बाजार मेें भाव ज्यादा इसलिए नहीं खरीदें-
मिड-डे मील आयुक्त ने बाजार से दालें नहीं खरीदने के आदेश दिए थे। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने बाजार से दालें नहीं खरीदने के आदेश संस्थाप्रधानां को जारी किए है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बाजार में दालों के भाव ज्यादा है, इसलिए सरकार अब सीधे किसानों से दाल लेगी और स्कूलों में सप्लाई करेगी। इससे सरकार व किसान को काफी फायदा होगा, वहीं तेल, मिर्च बाजार से खरीदे जाएंगे। इससे पहले सरकार गेहूं व चावल की स्कूलों में सीधी सप्लाई करती थी,अब दाल की भी सीधी सप्लाई की जाएगी।
मिड-डे मील आयुक्त ने बाजार से दालें नहीं खरीदने के आदेश दिए थे। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने बाजार से दालें नहीं खरीदने के आदेश संस्थाप्रधानां को जारी किए है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बाजार में दालों के भाव ज्यादा है, इसलिए सरकार अब सीधे किसानों से दाल लेगी और स्कूलों में सप्लाई करेगी। इससे सरकार व किसान को काफी फायदा होगा, वहीं तेल, मिर्च बाजार से खरीदे जाएंगे। इससे पहले सरकार गेहूं व चावल की स्कूलों में सीधी सप्लाई करती थी,अब दाल की भी सीधी सप्लाई की जाएगी।
इतनी भेजी मांग-
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से जिले में 1 लाख 52 हजार 156 विद्यार्थियों के लिए 752 क्विंटल दाल की मांग भेजी गई है। यह दाल अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर के लिए आएगी।
अब प्रतिदिन होगी दूध की सप्लाई-
सरकार की ओर से एक सितंबर से प्रदेश के सभी स्कूलों में सप्ताह में छह दिन दूध दिया जाएगा, पहले की तरह स्कूलों में फीका दूध ही मिलेगा। वहीं इस बार दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए महीने में दो बार दूध के सैंपल लेकर जांच करवानी होगी। यह जांच राज्य सरकार की अधिकृत सीएमएचओ की लैब में जांच करवाई जाएगी। अगर दूध की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो संबंधित फर्म से अनुबंध निरस्त किया जाएगा। जिले में अब 12 हजार के स्थान पर प्रतिदिन 24 हजार लीटर दूध की सप्ताई राजकीय स्कूलों में की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से जिले में 1 लाख 52 हजार 156 विद्यार्थियों के लिए 752 क्विंटल दाल की मांग भेजी गई है। यह दाल अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर के लिए आएगी।
अब प्रतिदिन होगी दूध की सप्लाई-
सरकार की ओर से एक सितंबर से प्रदेश के सभी स्कूलों में सप्ताह में छह दिन दूध दिया जाएगा, पहले की तरह स्कूलों में फीका दूध ही मिलेगा। वहीं इस बार दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए महीने में दो बार दूध के सैंपल लेकर जांच करवानी होगी। यह जांच राज्य सरकार की अधिकृत सीएमएचओ की लैब में जांच करवाई जाएगी। अगर दूध की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो संबंधित फर्म से अनुबंध निरस्त किया जाएगा। जिले में अब 12 हजार के स्थान पर प्रतिदिन 24 हजार लीटर दूध की सप्ताई राजकीय स्कूलों में की जाएगी।
हां अब सीधे होगी सप्लाई-
पहले गेहूं, चांवल की सप्लाई हो रही थी, अब स्कूलों में दाल की भी सप्ताई होगी।
गंगाधर मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक, झालावाड़।