झालावाड़

प्रवासी मजदूरों के भी बनेंगे जॉब कार्ड, मनरेगा में कर रहे मजदूरी….

प्रतिदिन टास्क के अनुसार 220 रुपए मिलेगी मजदूरी….

झालावाड़May 21, 2020 / 05:34 pm

Anil Sharma

file photo

सुनेल. कोरोना के विश्वव्यापी संक्रमण के दौर में महात्मा गांधी नरेगा योजना उन लोगों के लिए भी वरदान बन गई है जो काम की तलाश में अन्य राज्यों से यहां आए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने इस योजना में कुछ बदलाव करते हुए इन प्रवासी मजदूरों को भी जोडऩे की योजना बनाई है। इसके तहत झालावाड़ जिले में 698 प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम दियाहै। बुधवार को जिले में इस योजना में एक लाख 87 हजार 466 मजदूर पसीना बहाया। इस काम के बदले उन्हें टास्क के अनुसार 220 रुपए प्रतिदिन मजदूरी मिलेगी, लेकिन अभी वर्तमान में टास्क के अनुसार 180 रुपए प्रतिदिन मजदूरी दी जा रही है। राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों को काम से जोडऩे के लिए मनरेगा योजना का दायरा बढ़ाते हुए कई नए कार्यों की स्वीकृति जारी कर मस्टररोल व श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के सभी जिला परिषदों को आदेश दिए थे। बीते एक पखवाड़े में झालावाड़ जिला परिषद् ने कई नए कार्य शुरू करा ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार से जोडऩे मे तत्परता दिखाई है।
प्रवासियों के लिए राहत
जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार नए जॉब कार्ड बनाने के साथ इन लोगों को भी गांवों में ही मनरेगा के कार्यों से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत सभी तरह के कार्य शामिल कर टास्क का निर्धारण किया जा रहा है।
रोज 7 घंटे काम
जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार पूर्व में गर्मी को देखते हुए मनरेगा के समय में बदलाव किया गया था। जिसके तहत श्रमिकों को सुबह छह से दोपहर एक बजे तक कार्य करना है। ऐसे में कोई श्रमिक अपना कार्य समय से पहले पूरा कर देता है तो उसे उसी समय घर भेज दिया जाता है। मस्टररोल एक पखवाड़े के लिए जारी किया जाता है।
252 पंचायतों में कार्य
सूत्रों के अनुसार जिले की 252 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत मस्टररोल जारी किए जा चुकी है। जिले की आठ पंचायत समितियों में वर्तमान में एक लाख 87 हजार 466 श्रमिकों को काम दिया जा रहा है।

पंचायत समिति श्रमिक नियोजन
सुनेल में 24 हजार 18, डग में 18 हजार 391, भवानीमंडी में 16 हजार 625, झालरापाटन में 17 हजार 209, अकलेरा में 38 हजार 350, मनोहरथाना में 30 हजार 873, खानपुर में 23 हजार 821, बकानी 18 हजार 179 पंचायत समितियों में श्रमिक नियोजन हैं।
आने वाले दिनों में मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ सकती है जो प्रवासी गांवों में आए हैं उनके जॉब कार्ड बनाने के आदेश सभी विकास अधिकारियों को जारी कर दिए हं,ै जो भी श्रमिक मनरेगा से जुडऩा चाहते हैं वे अपना जॉब कार्ड बनवा कर मस्टररोल में नाम जुड़ा सकते हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में मनरेगा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए परिवार को पालने में खासी मददगार होगी।
रामजीवन मीणा, सीईओ, जिला परिषद झालावाड़

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