के नेताओं के चक्कर काट कर थक चुके है, कोई भी विस्थापित से जुड़ी परेशानी दूर नहीं कर रहे हैं।
यहां से आगे बढ़े तो झालरापाटन विधानसभा के गांव सिंघानिया में गए यहां नरेन्द्रसिंह हाड़ा बोले, बेरोजगारी ही मुद्दा है, थर्मल में सभी लोग बाहर के लगे हुए हैं। वहां खड़े गोविन्दसिंह व बालूसिंह बोले, फसलों के भाव नहीं है तो भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। डग विधानसभा के भिलवाड़ी गांव में गए यहां एक दुकान पर बैठे लोगों से मिले तो संजय कुमार शर्मा व दुकानदार सचिन गुप्ता बोले ने कहा कि यहां खनन क्षेत्र ही रोजगार का सहारा है, बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इस बार कर्ज माफी भी एक मुद्दा है।
उम्मीदवार नहीं, मोदी ही है मुद्दा

बारां जिले के चार विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा सीट में शामिल हैं। बीते विधानसभा चुनाव में इनमें से तीन पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था तो भाजपा महज एक सीट पर सिमट गई थी। इस बार जिले में भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर आम मतदाताओं में विशेष उत्साह नहीं है।
बारां के हृदय स्थल कहे जाने वाले प्रताप चौक पर चुनावी चर्चा में मशगूल युवा योगेश गुप्ता का कहना था कि माहौल और मुद्दे इस चुनाव में गौण है। ऐसे में मतदाता दलीय निष्ठा व राष्ट्रीय मुद्दों पर ही वोट देने निकलेंगे। धर्मादा चौराहे पर सुबह चाय की चुस्कियां ले रहे सुनील टक्कर का कहना है कि उम्मीदवारों के बजाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ज्यादा चर्चा में हैं। उनका तर्क था कि अब से पहले तक पार्टी एजेंडे को फोकस करने वाले भाजपा उम्मीदवार दुष्यंत सिंह भी मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट की अपील कर रहे हैं।
आदिवासी सहरिया बाहुल्य किशनगंज विधानसभा में मूलभूत सुविधाओं का टोटा है, लेकिन सहरिया जाति के लोगों को कांग्रेस का परम्परागत मतदाता माना जाता है तो किराड़ समेत अन्य जातियों के लोगों का झुकाव भाजपा की ओर रहता आया है। अन्ता विधानसभा क्षेत्र के अन्ता में में साहित्यकार नाथूलाल निडर ने कहा कि मोदी फैक्टर का यहां कोई असर नहीं है, मतदाता भी अभी खेती-किसानी में लगे होने से मुखर नहीं है। वहीं कस्बे के युवा हरीश खंडेलवाल का कहना है कि इस बार चुनाव में राष्ट्रवाद का मुद्दा प्रमुख है।
भाजपा का मजबूत पक्ष-

भाजपा के शासनकाल में हुआ विकास व मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रही है।

कमजोरी-

लगातार तीन बार से सांसद होने के बाद क्षेत्र में सांसद निधि से कोई बड़ा काम नहीं हुआ, कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है।
कांग्रेस का मजबूत पक्ष-

हाल में ही राज्य में कांग्रेस सरकार बनने व स्थानीय प्रत्याशी होने से फायदा भी प्रमोद शर्मा को मिल सकता है।

कमजोर पक्ष-

झालावाड़ में स्थानीय नेताओं की नाराजगी, शर्मा की पृष्ठभूमि संघ की होने से कांग्रेस के परम्परागत वोट छिडकऩे का खतरा बना हुआ है। राज्य में दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी का वादा किया, लेकिन सहकारी समिति के अलावा अन्य लोगों का कर्ज माफ नहीं हुआ।
कुल मतदाता – 18,95,275

पुरुष मतदाता – 9,72,582

महिला मतदाता – 922693

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