दहीखेड़ा के कई घर 15 दिन से अंधेरे में डूबे…
झालावाड़Published: Jun 15, 2020 10:57:44 pm
पचौला जीएसएस से जुड़ा गांव…
झालावाड़. जिले में एक तरफ जहां जयपुर डिस्कॉम बिजली चोरों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर वसूली कर रही है। वहीं दूसरी और कुछ ग्रामीण इलाके ऐसे में भी जहां कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पिछले 15 दिनों से लोग अंधेरे में रात बिताने को मजबूर है। इस भीषण गर्मी में लाइट नहीं होने से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बिजली नहीं आने से दिन में भी अनेक काम प्रभावित होते हैं। पानी की समस्या भी उत्पन्न होने लगी है।
जिले के रटलाई कस्बे के सहायक अभियंता कार्यालय में पिछले 3 से 4 दिनों से ग्राम पंचायत गोपालपुरा के गांव दहीखेड़ा के लोग जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी नहीं मिलने से परेशान हैं। गांव में एक व्यक्ति के खेत में लगे ट्रांसफार्मर से ग्रामीणों को विद्युत कनेक्शन नहीं जोडऩे देने से कई घरों में 15 दिनों से अंधेरा छाया है। दहीखेड़ा गांव के लोगों ने बताया कि बिजली के बिल जमा होने के बाद भी कई दिनों से अंधेरा है।
ज्ञानचंद, मन्नालाल, हेमराज, रामराज, प्रभूलाल, भागचंद, गोपाल आदि ने बताया कि 13 जने के कनेक्शन जिस जगह से जुड़े हैं। वह ट्रांसफार्मर एक व्यक्ति के खेत में लगा होने से वह विद्युत विभाग के कर्मचारी एवं ग्रामीणों को कनेक्शन जोडऩे से मना कर रहा है। इसके चलते 13 जनों के करीब 15 दिनों से बिल जमा हैं। जिसके बावजूद भी उनके घरों में अंधेरा है। वहीं 7 ग्रामीण उपभोक्ता जिनका बिल जमा है उनकी मांग है कि रसूकदार व्यक्ति के घर से ट्रांसफार्मर हटाकर नई जगह लगाया जाए, ताकी जिन लोगों के बिल जमा है उनकों राहत मिल सके। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में रसूकदार व्यक्ति के खेत में गांव के दो ट्रांसफार्मर लगा रख हैं। जिसके चलते विभाग एवं ग्रामीणों को कनेक्शन लेने से मना कर रहा हैं। इसके चलते गांव के लोग कई दिनों से परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दहीखेड़ा गांव से रटलाई की दूरी करीब 40 किमी है। वहीं इस समय कोई साधन भी नहीं चल रहा है। पिछले 4 से 5 दिनों में सहायक अभिंयता कार्यालय में जिम्मेदार अधिकारी से मिलने के लिए चक्करर लगा रहे हैं। ऐसे में कोई नहीं मिलने से परेशानियोंं ओर बढ़ रही है। सहायक अभिंयता एवं कनिष्ठ अभिंयता से इस विषय पर जवाब मांगना चाहा, लेकिन दोनों के मोबाईन बंद आने से विभाग का पक्ष नहीं मिल सका।