लोक अदालतों में सौहार्दपूर्ण निस्तारण-
इस मौके पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रघुनाथ दान ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का समझौते एवं सौहार्दपूर्ण तरीके से निस्तारण होता है जिससे ना सिर्फ समय एवं धन की बचत होती है, लेकिन उनके मध्य सौहार्द भी बना रहता है। लोक अदालत द्वारा प्रकरण का निस्तारण समझौते के माध्यम से किया जाकर वैधानिक निर्णय दिया जाता है जो कि अंतिम एवं सभी पक्षों पर बाध्यकारी होता है।
हाथों हाथ होता है निस्तारण- लोक अदालत में लोकेश कुमार शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि कोर्ट में पहले मुकदमें दायर होने के बाद नियत पेशियों के अनुसार चलते थे, किन्तु लोक अदालत में प्रकरण रखने के बाद दोनों पक्षों में राजीनामा होने पर हाथों हाथ प्रकरण का निस्तारण होता है, दोनों पक्षों को कोर्ट के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं।
39 प्रकरणों का निस्तारण- बैंच संख्या एक के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश सिया रघुनाथ दान ने लोक अदालत में लम्बित 39 प्रकरणों का निस्तारण किया जिसमें से मोटर वाहन दुर्घटना के 24 प्रकरणों का पक्षकारान के मध्य राजीनामें से निस्तारण कर मोटर वाहन दुर्घटना प्रकरणों में 1 करोड़ 24 लाख से अधिक राशि के अवार्ड पारित किए। वैवाहिक जोड़ों के मध्य चल रहे विवादों का निस्तारण कर 05 जोड़ों को पुन: मिलाया। बैंच के अध्यक्ष न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय गिरीश अग्रवाल द्वारा की गई समझाईश के परिणामस्वरुप 12 पारिवारिक मामलों में राजीनामा हुआ। लोक अदालत के दौरान 5 दम्पत्तियों ने न्यायालय परिसर में ही एक-दूसरे को माला पहनाकर साथ रहने पर सहमति जताई उनके रिश्ते पहले की तरह से हो गए। वहीं अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रशान्त शर्मा के न्यायालय के समक्ष लम्बित दो अपीलें जो दिगम्बर जैन पंचायत झालरापाटन की सम्पत्ति की किरायेदारी से संबंधित थी का लोक अदालत में राजीनामे के माध्यम से निस्तारण किया, दोनों अपीलों में वर्ष 2003 से पक्षकारान के मध्य विवाद चला आ रहा था और लगभग 20 वर्ष से भी अधिक समय के बाद लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्षों के मध्य लम्बे समय से चले आ रहे विवाद का ना सिर्फ अन्त हुआ बल्कि अन्य विवाद भी समाप्त हो गया। लम्बित एक अन्य दीवानी अपील में राजीनामा हुआ जिसमें भी पक्षकारान के मध्य 2007 से ही विवाद चला आ रहा था। उसका राजीनामें से निस्तारण हुआ। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश के 247 प्रकरण निस्तारित हुए जो झालावाड़ न्याय क्षेत्र में सर्वाधिक है। मुुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव शर्मा की बैंच द्वारा 89 फौजदारी प्रकरणों का निस्तारण किया। सम्पूर्ण जिले में कुल 60000 से अधिक प्रकरणों का निस्तारण कर 4 करोड़ रूपए से अधिक राशि के अवार्ड पारित किए गए।