प्रवासियों के लिए राहत
जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार नए जॉब कार्ड बनाने के साथ इन लोगों को भी गांवों में ही मनरेगा के कार्यों से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत सभी तरह के कार्य शामिल कर टास्क का निर्धारण किया जा रहा है।
जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार नए जॉब कार्ड बनाने के साथ इन लोगों को भी गांवों में ही मनरेगा के कार्यों से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत सभी तरह के कार्य शामिल कर टास्क का निर्धारण किया जा रहा है।
रोज 7 घंटे काम
जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार पूर्व में गर्मी को देखते हुए मनरेगा के समय में बदलाव किया गया था। जिसके तहत श्रमिकों को सुबह छह से दोपहर एक बजे तक कार्य करना है। ऐसे में कोई श्रमिक अपना कार्य समय से पहले पूरा कर देता है तो उसे उसी समय घर भेज दिया जाता है। मस्टररोल एक पखवाड़े के लिए जारी किया जाता है।
जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार पूर्व में गर्मी को देखते हुए मनरेगा के समय में बदलाव किया गया था। जिसके तहत श्रमिकों को सुबह छह से दोपहर एक बजे तक कार्य करना है। ऐसे में कोई श्रमिक अपना कार्य समय से पहले पूरा कर देता है तो उसे उसी समय घर भेज दिया जाता है। मस्टररोल एक पखवाड़े के लिए जारी किया जाता है।
252 पंचायतों में कार्य
सूत्रों के अनुसार जिले की 252 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत मस्टररोल जारी किए जा चुकी है। जिले की आठ पंचायत समितियों में वर्तमान में एक लाख 87 हजार 466 श्रमिकों को काम दिया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार जिले की 252 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत मस्टररोल जारी किए जा चुकी है। जिले की आठ पंचायत समितियों में वर्तमान में एक लाख 87 हजार 466 श्रमिकों को काम दिया जा रहा है।
पंचायत समिति श्रमिक नियोजन
सुनेल में 24 हजार 18, डग में 18 हजार 391, भवानीमंडी में 16 हजार 625, झालरापाटन में 17 हजार 209, अकलेरा में 38 हजार 350, मनोहरथाना में 30 हजार 873, खानपुर में 23 हजार 821, बकानी 18 हजार 179 पंचायत समितियों में श्रमिक नियोजन हैं।
आने वाले दिनों में मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ सकती है जो प्रवासी गांवों में आए हैं उनके जॉब कार्ड बनाने के आदेश सभी विकास अधिकारियों को जारी कर दिए हं,ै जो भी श्रमिक मनरेगा से जुडऩा चाहते हैं वे अपना जॉब कार्ड बनवा कर मस्टररोल में नाम जुड़ा सकते हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में मनरेगा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए परिवार को पालने में खासी मददगार होगी।
रामजीवन मीणा, सीईओ, जिला परिषद झालावाड़
रामजीवन मीणा, सीईओ, जिला परिषद झालावाड़