झालावाड़

ईएसपी में खराबी थर्मल की एक नंबर यूनिट ठप, फिर होगा करोड़ों का खर्चा

 
-बार-बार बंद होने से मरम्मत पर हो रहा करोड़ों का खर्चा

झालावाड़Nov 26, 2022 / 02:41 pm

harisingh gurjar

ईएसपी में खराबी थर्मल की एक नंबर यूनिट ठप, फिर होगा करोड़ों का खर्चा


एक्सक्लूसिव
हरिसिंह गुर्जर
झालावाड़.कालीसिंध थर्मल की इकाईयों के बार-बार बंद-चालू होने से ऊर्जा विभाग को करोड़ों रुपए का घाटा हो रहा है। थर्मल की एक नंबर यूनिट को ईएसपी में खराबी आने से बुधवार को बंद कर दिया गया है। ऐसे में बार-बार चालू बंद होने से थर्मल का करोड़ों रुपए मरम्मत पर खर्च हो रहे हैं।
एक नंबर यूनिट में राख का बराबर निस्तारण नहीं होने से राख का ढ़ेर लग गया ऐसे में अंदर तक राख जमा होने से एक नंबर यूनिट को बंद करना पड़ा। समय रहते मरम्मत करवाई होती हो ये नौबत नहीं आती।
इसलिए हुई बंद-
इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) में खराबी आने से बुधवार को पहली यूनिट बंद करनी पड़ी।ईएसपी तक अंदर ही अंदर राख का ढ़ेर लग गया। इसके चलते ईएसपी ने काम करना बंद करना दिया और राख ज्यादा एकत्रित हो गई इससे एक नंबर यूनिट बंद हो गई। अगर समय से राख निस्तारण का काम होता तो शायद यूनिट बंद नहीं होती।

समय पर नहीं हुई मरम्मत-
विशेषज्ञों ने बताया कि समय पर मरम्मत नहीं होने से यूनिट बंद हुई है। मरम्मत के अभाव में सिस्टम में खराबी आ गई। पहली यूनिट में करीब 14 ईएसपी बराबर काम नहीं कर रहे थे। राख को बराबर बाहर नहीं फैंक रहे थे। इससे राख वहीं पर गिरती रही ज्यादा राख एकत्रित होने से यूनिट बंद हो गई।
इसलिए भी बढ़ गई समस्या-
कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में पहले राख का टैंडर 250 रुपए प्रति टन था, जिसे बढ़ाकर अब करीब 450 रुपए प्रति टन कर दिया गया है। इसके चलते राख महंगी होने से उठाने वाले कम लोग आ रहे हैं। इससे भी राख का ढ़ेर लग रहा है।
क्या है ईएसपी-
इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) ये वो जगह होती है जहां बिजली बनाने के लिए थर्मल में कोयला जलता है। उस जगह से राख को अलग कर बाहर फैंकने का काम ईएसपी करता है।थर्मल पावर इकाईयों में इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) का अहम योगदान होता है। ये बॉयलर भट्टी से निकलने वाली फ्लू गैस में निलंबित अशुद्धिया को बाहर निकलता है।ये उपकरण चिमनी से बाहर निकलने से पहले गैस की धारा से धुएं, फ्लाई ऐश और निलंबित गंदगी जैसे कणों को फिल्टर करता है, और राख को बाहर फैंकता है।
अब दूसरी यूनिट से ही हो रहा उत्पादन-
अभी कालीसिंध थर्मल की दूसरी यूनिट से ही उत्पादन हो रहा है। अभी दूसरी यूनिट भी पूर लोड पर नहीं चल रही है। यूनिट करीब 470 मेगावाट के लोड पर ही चल रही है। ऐसे में अभी रबी सीजन में किसानों को दिन में ही ज्यादा बिजली की जरुरत है। जबकि दिन में कई बार लाइट ट्रिपिंग कर रही है।

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